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क्या है MLA जयकृष्ण पटेल घूसकांड का सच? जानने के लिए BAP पार्टी ने बनाया यह प्लान

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जयपुर: बांसवाड़ा जिले की बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक जयकृष्ण पटेल की गिरफ्तारी को भारत आदिवासी पार्टी की ओर से एक जांच कमेटी का गठन किया गया है। पार्टी के नेताओं का मानना है कि उनके दल के युवा नेता को एक षड़यंत्र के तहत फंसाया गया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहन लाल रोत का कहना है कि अब तक जो खबरें सामने आई है। उनसे स्पष्ट हो रहा है कि इस प्रकरण के पीछे कोई बड़ा षड़यंत्र हैं। चूंकि पार्टी के गठन के बाद तेजी से जनाधार बढ़ रहा है। चार विधायक निर्वाचित हो चुके हैं और एक लोकसभा सांसद भी जीत चुका है। पार्टी की लोकप्रियता को देखेत हुए बदनाम करने का यह षड्यंत्र हो सकता है। रोत ने कहा कि पार्टी अपने स्तर पर पूरे प्रकरण की जांच करेगी। सरकार और जांच एजेंसी की भूमिका संदेहास्पद भारत आदिवासी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहनलाल रोत की ओर से पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। रोत ने कहा कि यह पार्टी की छवि को धूमिल करने के लिए असफल प्रयास मात्र है। इस पूरे प्रकरण में सरकार और जांच एजेंसी की भूमिका संदेहापस्द है। पूरे प्रकरण की वास्तविकता का पता लगाने के लिए पांच सदस्यों की कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी शीघ्र ही पूरे प्रकरण की जांच रिपोर्ट पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में प्रेषित करेगी। इसके बाद पार्टी अपना अगला कदम तय करेगी। ये पांच सदस्य हैं जांच कमेटी में शामिल1. कांति लाल रोत, राष्ट्रीय सदस्य2. डॉ. जितेंद्र, राष्ट्रीय प्रवक्ता3. रमेश चंद्र मईडा, प्रदेश अध्यक्ष4. उमेश कुमार डामोर, विधायक आसपुर5. थावरचंद डामोर, विधायक, धरियावद परिवादी भी राजनेता है, इसलिए षड्यंत्र होना तयभारत आदिवासी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहनलाल रोत का कहना है कि परिवादी खुद एक राजनेता है। शिकायतकर्ता रविंद्र मीणा बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुका है और रविंद्र के पिता रामनिवास मीणा भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुका है। एक पार्टी का नेता दूसरी पार्टी के नेता से भला कैसे रिश्वत मांग सकता है। यह संभव ही नहीं है। भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले रामनिवास मीणा चुनाव हार चुके। इसलिए राजनैतिक द्वेषता के चलते पूरा षड्यंत्र रचा गया जिसमें विधायक जयकृष्ण पटेल को षड़यंत्र के तहत फंसाया गया है।
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