झुंझुनूं: पुलिस विभाग में आमतौर पर ऊंचे पदों पर बैठे अधिकारियों और जूनियर कर्मचारियों के बीच एक खाई होती है, लेकिन झुंझुनूं में डीआईजी जैसी पोस्ट पर पहुंच चुके झुंझुनूं एसपी शरद चौधरी ने एक ऐसी मिसाल पेश की है जो सोशल मीडिया पर वायरल होकर अब सुर्खियां बटोरी रही है। उन्होंने न सिर्फ अपने चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी ओमप्रकाश को उनकी सेवानिवृत्ति पर सम्मानित किया, बल्कि खुद अपनी सरकारी गाड़ी चलाकर उन्हें घर तक छोड़ा। यह घटना पुलिस विभाग में दरियादिली और इंसानियत की मिसाल बन गई है।दरअसल, राजस्थान पुलिस के डीआईजी और झुंझुनूं के पुलिस अधीक्षक आईपीएस शरद चौधरी ने इंसानियत, विनम्रता और दरियादिली की मिसाल पेश की है। एक उच्चाधिकारी होकर भी उन्होंने अपने मातहत सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारी के सम्मान में जो कार्य किया, वह हर किसी के दिल को छू गया। 28 साल की सेवा का सम्मानआपको बताते चले कि पुलिस विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के तौर पर 28 वर्षों तक निष्ठा से सेवा देने वाले ओमप्रकाश की सेवानिवृत्ति पर आयोजित समारोह में डीआईजी शरद चौधरी ने उन्हें शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। लेकिन इससे भी बड़ी बात यह रही कि समारोह के बाद डीआईजी चौधरी ने समारोह के बाद डीआईजी ने स्कॉर्पियो गाड़ी की चाबी लेकर खुद सरकारी स्कॉर्पियो की ड्राइविंग सीट संभाली और ओमप्रकाश को उनके घर तक छोड़ने गए। यह सम्मान जिंदगी भर याद रहेगाओमप्रकाश ने इस भावनात्मक पल को साझा करते हुए कहा, मैंने 28 साल पुलिस विभाग में काम किया, लेकिन आज जो सम्मान मिला, वो अविस्मरणीय है। डीआईजी साहब ने न सिर्फ मुझे समारोह में गर्व महसूस कराया, बल्कि खुद गाड़ी चलाकर मुझे घर छोड़ा। यह मेरे लिए सबसे बड़ा उपहार है। सेवानिवृत्त हुए ओमप्रकाश ने भावुक होकर कहा कि डीआईजी साहब द्वारा स्वयं घर तक छोडना उनके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है, जिसे वे हमेशा गर्व से याद रखेंगे। अपनी तरफ से मंहगी वाली स्कूटी भी देने का वादापुलिस विभाग जैसे अनुशासित और पदानुक्रमित ढांचे में एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा ऐसा कार्य किया जाना बड़ी बात है। डीआईजी चौधरी की इस उदारता और संवेदनशीलता ने पूरे महकमे में एक सकारात्मक संदेश दिया है कि मानवता और सम्मान का कोई पद नहीं होता। इस पूरे मौके पर डीआईजी शरद चौधरी ने न केवल ओमप्रकाश के कार्यों की सराहना की बल्कि उन्हें एक नई स्कूटी उपहार में देने की घोषणा भी की, ताकि वे अपने भविष्य के दिनों में सुविधा से आ-जा सकें। छोटे-बड़े का भेद नहीं, हर कर्मचारी महत्वपूर्णडीआईजी शरद चौधरी ने इस मौके पर कहा, हर कर्मचारी विभाग की रीढ़ होता है। ओमप्रकाश जी ने दशकों तक मेहनत से काम किया है, उनका सम्मान करना हमारा कर्तव्य था। उनके इस कदम ने पुलिस फोर्स में टीम भावना और नेतृत्व की नई मिसाल कायम की है। यह घटना सामने आते ही सोशल मीडिया पर डीआईजी की जमकर तारीफ हो रही है। यूजर्स ने इसे नेतृत्व की सही परिभाषा और इंसानियत की जीत बताया है। कई लोगों ने लिखा कि अगर हर अधिकारी ऐसी सोच रखे, तो सिस्टम बदल सकता है। डीआईजी शरद चौधरी का यह कदम यह दर्शाता है कि जब नेतृत्व में संवेदनशीलता और विनम्रता हो, तो संगठन और समाज दोनों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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