भदोही: राजधानी दिल्ली स्थित नए संसद भवन में शुक्रवार की सुबह उस समय सनसनी फैल गई जब एक युवक ने सुरक्षा घेरे को पार कर संसद की दीवार फांदने की कोशिश की। सुरक्षाकर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए युवक को मौके पर ही पकड़ लिया और हिरासत में ले लिया। बाद में जांच में युवक की पहचान उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के कोइरौना थाना क्षेत्र के जोगापुर (सूर्यभानपुर) निवासी रामकुमार उर्फ रामा बिंद (21 वर्ष) के रूप में हुई।
फूट-फूटकर रोते दिखे घर वाले
दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के बाद जब यह खबर भदोही पहुंची तो जोगापुर गांव में हड़कंप मच गया। परिवार के लोग यह सुनते ही बेसुध होकर रोने-बिलखने लगे। रामा बिंद के पिता शिव शंकर बिंद और अन्य परिजन कैमरे पर फूट-फूटकर रोते नजर आए। उनका कहना है कि रामा मानसिक रूप से कमजोर है और कोई भी बड़ा कदम समझ-बूझकर नहीं उठा सकता।
परिजनों के अनुसार, रामा का परिवार बेहद गरीब है और गांव में सरकारी आवास में किसी तरह गुजर-बसर करता है। मां शमला देवी को भी मानसिक रूप से कमजोर बताया गया है, जबकि उसका छोटा भाई कृष्णा (8 वर्ष) भी गंभीर रूप से मंदबुद्धि है। पिता दिहाड़ी मजदूरी करते हैं, वहीं पढ़ाई-लिखाई का परिवार से कोई खास वास्ता नहीं रहा।
करीब पांच महीने पहले रामा अपने बड़े भाई उमेश बिंद के साथ रोज़गार की तलाश में सूरत गया था, जहां दोनों एक साड़ी फैक्ट्री में काम करने लगे। लेकिन उमेश को हर्निया की गंभीर समस्या हो गई और 6 अगस्त को इलाज के लिए घर लौटना पड़ा। 12 अगस्त को प्रयागराज के एक अस्पताल में उसका ऑपरेशन भी हुआ। इस बीच उमेश ससुराल में रह रहा है।
अचानक कैसे पहुंचा दिल्ली?
इधर, रामा 2–3 दिन पहले सूरत से अकेले घर लौटने निकला था, लेकिन अचानक दिल्ली पहुंच गया। परिजनों का कहना है कि वह कब और कैसे वहां पहुंचा, यह किसी को नहीं मालूम। वे संदेह जता रहे हैं कि कहीं रास्ते में उसके साथ जहरखुरानी जैसी कोई घटना तो नहीं हुई या फिर उसकी मानसिक कमजोरी की वजह से वह भटक कर दिल्ली चला गया।
संसद की दीवार फांद गया
घटना के वक्त रामा संसद भवन के गरुड़ द्वार के पास एक जामुन के पेड़ पर चढ़ा और वहां से दीवार फांदने की कोशिश की। तभी सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ लिया। मामला सामने आते ही स्थानीय पुलिस भी सक्रिय हो गई है और रामा के परिवार से पूछताछ की जा रही है।
रामा की पत्नी मंजू देवी हाल ही में एक बच्ची की मां बनी है और मायके में रह रही है। घर पर बूढ़े माता-पिता और छोटे भाई-बहन हैं। इस गरीब परिवार की स्थिति इतनी दयनीय है कि परिजन अब हाथ जोड़कर सरकार और पुलिस से युवक को छोड़ने की गुहार लगा रहे हैं।
'हमार बेटा कुछ समझत नइखे'
