ब्राजीलिया: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत को ग्लोबल फैक्ट्री फ्लोर में बदलने के लिए काम कर रहे हैं। इस मिशन के तहत भारत में अरबों डॉलर के कम कीमत वाले आईफोन और फार्मास्यूटिकल्स प्रोडक्ट्स का निर्माण किया गया। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अब भारत ने गरीब देशों को हथियार खरीदने के लिए कर्ज देने की नीति तैयार की है। इसके तहत भारत सरकार गरीब देशों को मिसाइल, हेलीकॉप्टर और युद्धपोत खरीदने के लिए कर्ज देगी। रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा हथियार खरीदने वाला देश भार, अब सरकार स्वामित्व वाले एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक (EXIM) की क्षमता का विस्तार कर रहा है। इसके जरिए गरीब देशों को दीर्घकालिक, कम लागत वाले ऋण बांटे जाएंगे। इनमें वैसे देश भी शामिल होंगे, जिनकी राजनीतिक या क्रेडिट जोखिम प्रोफाइल कमजोर है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने दो भारतीय अधिकारियों और तीन इंडस्ट्री के सूत्रों के हवाले से ये रिपोर्ट दी है।इसके अलावा भारत के चार अधिकारियों ने रॉयटर्स को बताया है कि नई दिल्ली ने विदेशों मिशनों में रक्षा अताशे की संख्या में भी तेजी से इजाफा करने का फैसला लिया है। ये भारत सरकार के उस कार्यक्रम का हिस्सा होगा, जिसके तहत सरकार कुछ हथियारों के सौदों पर सीधे बातचीत करेगी। दो अधिकारियों ने बताया है कि भारत, खास तौर पर उन सरकारों को निशाना बना रहा है, जो हथियारों के लिए लंबे समय से रूस पर निर्भर रहे हैं। 15 अलग अलग अधिकारियों के हवाले से रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत सरकार विदेशी खरीददारों को फंड देने के लिए बातचीत में खुद को शामिल करेगी, जो एक अभूतपूर्व कोशिश है। सरकार का मानना है कि दुनिया फिर से हथियारबंद हो रही है और लंबे समय से चले आ रहे भू-राजनीतिक संबंधों को फिर से तैयार किया जा रहा है। गरीब देशों को हथियार खरीदने के लिए कर्ज देने का प्लानभारत ने छोटे हथियारों के उत्पादन में जबरदस्त कामयाबी हासिल की है। भारतीय तोपों के खरीददार अब अमेरिका भी बन रहा है। हालांकि रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में ये भी कहा है कि भारतीय डिफेंस मिनिस्ट्री और फॉरेन मिनिस्ट्री ने भी इस प्लान को लेकर कोई टिप्पणी नहीं है। वहीं EXIM बैंक ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। लेकिन पिछले महीने भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था कि "भारत रक्षा निर्यात बढ़ाने के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।" हथियारों के निर्यात को बढ़ाने का काम जिस अधिकारी को सौंपा गया है, उन्होंने इसकी पुष्टि की है, लेकिन अधिकारी ने संवेदनशील सरकारी मामलों पर चर्चा करने के लिए नाम न छापने की शर्त पर इसकी जानकारी दी है।रॉयटर्स के मुताबिक भारत सरकार के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत ने 2023-2024 के वित्तीय वर्ष में 14.8 बिलियन डॉलर के हथियारों का उत्पादन किया, जो 2020 से 62% ज्यादा है। रॉयटर्स ने पहले बताया था कि यूक्रेन युद्ध में कुछ भारतीय हथियार पाए गये थे। भारत के चार अधिकारियों ने रॉयटर्स को कहा है कि भारत आए कुछ प्रतिनिधिमंडल और भारत की डिफेंस इंडस्ट्री के कुछ निजी कंपनियों के बीच सरकार की मध्यस्थता में बैठकें की गई हैं। कुछ देशों के भारतीय हेलीकॉप्टर दिखाए गये हैं। भारतीय डिफेंस इंडस्ट्री का विस्तारभारत सरकार ने 2029 तक हथियारों और उपकरणों के निर्यात को दोगुना करके 6 बिलियन डॉलर करने का लक्ष्य रखा है। भारच का मानना है कि गोला-बारूद, छोटे हथियारों और रक्षा-उपकरणों की डिमांड में इजाफा होने वाला है। हालांकि नई दिल्ली हाल के वित्तीय वर्ष के लिए हथियारों की बिक्री में 3.5 बिलियन डॉलर के अपने लक्ष्य को पूरा करने में थोड़े से मार्जिन से चूक गई है। लेकिन पिछले वर्षों के मुकाबले इसमें तेज उछाल दर्ज किया गया है। इसके अलावा ग्लोबल डिमांड को पूरा करने के लिए भारत कम कीमत पर हथियारों की पेशकश कर रहा है। दो भारतीय स्रोतों ने कहा है कि भारत 155 मिमी तोपखाना गोला-बारूद लगभग 300 से 400 डॉलर प्रति पीस का उत्पादन कर सकता है, जबकि यूरोपीय देश 3,000 डॉलर से ज्यादा में इसे बेचते हैं। इसके अलावा भारतीय कंपनियों ने करीब 3 मिलियन डॉलर प्रति हॉवित्जर बेचे हैं।भारत ने EXIM बैंक के जरिए लोन बांटने का फैसला किया है, जिसका 2023-24 वित्तीय वर्ष में 18.32 बिलियन डॉलर का ऋण पोर्टफोलियो था। हालांकि, भारत के ज्यादातर बैंक हथियारों की बिक्री के लिए ऋण देने में आनाकानी करते रहे हैं। खासकर ऐसे देशों के साथ भारतीय बैंक सौदा नहीं करना चाहते जहां राजनीतिक जोखिम ज्यादा है। लिहाजा EXIM को डिजाइन किया गया है। भारत के एक राजनयिक ने कहा है कि बैंकों की आनाकानी की वजह से भारत को लंबे समय तक अपने प्रतिद्वंदियों, जैसे फ्रांस, तुर्की और चीन से पीछे होना पड़ा है, क्योंकि ये देश हथियार खरीदने के लिए भारी भरकम लोन भी देते हैं। लिहाजा भारत भी अब ऋण देकर हथियार बेचने के बाजार में आ गया है। भारत ने इस साल जनवरी में ब्राजील में EXIM का एक ब्रांच खोला है। इसके तहत भारत, ब्राजील को मिसाइल बेचने का सौदा कर रहा है। ब्राजील के दो अधिकारियों ने रॉयटर्स से इसकी पुष्टि की है। इसके अलावा भारत और ब्राजील युद्धपोत के निर्माण के लिए तैयार हुए हैं। ब्राजील की सेना ने रॉयटर्स को भेजे एक ईमेल में कहा कि आकाश के डेवलपर्स ने सूचना के अनुरोध का जवाब दिया है, लेकिन अभी तक उसे खरीदने पर फैसला नहीं लिया गया है।
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