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बोइंग पर अमेरिका में केस दर्ज...अहमदाबाद विमान हादसे में नया मोड़...मां को जल्द न्याय दिलाना चाहते हैं हीर प्रजापति

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नई दिल्ली: 12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे की जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) कर रही है, जिसमें कई अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसियां भी सहयोग कर रही हैं। इसकी एक प्रारंभिक रिपोर्ट आ चुकी है, लेकिन विस्तृत जांच चल ही रही है। इस हादसे की शिकार हुईं एक पीड़ित कल्पना प्रजापति के बेटे ने अमेरिकी फेडरल कोर्ट में अमेरिकी विमान कंपनी बोइंग पर केस दर्ज कराया है। बता दें कि अभी तक अमेरिकी मीडिया और अन्य एजेंसियां इस हादसे की विस्तृत जांच रिपोर्ट सामने आने से पहले ही हादसे के लिए हादसाग्रस्त विमान एआई-171 के पायलट पर दोष मढ़ने की कोशिशों में लगे रहे हैं, ताकि बोइंग पर किसी तरह की उंगली न उठे। लेकिन, अब एक पीड़ित परिवार ने सीधे अमेरिकी कोर्ट में ही बोइंग मुकदमा ठोक कर मामले को नया मोड़ दे दिया है।



पीड़ित परिवार ने किया बोइंग पर केस

अहमदाबाद विमान हादसा में मृत 44 साल की पीड़ित कल्पना प्रजापति के बेटे हीर प्रजापति ने अपनी मां को जल्द से जल्द न्याय दलाने के लिए यूएस फेडरल कोर्ट में विमान कंपनी बोइंग के खिलाफ केर्स दर्ज कराया है। न्यूज एजेंसी एएनआई से उन्होंने कहा है कि इसके लिए परिवार ने अमेरिकी वकील माइक एंड्र्यूज को मुकदमे की जिम्मेदारी सौंपी है। एंड्र्यूज इस हादसे के पीड़ित अन्य 65 से ज्यादा परिवारों का भी प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में कहा था कि अगर रतन टाटा जीवित होते तो पीड़ित परिवारों को मुआवजे में देरी नहीं हुई होती।



तेजी से न्याय पाने के लिए किया मुकदमा

इस बीच बोइंग के खिलाफ अमेरिकी अदालत का दरवाजा खटखटाने को लेकर प्रजापति ने कहा, 'हम चाहते हैं कि ब्लैक बॉक्स की डीटेल हमारे पास जस का तस और जल्दी से जल्दी आए, ताकि हम वकील के साथ मिलकर अगले कदम को लेकर कोई फैसला ले सकें।' उन्होंने कहा, 'भारत में ट्रायल में वर्षों लग जाते हैं। तारीख पर तारीख चलती रहती है। हम अमेरिका में इस लिए लड़ रहे हैं, ताकि फैसला जल्द आ सके। हमें भरोसा है कि हमको न्याय मिलेगा।'



सरकार,पुलिस, अस्पताल की सराहना

हालांकि, प्रजापति ने हादसे के बाद सरकार, पुलिस और अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टरों से मिली मदद की बड़ी सराहना की है और इन सबका धन्यवाद किया है। उन्होंने बताया कि किस तरह से डॉक्टरों ने तेजी से डीएनए टेस्ट करके बॉडी को उनके हवाले कर दिया। उन्होंने अपनी मां समेत विमान में सवार 241 के लिए साबित हुए दुखद यात्रा के बारे में कहा कि पहले 9 जून का उनका टिकट था, जिसे पहले 11 जून और 12 जून को किया गया था, जिस दिन अहमदाबाद से लंदन के गेटविक जा रहे एयर इंडिया का विमान बोइंग-787 ड्रीमलाइनर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान के एक यात्री सुरक्षित बच गया। इस हादसे में जिस मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल पर यह विमान गिरा, वहां मौजूद कई लोगों की भी जान चली गई।



जांच रिपोर्ट को तोड़ने-मरोड़ने की कोशिश

एएआईबी ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा है कि विमान के टेकऑफ के कुछ ही सेकंड के भीतर इसके दोनों इंजन के फ्यूल कंट्रोल स्विच 01 सेकंड के अंतर के साथ एक के बाद एक 'रन' से 'कटऑफ' मोड में चले गए और बंद हो गए, जिसकी वजह से विनाशकारी हवाई दुर्घटना हुई। इस रिपोर्ट के अनुसार एक पायलट ने पूछा कि कटऑफ क्यों किया? तो दूसरे ने जवाब दिया कि मैंने ऐसा नहीं किया। इसी आधार पर अमेरिकी एजेंसियां और मीडिया इस तरह के दावे करने लगे कि हादसे के लिए पायलट जिम्मेदार है। माना जा रहा है कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि पहले से ही सवालों के घेरे में उलझी अमेरिकी विमान कंपनी बोइंग किसी लपेटे में न आए और अमेरिका की साख को बट्टा न लग जाए!



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