परिवार का कहना है कि रामा की मानसिक हालत सामान्य नहीं है और उसे किसी साजिश या शरारत का हिस्सा मानना गलत होगा। पूरे गांव में इस घटना की चर्चा है और लोग इसे गरीबी, लाचारी और मानसिक कमजोरी का परिणाम बता रहे हैं। 'हमार बेटा कुछ समझत नइखे, ऊ दिमागी रुप से कमजोर बा। ओकरे ऊपर रहम कइल जाव, सरकार से हमार हाथ जोड़ के निवेदन बा कि छोड़ा जाए।'
फूट-फूटकर रोते दिखे घर वाले
दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के बाद जब यह खबर भदोही पहुंची तो जोगापुर गांव में हड़कंप मच गया। परिवार के लोग यह सुनते ही बेसुध होकर रोने-बिलखने लगे। रामा बिंद के पिता शिव शंकर बिंद और अन्य परिजन कैमरे पर फूट-फूटकर रोते नजर आए। उनका कहना है कि रामा मानसिक रूप से कमजोर है और कोई भी बड़ा कदम समझ-बूझकर नहीं उठा सकता।
परिजनों के अनुसार, रामा का परिवार बेहद गरीब है और गांव में सरकारी आवास में किसी तरह गुजर-बसर करता है। मां शमला देवी को भी मानसिक रूप से कमजोर बताया गया है, जबकि उसका छोटा भाई कृष्णा (8 वर्ष) भी गंभीर रूप से मंदबुद्धि है। पिता दिहाड़ी मजदूरी करते हैं, वहीं पढ़ाई-लिखाई का परिवार से कोई खास वास्ता नहीं रहा।
करीब पांच महीने पहले रामा अपने बड़े भाई उमेश बिंद के साथ रोज़गार की तलाश में सूरत गया था, जहां दोनों एक साड़ी फैक्ट्री में काम करने लगे। लेकिन उमेश को हर्निया की गंभीर समस्या हो गई और 6 अगस्त को इलाज के लिए घर लौटना पड़ा। 12 अगस्त को प्रयागराज के एक अस्पताल में उसका ऑपरेशन भी हुआ। इस बीच उमेश ससुराल में रह रहा है।
अचानक कैसे पहुंचा दिल्ली?
इधर, रामा 2–3 दिन पहले सूरत से अकेले घर लौटने निकला था, लेकिन अचानक दिल्ली पहुंच गया। परिजनों का कहना है कि वह कब और कैसे वहां पहुंचा, यह किसी को नहीं मालूम। वे संदेह जता रहे हैं कि कहीं रास्ते में उसके साथ जहरखुरानी जैसी कोई घटना तो नहीं हुई या फिर उसकी मानसिक कमजोरी की वजह से वह भटक कर दिल्ली चला गया।
संसद की दीवार फांद गया
घटना के वक्त रामा संसद भवन के गरुड़ द्वार के पास एक जामुन के पेड़ पर चढ़ा और वहां से दीवार फांदने की कोशिश की। तभी सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ लिया। मामला सामने आते ही स्थानीय पुलिस भी सक्रिय हो गई है और रामा के परिवार से पूछताछ की जा रही है।
रामा की पत्नी मंजू देवी हाल ही में एक बच्ची की मां बनी है और मायके में रह रही है। घर पर बूढ़े माता-पिता और छोटे भाई-बहन हैं। इस गरीब परिवार की स्थिति इतनी दयनीय है कि परिजन अब हाथ जोड़कर सरकार और पुलिस से युवक को छोड़ने की गुहार लगा रहे हैं।
'हमार बेटा कुछ समझत नइखे'
परिवार का कहना है कि रामा की मानसिक हालत सामान्य नहीं है और उसे किसी साजिश या शरारत का हिस्सा मानना गलत होगा। पूरे गांव में इस घटना की चर्चा है और लोग इसे गरीबी, लाचारी और मानसिक कमजोरी का परिणाम बता रहे हैं। 'हमार बेटा कुछ समझत नइखे, ऊ दिमागी रुप से कमजोर बा। ओकरे ऊपर रहम कइल जाव, सरकार से हमार हाथ जोड़ के निवेदन बा कि छोड़ा जाए।'
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