भोपाल: केरल और मुंबई में मानसून जल्दी आने के बाद, अब इसकी गति धीमी हो गई है। मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बने दबाव के कारण मानसून की रफ्तार कम हो गई है। इसलिए, मध्य प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों में मानसून देरी से पहुंचेगा। मानसून को आगे बढ़ने में लगभग 8 से 10 दिन लग सकते हैं। हालांकि, MP में मानसून 15 जून तक या उससे पहले पहुंचने की उम्मीद है।
17 राज्यों में पहुंच चुका मानसून
इस साल मानसून ने 24 मई को जल्दी दस्तक दी थी। इसके बाद यह 17 राज्यों में पहुंच गया। इनमें से 14 राज्यों में मानसून की अच्छी बारिश हो रही है। लेकिन, पश्चिम बंगाल के उत्तरी पहाड़ी इलाकों में मानसून की एंट्री के साथ ही इसकी गति धीमी हो गई। केरल में मानसून 8 दिन पहले पहुंचा। वहीं, मुंबई में यह 16 दिन पहले ही आ गया। छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में भी मानसून 12 दिन पहले सक्रिय हो गया था।
7 राज्यों को पूरी तरह कवर कर चुका मानसून
IMD के अनुसार, मानसून अब तक केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, गोवा, आंध्र प्रदेश और पूर्वोत्तर के सभी सात राज्यों (अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा) को पूरी तरह से कवर कर चुका है। इसके अलावा, यह महाराष्ट्र के लगभग आधे हिस्से में भी पहुंच गया है। सिक्किम में भी मानसून आ चुका है। 29 मई की शाम तक छत्तीसगढ़, ओडिशा के दक्षिणी भागों और पश्चिम बंगाल के उत्तरी पहाड़ी इलाकों में भी मानसून ने दस्तक दे दी थी।
एमपी पहुंचने से पहले धीमा हो गया मानसून
पश्चिम बंगाल में पहुंचने के बाद मानसून की गति धीमी हो गई है। 24 मई को मानसून केरल में आया था। इसके बाद यह तेजी से दक्षिण भारत के राज्यों में फैल गया। लेकिन, MP में पहुंचने से पहले इसकी गति धीमी हो गई है। IMD ने कहा है कि मानसून अगले 8 से 10 दिनों में फिर से आगे बढ़ सकता है।
एमपी में कब पहुंचेगा मानसून
मौसम विभाग का कहना है, 'बंगाल की खाड़ी में बने दबाव के चलते मानसून की रफ्तार धीमी हो गई है और अब देश के अन्य राज्यों में मानसून देरी से पहुंचेगा। अब इसे आगे बढ़ने में 8 से 10 दिन का समय लग सकता है।' हालांकि मानसून की गति धीमी हो गई है, लेकिन MP में यह अपने तय समय पर या उससे पहले ही पहुंच सकता है। आमतौर पर MP में मानसून 15 जून तक आता है. इसलिए, लोगों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
17 राज्यों में पहुंच चुका मानसून
इस साल मानसून ने 24 मई को जल्दी दस्तक दी थी। इसके बाद यह 17 राज्यों में पहुंच गया। इनमें से 14 राज्यों में मानसून की अच्छी बारिश हो रही है। लेकिन, पश्चिम बंगाल के उत्तरी पहाड़ी इलाकों में मानसून की एंट्री के साथ ही इसकी गति धीमी हो गई। केरल में मानसून 8 दिन पहले पहुंचा। वहीं, मुंबई में यह 16 दिन पहले ही आ गया। छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में भी मानसून 12 दिन पहले सक्रिय हो गया था।
7 राज्यों को पूरी तरह कवर कर चुका मानसून
IMD के अनुसार, मानसून अब तक केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, गोवा, आंध्र प्रदेश और पूर्वोत्तर के सभी सात राज्यों (अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा) को पूरी तरह से कवर कर चुका है। इसके अलावा, यह महाराष्ट्र के लगभग आधे हिस्से में भी पहुंच गया है। सिक्किम में भी मानसून आ चुका है। 29 मई की शाम तक छत्तीसगढ़, ओडिशा के दक्षिणी भागों और पश्चिम बंगाल के उत्तरी पहाड़ी इलाकों में भी मानसून ने दस्तक दे दी थी।
एमपी पहुंचने से पहले धीमा हो गया मानसून
पश्चिम बंगाल में पहुंचने के बाद मानसून की गति धीमी हो गई है। 24 मई को मानसून केरल में आया था। इसके बाद यह तेजी से दक्षिण भारत के राज्यों में फैल गया। लेकिन, MP में पहुंचने से पहले इसकी गति धीमी हो गई है। IMD ने कहा है कि मानसून अगले 8 से 10 दिनों में फिर से आगे बढ़ सकता है।
एमपी में कब पहुंचेगा मानसून
मौसम विभाग का कहना है, 'बंगाल की खाड़ी में बने दबाव के चलते मानसून की रफ्तार धीमी हो गई है और अब देश के अन्य राज्यों में मानसून देरी से पहुंचेगा। अब इसे आगे बढ़ने में 8 से 10 दिन का समय लग सकता है।' हालांकि मानसून की गति धीमी हो गई है, लेकिन MP में यह अपने तय समय पर या उससे पहले ही पहुंच सकता है। आमतौर पर MP में मानसून 15 जून तक आता है. इसलिए, लोगों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
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