शिवपुरी: जिले के पिछोर विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट किशोर कुमार गहलोत ने एक फैसले में आरोपित को 20 साल के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया है। आरोपी ने मासूम बच्ची को बिस्किट के लिए पैसे देने का लालच दिया फिर उसे अपने साथ पुराने मकान में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। कोर्ट ने कहा है कि अर्थदंड न देने पर अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक अमित कुमार वर्मा ने की।
प्राइमरी स्कूल के पीछे बने अपने पुराने घर में ले गया मासूम को
अभियोजन के अनुसार 21 फरवरी 2024 को एक नौ साल की मासूम बच्ची रात आठ बजे अपने घर के बाहर खेल रही थी। इसी दौरान उसे मुंहबोला चाचा निरपतिया पुत्र हरीलाल जाटव उम्र 45 साल निवासी देखखो खनियांधाना बिस्किट लेने के लिए दस रुपये देने की बात कहकर अपने साथ प्राइमरी स्कूल के पीछे बने अपने पुराने घर में ले गया। वहां आरोपित ने कमरे में गेट लगा दिया और मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया।
गांव के लोगों से पता चला
पुलिस में की गई रिपोर्ट में बताया गया कि निरपतिया को बच्ची ले जाते हुए गांव के ही रवि जाटव ने देख लिया था, जब बच्ची कुछ देर तक वापस नहीं आई तो उसे संदेह हुआ और वह पीछे आया। उसने कमरे के गेट खटखटाए तो निरपतिया ने पीड़िता को अटारी पर छिपा दिया। निरपतिया के गेट खोलने पर रवि जाटव ने उसे नीचे उतारा तो वह भागकर अपने घर चली गई और डर के कारण उसने घर में किसी को बात नहीं बताई। दो दिन बाद पीड़िता के स्वजनों को गांव के लोगों से इस संबंध में पता चला तो उन्होंने पीड़िता से बात की।
2 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया
इस वारदात के बाद पीड़िता ने पूरा घटनाक्रम अपने स्वजनों को बता दिया। मामले की शिकायत खनियांधाना थाने में दर्ज कराई गई। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ अपराध कमांक 63/2024 अन्तर्गत धारा 363, 376-एबी आईपीसी एवं धारा 5-एम/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना उपरांत सुनवाई के लिए न्यायालय में पेश किया। न्यायालय में प्रकरण की सुनवाई के दौरान आए तथ्यों और साक्ष्यों पर विचारण उपरांत न्यायालय ने आरोपित पाक्सो एक्ट में 20 साल के सश्रम करावास एवं तीन हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। धारा 363 आईपीसी में 2 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
प्राइमरी स्कूल के पीछे बने अपने पुराने घर में ले गया मासूम को
अभियोजन के अनुसार 21 फरवरी 2024 को एक नौ साल की मासूम बच्ची रात आठ बजे अपने घर के बाहर खेल रही थी। इसी दौरान उसे मुंहबोला चाचा निरपतिया पुत्र हरीलाल जाटव उम्र 45 साल निवासी देखखो खनियांधाना बिस्किट लेने के लिए दस रुपये देने की बात कहकर अपने साथ प्राइमरी स्कूल के पीछे बने अपने पुराने घर में ले गया। वहां आरोपित ने कमरे में गेट लगा दिया और मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया।
गांव के लोगों से पता चला
पुलिस में की गई रिपोर्ट में बताया गया कि निरपतिया को बच्ची ले जाते हुए गांव के ही रवि जाटव ने देख लिया था, जब बच्ची कुछ देर तक वापस नहीं आई तो उसे संदेह हुआ और वह पीछे आया। उसने कमरे के गेट खटखटाए तो निरपतिया ने पीड़िता को अटारी पर छिपा दिया। निरपतिया के गेट खोलने पर रवि जाटव ने उसे नीचे उतारा तो वह भागकर अपने घर चली गई और डर के कारण उसने घर में किसी को बात नहीं बताई। दो दिन बाद पीड़िता के स्वजनों को गांव के लोगों से इस संबंध में पता चला तो उन्होंने पीड़िता से बात की।
2 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया
इस वारदात के बाद पीड़िता ने पूरा घटनाक्रम अपने स्वजनों को बता दिया। मामले की शिकायत खनियांधाना थाने में दर्ज कराई गई। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ अपराध कमांक 63/2024 अन्तर्गत धारा 363, 376-एबी आईपीसी एवं धारा 5-एम/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना उपरांत सुनवाई के लिए न्यायालय में पेश किया। न्यायालय में प्रकरण की सुनवाई के दौरान आए तथ्यों और साक्ष्यों पर विचारण उपरांत न्यायालय ने आरोपित पाक्सो एक्ट में 20 साल के सश्रम करावास एवं तीन हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। धारा 363 आईपीसी में 2 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
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