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Bankipur Voting Live: अबकी बार पिता की विरासत बचा पाएंगे नितिन नवीन? पटना के बांकीपुर सीट पर अब तक 25% वोट पड़े

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पटना: पटना शहर के केंद्र में स्थित बांकीपुर विधानसभा सीट पर वोटिंग जारी है। चुनाव आयोग के मुताबिक पटना जिले में दोपहर 1 बजे तक 37.72 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया है। जिसमें बांकीपुर सीट पर वोट प्रतिशत 25 रहा है।
यहां पर कुल 9 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है और इसे भारतीय जनता पार्टी (BJP) का अभेद्य गढ़ माना जाता है। इस सीट पर मुख्य मुकाबला निवर्तमान विधायक नितिन नवीन या नितिन नबीन (BJP) और महागठबंधन (RJD) की उम्मीदवार रेखा कुमारी के बीच होने की उम्मीद है। ये सीट अपनी कायस्थ आबादी के लिए जानी जाती है, जो निर्णायक मतदाता वर्ग है। यहां वैश्य और ब्राह्मण मतदाता भी अच्छी संख्या में हैं। 2020 में पुष्पम प्रिया चौधरी जैसे हाई-प्रोफाइल उम्मीदवारों के बावजूद, नितिन नवीन ने भारी अंतर से जीत दर्ज की थी, जिससे ये सीट भाजपा के लिए सबसे सुरक्षित सीटों में से एक बनी हुई है।


बांकीपुर सीट के प्रमुख उम्मीदवार
  • नितिन नवीन (भारतीय जनता पार्टी- BJP): बिहार सरकार में मंत्री और भाजपा के निवर्तमान विधायक हैं, जो लगातार चौथी बार (उपचुनाव सहित) यहां से जीतते आ रहे हैं।
  • रेखा कुमारी (राष्ट्रीय जनता दल- RJD): 2020 में महागठबंधन उम्मीदवार के तौर पर कांग्रेस के लव सिन्हा (अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे) उपविजेता रहे थे। 2025 में आरजेडी ने रेखा कुमारी को उम्मीदवार बनाया है।
  • अन्य उम्मीदवारों में: जन सुराज पार्टी ने वंदना कुमारी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) से पंकज कुमार भी मैदान में हैं। 2020 में, 'द प्लूरल्स पार्टी' की पुष्पम प्रिया चौधरी भी अपना पहला चुनाव यहीं से चुनाव लड़ी थीं।


अबकी बार बांकीपुर का बाजीगर कौन?बिहार की राजनीति में कुछ सीटें ऐसी हैं, जिनका जिक्र होते ही जीत-हार का परिणाम लगभग तय मान लिया जाता है। पटना शहर में बसी बांकीपुर विधानसभा सीट उनमें से ही एक है। पटना जिले का ये प्रमुख विधानसभा क्षेत्र, जो पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एक ऐसा अभेद्य गढ़ बन चुका है, जिसे भेदने की चुनौती विपक्ष के लिए हर बार और मुश्किल होती जा रही है। 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के कद्दावर नेता नितिन नबीन ने यहां से शानदार जीत दर्ज की थी। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार लव सिन्हा (शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे) को 39,036 वोटों के अंतर से हराया, जो इस सीट पर भाजपा की पकड़ की मजबूती को दर्शाता है।



पिता की विरासत संभाल रहे नितिन नवीनबांकीपुर का राजनीतिक सफर 2008 के परिसीमन से पहले की 'पटना वेस्ट' सीट से जुड़ा है। दशकों से यह क्षेत्र भाजपा का मजबूत किला रहा है। भाजपा का यह दबदबा 1990 के दशक में शुरू हुआ, जब नवीन किशोर प्रसाद सिन्हा ने 1995 से लगातार चार बार इस सीट पर जीत का परचम लहराया। उनके निधन के बाद, उनके बेटे नितिन नबीन ने 2006 के उपचुनाव में जीत हासिल कर अपने पिता की राजनीतिक विरासत को मजबूती से आगे बढ़ाया। नितिन नबीन यहीं नहीं रुके, उन्होंने परिसीमन के बाद बनी बांकीपुर सीट पर 2010, 2015 और 2020 के चुनावों में लगातार तीन बार जीत दर्ज करके इस सीट को भाजपा का एक अजेय दुर्ग बना दिया।


कायस्थ बहुल बांकीपुर विधानसभा सीटये सीट सिर्फ चुनावी आंकड़ों की नहीं, बल्कि एक पिता-पुत्र की सियासी विरासत की कहानी भी है, जिसने आधुनिक दौर में भाजपा की जड़ों को गहरा किया है। बांकीपुर विधानसभा सीट के राजनीतिक समीकरण को समझने के लिए यहां के कायस्थ समुदाय के प्रभाव को जानना सबसे जरूरी है। यह समुदाय इस क्षेत्र में सबसे अधिक संख्या में है और चुनावी नतीजों में निर्णायक भूमिका निभाता है। यही कारण है कि भाजपा को यहां लगातार समर्थन मिलता रहा है। कायस्थों के अलावा, वैश्य और ब्राह्मण मतदाता भी बड़ी संख्या में मौजूद हैं, जो परंपरागत रूप से भाजपा के वोट बैंक माने जाते हैं।


बीजेपी के लॉयल वोटर निकले कायस्थइस कायस्थ प्रभाव का विस्तार केवल विधानसभा तक ही सीमित नहीं है। ये पटना साहिब लोकसभा सीट पर भी स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा ने (जब वह भाजपा में थे) 2009 और 2014 में इस लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। हालांकि, 2019 में कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ने पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा और भाजपा के रविशंकर प्रसाद ने यह सीट जीत ली। 2024 के लोकसभा चुनाव में भी रविशंकर प्रसाद का मुकाबला कांग्रेस के अंशुल अविजीत से हुआ, लेकिन कायस्थ वोट एक बार फिर निर्णायक साबित हुआ।


बांकीपुर से पुष्पम की हुई थी पॉलिटिकल लॉन्चिंगबांकीपुर सीट पर विपक्ष के लिए हमेशा ही कठिन चुनौती रही है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को अब तक यहां कोई जीत नहीं मिली है। शुरुआती वर्षों में कांग्रेस और सीपीआई ने कुछ प्रभाव जरूर बनाए रखा था, लेकिन भाजपा के मजबूत उभार के बाद विपक्ष का आधार लगभग खत्म हो गया है। 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी लव सिन्हा दूसरे नंबर पर रहे थे। वहीं, इस चुनाव में एक हाई-प्रोफाइल चेहरा, प्लूरल्स पार्टी की नेता पुष्पम प्रिया चौधरी भी मैदान में थीं, जिन्होंने 5,189 वोट हासिल कर तीसरा स्थान प्राप्त किया था। बांकीपुर विधानसभा सीट पर आज भी भाजपा की मजबूत पकड़, एक सुस्थापित सियासी विरासत और कायस्थ वोट बैंक के निर्णायक समर्थन के कारण चर्चा में रहती है। हर चुनाव में यह देखना दिलचस्प होता है कि क्या कोई सियासी दल इस अजेय दुर्ग को भेद पाएगा, या भाजपा एक बार फिर परचम लहराएगा?
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