लखनऊ : फूल की खेती करने वाले किसानों से मंडी के बाहर फूलों की बिक्री करने पर मंडी शुल्क नहीं लिया जाएगा। मंडी परिसर में बिक्री करने पर फूल की खेती करने वाले किसानों से सिर्फ यूजर चार्ज लिया जाएगा। शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंडी परिषद के संचालक मंडल की बैठक में ये निर्णय लिया गया। इस फैसले से फूल की खेती करने वाले किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।
बैठक में सीएम ने कहा कि फूलों की ताजगी अल्पकालिक होती है और यह नाशवान प्रकृति का उत्पाद है। मंडी तक लाने में समय लगने से फूलों की गुणवत्ता पर असर पड़ता है और किसान उचित मूल्य से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में किसानों को फूलों की बिक्री मंडी के बाहर करने पर किसी भी तरह का मंडी शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने दो टूक कहा कि मंडियों की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए, जहां किसान सुविधाजनक, सुरक्षित और सम्मानजनक ढंग से अपनी उपज को बेच सकें।
कृषि मंडियों में बनेगी शबरी कैंटीनमुख्यमंत्री ने मंडी परिषद की सभी मुख्य कृषि मंडी स्थलों में ‘शबरी कैंटीन’ बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन कैंटीनों का उद्देश्य केवल भोजन उपलब्ध करवाना नहीं, बल्कि सेवा भावना के साथ सस्ता, स्वास्थ्यवर्धक और स्वादिष्ट भोजन सुनिश्चित करना होना चाहिए। इसके लिए निःशुल्क जमीन दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश में जरूरत के अनुसार नई मंडियों की स्थापना की जाए। साथ ही, लखनऊ के विकल्प खंड, गोमतीनगर में एग्रीमॉल के निर्माण कार्य को तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि अनावश्यक देरी पर जिम्मेदारों पर नियमानुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
16.20% बढ़ी मंडी परिषद की आयबैठक में बताया गया कि 2024-25 में मंडी परिषद की कुल आय ₹1994.55 करोड़ रही है, जो 2023-24 की तुलना में 16.20 प्रतिशत ज्यादा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी परिषद के पास लगभग 20,000 किलोमीटर लंबी सड़कें हैं। किसानों की सुविधा सुनिश्चित करते हुए मंडी परिषद द्वारा नई सड़कों का निर्माण एफडीआर तकनीक से करवाया जाए।
छात्रों को मिलेगा मुख्यमंत्री कृषक छात्रवृत्ति योजना का फायदाबैठक में कृषि शिक्षा से जुड़े छात्रों के हित में बैठक में एक और अहम निर्णय लिया गया। तय हुआ कि अब प्रयागराज स्थित प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भइया) विश्वविद्यालय के कृषि संकाय के छात्र भी ‘मुख्यमंत्री कृषक छात्रवृत्ति योजना’ के अंतर्गत लाभान्वित होंगे। वर्तमान में यह योजना प्रदेश के 09 विश्वविद्यालयों और 60 महाविद्यालयों में संचालित है। बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि आम की गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्री-हार्वेस्ट मैनेजमेंट के अंतर्गत किसानों को मैंगो प्रॉटेक्टिव बैग्स और इंसेक्ट फ्लाई ट्रैप्स जैसी सामग्री निःशुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी।
बैठक में सीएम ने कहा कि फूलों की ताजगी अल्पकालिक होती है और यह नाशवान प्रकृति का उत्पाद है। मंडी तक लाने में समय लगने से फूलों की गुणवत्ता पर असर पड़ता है और किसान उचित मूल्य से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में किसानों को फूलों की बिक्री मंडी के बाहर करने पर किसी भी तरह का मंडी शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने दो टूक कहा कि मंडियों की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए, जहां किसान सुविधाजनक, सुरक्षित और सम्मानजनक ढंग से अपनी उपज को बेच सकें।
कृषि मंडियों में बनेगी शबरी कैंटीनमुख्यमंत्री ने मंडी परिषद की सभी मुख्य कृषि मंडी स्थलों में ‘शबरी कैंटीन’ बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन कैंटीनों का उद्देश्य केवल भोजन उपलब्ध करवाना नहीं, बल्कि सेवा भावना के साथ सस्ता, स्वास्थ्यवर्धक और स्वादिष्ट भोजन सुनिश्चित करना होना चाहिए। इसके लिए निःशुल्क जमीन दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश में जरूरत के अनुसार नई मंडियों की स्थापना की जाए। साथ ही, लखनऊ के विकल्प खंड, गोमतीनगर में एग्रीमॉल के निर्माण कार्य को तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि अनावश्यक देरी पर जिम्मेदारों पर नियमानुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
16.20% बढ़ी मंडी परिषद की आयबैठक में बताया गया कि 2024-25 में मंडी परिषद की कुल आय ₹1994.55 करोड़ रही है, जो 2023-24 की तुलना में 16.20 प्रतिशत ज्यादा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी परिषद के पास लगभग 20,000 किलोमीटर लंबी सड़कें हैं। किसानों की सुविधा सुनिश्चित करते हुए मंडी परिषद द्वारा नई सड़कों का निर्माण एफडीआर तकनीक से करवाया जाए।
छात्रों को मिलेगा मुख्यमंत्री कृषक छात्रवृत्ति योजना का फायदाबैठक में कृषि शिक्षा से जुड़े छात्रों के हित में बैठक में एक और अहम निर्णय लिया गया। तय हुआ कि अब प्रयागराज स्थित प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भइया) विश्वविद्यालय के कृषि संकाय के छात्र भी ‘मुख्यमंत्री कृषक छात्रवृत्ति योजना’ के अंतर्गत लाभान्वित होंगे। वर्तमान में यह योजना प्रदेश के 09 विश्वविद्यालयों और 60 महाविद्यालयों में संचालित है। बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि आम की गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्री-हार्वेस्ट मैनेजमेंट के अंतर्गत किसानों को मैंगो प्रॉटेक्टिव बैग्स और इंसेक्ट फ्लाई ट्रैप्स जैसी सामग्री निःशुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी।
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