16 श्रृंगार में किन चीजों को शामिल किया जाता है?
अगर आपके मन में भी इस तरह के सवाल आते हैं, तो अब समय आ गया है कि आप इन प्रश्नों पर हमेशा के लिए विराम लगा दें। यहां हम आपको बताएंगे कि 16 श्रृंगार में किन चीजों को शामिल किया जाता है और इसे करने का महत्व क्या है। साथ ही, आपको इस बात का भी ध्यान रखना है कि हम आपको जो जानकारी दे रहे हैं, ये हरतालिका तीज के त्यौहार तक सीमित नहीं है।
आपको जिन भी त्यौहारों में 16 श्रृंगार करने के लिए कहा जाएगा। उसमें इन्हीं सभी चीजों को शामिल करना होगा। आइए अब इंटरनेट पर मौजूद जानकारी के आधार पर जान लेते हैं कि सोलह श्रृंगार में किन चीजों को शामिल किया जाता है?
बिंदी और सिंदूर
जी हां, जब भी सोलह श्रृंगार की बात होती है, तो माथे पर बिंदी और मांग में सिंदूर लगाना बहुत जरुरी होता है। बिंदी को माथे के बीच में यानी आज्ञा चक्र पर लगाया जाता है, जो कि एनर्जी और ध्यान का केंद्र है। इससे आपका फोकस बढ़ता है और मन शांत रहता है। वहीं, लोग मान्यताओं के हिसाब से सिंदूर मांग में भरने से देवी पार्वती का आशीर्वाद मिलता है और ये सुहाग की लंबी आयु का प्रतीक होता है।
काजल और मेहंदी

बता दें कि काजल और मेहंदी सुंदरता बढ़ाने तक ही सिमित नहीं होती हैं। दरअसल, काजल घर पर बादाम से बनाया जाए, तो ये आंखों की रक्षा करता है और नजर दोष से बचाता है। वहीं, मेहंदी हाथों को ठंडक देती है। इसके अलावा, सौभाग्य और प्यार का प्रतीक भी होती है।
चूड़ियां और कुमकुम

चूड़ियां महज हाथों की शोभा नहीं बढ़ाती हैं, बल्कि मधुर आवाज का भी कारण बनती है। इस आवाज से पूरे घर में पॉजिटिव एनर्जी फैलती है। वहीं, कुमकुम मस्तक यानी माथे पर लगाने से आध्यात्मिक शक्ति जागृत होती है। ये सनातन धर्म का बहुत ही अहम हिस्सा और प्रतीक होता है।
गजरा और मांग टीका
गजरा यानी फूलों को बालों में लगाने से मन खुश रहता है और वातावरण भी खुशबूदार बना रहता है। इससे महिलाओं को देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है। वहीं, मांग टीके को माथे के बीच में पहना जाता है, जो कि एनर्जी को बैलेंस करने का काम करता है।
नाक की नथ और झुमके
महिलाओं के लिए नथ पहनना फायदेमंद होता है। ये सिर्फ अच्छे लुक से नहीं जुड़ा होता है, बल्कि महिलाओं के प्रजनन तंत्र और रिप्रोडक्टिव स्वास्थ्य से जुड़ा होता है। इससे उनकी सेहत अच्छी रहती है। वहीं, झुमके कान के एक्यूप्रेशर बिंदुओं पर असर डालते हैं, जिससे शरीर स्वस्थ रहता है।
मंगलसूत्र और गले का हार
मंगलसूत्र को वैवाहिक बंधन और पति की लंबी उम्र का प्रतीक माना जाता है। वहीं, गले का हार हृदय चक्र को शक्ति देने का काम करता है। साथ ही, ये प्रेम और तालमेल को बढ़ाने का काम करता है।
बाजूबंद, पायल और बिछिया

बता दें कि जूलरी के ये तीनों हिस्से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बैलेंस करने का काम करते हैं। बाजूबंद हाथों की शोभा बढ़ाते हैं। इसके अलावा, [ऑयल और बिछिये पैरों के एक्यूप्रेशर बिंदुओं पर दबाव डालते हैं। इससे सेहत में भी सुधार होता है।
आल्ता और इत्र
बता दें कि सोलह श्रृंगार को पूरा करने के लिए महिलाओं को पैरों में आल्ता लगाना होता है। इसे पैरों की सुंदरता बढ़ाने और शुभता का प्रतीक माना जाता है। वहीं, इत्र तन-मन को शुद्ध और ताजगी से भरने का काम करता है। ध्यान रखें कि ये जानकारी लोक मान्यताओं पर आधारित है।
(Disclaimer: ये लेख आपकी जानकारी के लिए है। साथ ही याद रखें कि हर किसी की स्किन अलग-अलग होती है, इसलिए किसी भी तरह के नुस्खे को अपनाने से पहले पैच टेस्ट करना बिल्कुल न भूलें। अगर आपकी स्किन सेंसिटिव है या आपको किसी भी तरह की एलर्जी है, तो सबसे पहले स्किन स्पेशलिस्ट से बात करें। उनके कहे अनुसार ही स्किन पर कुछ इस्तेमाल करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।)
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