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कांग्रेस के लिए पाकिस्तान और बांग्लादेश में फेसबुक अकाउंट एक्टिव, हिमंत बिस्वा सरमा ने लगाया सनसनीखेज आरोप

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गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए एक चौंकाने वाला दावा किया है। उन्होंने दावा किया कि राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले कुछ कट्टरपंथी और संदिग्ध तत्वों की सोशल मीडिया पर सक्रियता तेजी से बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला बताते हुए केंद्र सरकार को इस संबंध में सूचित भी कर दिया है। सीएम सरमा ने बताया कि पिछले एक महीने में अचानक 5,000 से ज्यादा फेसबुक अकाउंट सक्रिय हुए हैं, जिनमें से अधिकांश विदेशी मूल के हैं। ये अकाउंट विशेष रूप से असम कांग्रेस और उसके एक नेता की गतिविधियों को लाइक और कमेंट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है जब असम में चुनाव से पहले इस प्रकार का विदेशी हस्तक्षेप देखने को मिल रहा है।





मुख्यमंत्री के अनुसार, जांच में अब तक 2,092 अकाउंट्स की पहचान की गई है, जिनमें से लगभग 700 बांग्लादेश, 350 पाकिस्तान, 50 मध्य पूर्व, 35 अफगानिस्तान से है हैं। वहीं कुछ अन्य अकाउंट फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और अल्बानिया से जुड़े पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन अकाउंट्स की गतिविधियों से प्रतीत होता है कि ये कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं और किसी सुनियोजित रणनीति के तहत काम कर रहे हैं।





सरमा ने लगाए ये आरोप

सरमा ने बताया कि ये अकाउंट सामान्य तौर पर इस्लामिक कट्टरपंथी विचार साझा करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि जब भी असम कांग्रेस या उसके एक प्रमुख नेता की कोई गतिविधि होती है, तो ये अकाउंट अचानक सक्रिय हो जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकांश अकाउंट आईआईटी गुवाहाटी को अपना लोकेशन बताते हैं, लेकिन जांच में पाया गया कि ये फर्जी जानकारी है। सीएम ने यह दावा भी किया कि ऐसा प्रतीत होता है कि ये अकाउंट एक साझा WhatsApp ग्रुप के माध्यम से निर्देशित हो रहे हैं, जिनमें इन्हें कब और क्या पोस्ट करना है, इसकी जानकारी दी जाती है। उन्होंने कहा कियह बहुत दिलचस्प है कि ये अकाउंट अलग-अलग टाइम जोन से हैं, लेकिन एक तय समय पर एकसाथ सक्रिय हो जाते हैं।





सरमा ने लोगों से की अपील

सरमा ने लोगों से सोशल मीडिया पर सतर्क रहने और किसी भी अफवाह या गलत सूचना से बचने की अपील की है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि राज्य सरकार चुनावों को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रूप से कराने के लिए प्रतिबद्ध है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह सरकार की विफलताओं से ध्यान भटकाने की कोशिश है। कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कहा कि जब सरकार जनता के सवालों का जवाब नहीं दे पाती, तो वह विपक्ष पर ऐसे बेबुनियाद आरोप लगाती है। फिलहाल यह मामला असम की राजनीति में गर्माया हुआ है और आने वाले दिनों में चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर गतिविधियों की निगरानी और कड़ी होने की उम्मीद है।

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