पटना : बिहार में चक्रवाती तूफान 'मोंथा' का असर अब जनजीवन और कृषि दोनों पर भारी पड़ रहा है। पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने चेतावनी जारी की है कि 1 नवंबर को राज्य के 29 जिलों में बारिश होगी, जिसमें से 7 जिलों में 'अति भारी बारिश' (Orange Alert) की आशंका जताई गई है। पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बेमौसम बरसात ने पूरे मौसम का मिजाज बदल दिया है और गंगा किनारे के इलाकों में इसका असर सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। तेज हवाओं और लगातार बारिश के कारण लोगों को हल्की ठंड का अहसास होने लगा है।
भारी बारिश की आशंका
पटना मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार, अगले 24 घंटों में बिहार के सात जिलों में मौसम बेहद खराब रहने वाला है। इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जिसका अर्थ है कि यहाँ अति भारी बारिश और वज्रपात (मेघगर्जन के साथ बिजली गिरना) की गंभीर संभावना है। ये सात जिले हैं: पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज। प्रशासन को इन जिलों में विशेष सतर्कता बरतने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की गई है।
वज्रपात का खतरा
इन सात जिलों के अलावा, राज्य के 22 अन्य जिलों में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इन इलाकों में भी तेज हवाओं, वज्रपात और मेघगर्जन का अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, मुंगेर, शेखपुरा, बांका, जमुई, नवादा और गया जैसे महत्वपूर्ण जिले शामिल हैं। राज्य का लगभग पूरा भूभाग इस चक्रवाती तूफान के प्रभाव में रहेगा।
किसानों पर दोहरी मार
इस बेमौसम बरसात ने बिहार के किसानों की मुश्किलें कई गुना बढ़ा दी हैं और उन्हें दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। तीन दिनों से हो रही लगातार झमाझम बारिश के कारण खेतों में कटाई के बाद रखी हुई धान की फसलें बर्बाद हो रही हैं। किसान अपनी मेहनत से उगाई गई फसल को बचाने के लिए जूझ रहे हैं, लेकिन लगातार बारिश उनकी कोशिशों पर पानी फेर रही है। रबी की फसल, जैसे सरसों, आलू और मक्का की बुवाई के लिए तैयार खेतों में भी जलजमाव की स्थिति बन गई है। किसानों का कहना है कि इस समय हो रही बारिश से रबी की बुवाई का काम बुरी तरह प्रभावित हुआ है, और अभी तक केवल 25 प्रतिशत आलू, मक्का और सरसों की बुवाई ही हो पाई है।
किसान को परेशानी
किसानों ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि वे उधार लेकर और कड़ी मेहनत से फसल तैयार करते हैं, लेकिन कटाई के समय मौसम की मार से उनकी पूरी पूंजी और मेहनत बर्बाद हो रही है। उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही मौसम साफ होगा, ताकि वे अपनी फसलों को सुरक्षित कर सकें और आगे की बुवाई का काम शुरू कर सकें। यह लगातार हो रही बारिश न केवल किसानों के लिए बल्कि आम जनजीवन के लिए भी परेशानी का सबब बन गई है, जिससे यातायात और दैनिक गतिविधियाँ प्रभावित हुई हैं।
भारी बारिश की आशंका
पटना मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार, अगले 24 घंटों में बिहार के सात जिलों में मौसम बेहद खराब रहने वाला है। इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जिसका अर्थ है कि यहाँ अति भारी बारिश और वज्रपात (मेघगर्जन के साथ बिजली गिरना) की गंभीर संभावना है। ये सात जिले हैं: पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज। प्रशासन को इन जिलों में विशेष सतर्कता बरतने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की गई है।
वज्रपात का खतरा
इन सात जिलों के अलावा, राज्य के 22 अन्य जिलों में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इन इलाकों में भी तेज हवाओं, वज्रपात और मेघगर्जन का अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, मुंगेर, शेखपुरा, बांका, जमुई, नवादा और गया जैसे महत्वपूर्ण जिले शामिल हैं। राज्य का लगभग पूरा भूभाग इस चक्रवाती तूफान के प्रभाव में रहेगा।
किसानों पर दोहरी मार
इस बेमौसम बरसात ने बिहार के किसानों की मुश्किलें कई गुना बढ़ा दी हैं और उन्हें दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। तीन दिनों से हो रही लगातार झमाझम बारिश के कारण खेतों में कटाई के बाद रखी हुई धान की फसलें बर्बाद हो रही हैं। किसान अपनी मेहनत से उगाई गई फसल को बचाने के लिए जूझ रहे हैं, लेकिन लगातार बारिश उनकी कोशिशों पर पानी फेर रही है। रबी की फसल, जैसे सरसों, आलू और मक्का की बुवाई के लिए तैयार खेतों में भी जलजमाव की स्थिति बन गई है। किसानों का कहना है कि इस समय हो रही बारिश से रबी की बुवाई का काम बुरी तरह प्रभावित हुआ है, और अभी तक केवल 25 प्रतिशत आलू, मक्का और सरसों की बुवाई ही हो पाई है।
किसान को परेशानी
किसानों ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि वे उधार लेकर और कड़ी मेहनत से फसल तैयार करते हैं, लेकिन कटाई के समय मौसम की मार से उनकी पूरी पूंजी और मेहनत बर्बाद हो रही है। उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही मौसम साफ होगा, ताकि वे अपनी फसलों को सुरक्षित कर सकें और आगे की बुवाई का काम शुरू कर सकें। यह लगातार हो रही बारिश न केवल किसानों के लिए बल्कि आम जनजीवन के लिए भी परेशानी का सबब बन गई है, जिससे यातायात और दैनिक गतिविधियाँ प्रभावित हुई हैं।
You may also like

UPI यूज करते हैं? RBI ने बताई 5 आसान ट्रिक — ऐसे रहेगा आपका पैसा 100% सुरक्षित, जान लें वरना पछताओगे

Mumbai Children Hostage: दरवाजे-खिड़कियों पर सेंसर, CCTV से छेड़छाड़, पुलिस पर पहरेदारी, पवई में रोहित आर्य की प्लानिंग ने चौंकाया

येˈ हैं दुनिया की सबसे महंगी शराब, एक बोतल की कीमत इतनी की 75 किलो सोना मिल जाए﹒

प्याज के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ: जानें कैसे यह आपकी सेहत को सुधार सकता है

Kawasaki Versys-X 300 2026: नई कलर स्कीम के साथ लॉन्च, कीमत में नहीं हुआ कोई बदलाव




