नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज अंगोलन समकक्ष जोआओ मैनुअल गोंकाल्वेस लौरेंको के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान अंगोला की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा में अंगोला की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अंगोला हर समय भारत की मदद के लिए तैयार रहता है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि अंगोला भारत की ऊर्जा सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत अंगोला के तेल और गैस का एक प्रमुख खरीदार है। हमारी तेल और गैस कंपनियां अंगोला के साथ दीर्घकालिक खरीद अनुबंध करने में रुचि रखती हैं। उन्होंने आगे कहा कि इसके अतिरिक्त, भारतीय तेल और गैस कंपनियां अंगोला में ऑनशोर और ऑफशोर अपस्ट्रीम परियोजनाओं में निवेश करने में रुचि रखती हैं।
राष्ट्रपति ने पेट्रोलियम शोधन में भारत की विशेषज्ञता पर भी जोर दिया और अंगोला में अवसरों की तलाश में रुचि दिखाई। उन्होंने कहा कि भारत एक अग्रणी पेट्रोलियम शोधन देश है और हम अंगोला में विभिन्न रिफाइनरी परियोजनाओं में निवेश करने के इच्छुक हैं।
वंदे भारत जैसी ट्रेनें अंगोला को भी भेजी जा सकती हैं: राष्ट्रपति मुर्मू
राष्ट्रपति मुर्मू ने तकनीकी सहयोग और ज्ञान साझा करने की संभावनाओं को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत में निर्मित वंदे भारत हाई-स्पीड ट्रेनें हमारे रेल क्षेत्र में क्रांति ला रही हैं। हम अंगोला को भी ऐसी ट्रेनें भेज सकते हैं। दोनों देशों में युवाओं की आबादी अधिक है। यह आवश्यक है कि हमारे युवा भविष्य के लिए प्रासंगिक कौशल हासिल करें।
इन मुद्दों पर भी चर्चा
ऊर्जा के अलावा, राष्ट्रपति मुर्मू ने रणनीतिक खनिजों और उभरती प्रौद्योगिकियों में संभावित सहयोग पर प्रकाश डाला। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय कंपनियां अंगोला में महत्वपूर्ण और दुर्लभ खनिजों की खोज में भी सक्षम हैं। यह सहयोग इलेक्ट्रिक वाहनों, सेमीकंडक्टर तकनीक और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे क्षेत्रों में साझेदारी का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
बता दें कि राष्ट्रपति मुर्मू रविवार को अंगोला की राजधानी लुआंडा पहुंचीं, जो किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की इस दक्षिणी अफ्रीकी देश की पहली राजकीय यात्रा थी। विदेश मंत्रालय (MEA) ने अपने X हैंडल पर बताया कि यह यात्रा भारत और अंगोला के बीच राजनयिक संबंधों की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है।
यह ऐतिहासिक यात्रा पूर्व में हुए उच्च स्तरीय संवादों पर आधारित है, जिसमें मई में राष्ट्रपति लौरेंको की नई दिल्ली यात्रा भी शामिल है, जिसके दौरान भारत ने अंगोला के रक्षा बलों के आधुनिकीकरण के लिए 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ऋण सहायता को मंजूरी दी थी।
11 से 13 नवंबर तक बोत्सवाना की यात्रा करेंगी
यह यात्रा राष्ट्रपति मुर्मू की 8 से 11 नवंबर तक की दो-देशीय यात्रा का पहला चरण है। अंगोला में अपने कार्यक्रम संपन्न करने के बाद, राष्ट्रपति मुर्मू राष्ट्रपति ड्यूमा गिदोन बोको के निमंत्रण पर 11 से 13 नवंबर तक बोत्सवाना की यात्रा करेंगी। यह यात्रा किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की बोत्सवाना की पहली राजकीय यात्रा भी होगी और इसका उद्देश्य व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, कृषि, स्वास्थ्य, औषधि, रक्षा और लोगों के बीच आपसी आदान-प्रदान में सहयोग बढ़ाना है।
राष्ट्रपति ने पेट्रोलियम शोधन में भारत की विशेषज्ञता पर भी जोर दिया और अंगोला में अवसरों की तलाश में रुचि दिखाई। उन्होंने कहा कि भारत एक अग्रणी पेट्रोलियम शोधन देश है और हम अंगोला में विभिन्न रिफाइनरी परियोजनाओं में निवेश करने के इच्छुक हैं।
वंदे भारत जैसी ट्रेनें अंगोला को भी भेजी जा सकती हैं: राष्ट्रपति मुर्मू
राष्ट्रपति मुर्मू ने तकनीकी सहयोग और ज्ञान साझा करने की संभावनाओं को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत में निर्मित वंदे भारत हाई-स्पीड ट्रेनें हमारे रेल क्षेत्र में क्रांति ला रही हैं। हम अंगोला को भी ऐसी ट्रेनें भेज सकते हैं। दोनों देशों में युवाओं की आबादी अधिक है। यह आवश्यक है कि हमारे युवा भविष्य के लिए प्रासंगिक कौशल हासिल करें।
इन मुद्दों पर भी चर्चा
ऊर्जा के अलावा, राष्ट्रपति मुर्मू ने रणनीतिक खनिजों और उभरती प्रौद्योगिकियों में संभावित सहयोग पर प्रकाश डाला। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय कंपनियां अंगोला में महत्वपूर्ण और दुर्लभ खनिजों की खोज में भी सक्षम हैं। यह सहयोग इलेक्ट्रिक वाहनों, सेमीकंडक्टर तकनीक और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे क्षेत्रों में साझेदारी का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
बता दें कि राष्ट्रपति मुर्मू रविवार को अंगोला की राजधानी लुआंडा पहुंचीं, जो किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की इस दक्षिणी अफ्रीकी देश की पहली राजकीय यात्रा थी। विदेश मंत्रालय (MEA) ने अपने X हैंडल पर बताया कि यह यात्रा भारत और अंगोला के बीच राजनयिक संबंधों की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है।
यह ऐतिहासिक यात्रा पूर्व में हुए उच्च स्तरीय संवादों पर आधारित है, जिसमें मई में राष्ट्रपति लौरेंको की नई दिल्ली यात्रा भी शामिल है, जिसके दौरान भारत ने अंगोला के रक्षा बलों के आधुनिकीकरण के लिए 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ऋण सहायता को मंजूरी दी थी।
11 से 13 नवंबर तक बोत्सवाना की यात्रा करेंगी
यह यात्रा राष्ट्रपति मुर्मू की 8 से 11 नवंबर तक की दो-देशीय यात्रा का पहला चरण है। अंगोला में अपने कार्यक्रम संपन्न करने के बाद, राष्ट्रपति मुर्मू राष्ट्रपति ड्यूमा गिदोन बोको के निमंत्रण पर 11 से 13 नवंबर तक बोत्सवाना की यात्रा करेंगी। यह यात्रा किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की बोत्सवाना की पहली राजकीय यात्रा भी होगी और इसका उद्देश्य व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, कृषि, स्वास्थ्य, औषधि, रक्षा और लोगों के बीच आपसी आदान-प्रदान में सहयोग बढ़ाना है।
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