रोहित गोदारा..ये नाम एक बार फिर से सुर्खियों में है। एक्टर दिशा पाटनी के बरेली वाले घर पर फायरिंग करने वाले दो शख्स रोहित गोदारा और गोल्डी बरार की गैंग के ही गुर्गे थे। पुलिस ने एनकाउंटर में दोनों को ढेर कर दिया। लेकिन इनके आका विदेश में बैठे हैं। कभी मोबाइल रिपेयर की दुकान चलाने वाला एक आम इंसान आखिर कैसे जुर्म की दुनिया में बड़ा नाम बन गया?
राजस्थान के बीकानेर के रहने वाले रोहित गोदारा के परिवार वालों ने भी कभी नहीं सोचा था कि वो एक दिन इतना बड़ा गैंगस्टर बन जाएगा। उसे तो क्रिकेट खेलना पसंद था, लेकिन धीरे-धीरे हाथ में क्रिकेट बैट की जगह पिस्टल आ गई। आइए जानते हैं कि राजस्थान के एक छोटे से गांव से रावत दास उर्फ रोहित गोदारा ने कैसे दुबई तक का सफर तय किया।
रोहित गोदारा का बाल विवाह1989 में जन्मा रोहित की उम्र बमुश्किल 11 साल ही थी, जब उसके बड़े भाई हनुमान के साथ उसकी भी शादी कर दी गई। पढ़ाई में वो औसत ही था, लेकिन क्रिकेट बहुत अच्छा खेलता था। छोटी उम्र में शादी हुई तो कम उम्र में पैसा कमाने की जरूरत भी महसूस हो गई। 2005 में पत्नी के साथ बीकानेर चला गया और वहां मोबाइल ठीक करने की दुकान खोल ली। धंधा अच्छा चल निकला। उसने अपना नाम भी रावत दास से रोहित गोदारा कर लिया। गोदारा उसका सरनेम है। जल्द ही उसने राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग के नाम से मोबाइल रिपेयरिंग सिखाने का संस्थान खोल डाला।
पहली बार हुआ पुलिस केससब कुछ अच्छा चल रहा था, लेकिन 2010 में रोहित गोदारा की लाइफ ने एक नया टर्न ले लिया। उसके खिलाफ हत्या की कोशिश करने का मामला दर्ज हुआ और वो पहली बार जेल गया। हालांकि करीब 10 महीने के बाद उसे जमानत मिल गई।
पत्नी की शिकायत ने बदल दी जिंदगीसाल 2012 में रोहित गोदारा की जिंदगी में ऐसा कुछ हुआ, जिसने उसके लिए जुर्म के दरवाजे खोल दिए। उसकी पत्नी ने उस पर दहेज और जबरन गर्भपात करने के आरोप लगा दिए। रोहित को एक बार फिर जेल जाना पड़ा। करीब 2-3 महीने वो जेल में ही रहा।
जेल में हुई अपराध के धुरंधरों से मुलाकातजेल में रहते हुए रोहित की मुलाकात अपराध की दुनिया में नाम कर चुके धुरंधरों से होने लगी। रोहित के परिवार की मानें तो इन अपराधियों ने रोहित को यकीन दिला कि दहेज के केस में सालों तक जमानत नहीं मिलने वाली है। हालांकि जल्द ही जमानत मिल गई। लेकिन जेल से बाहर आने के बाद रोहित गोदारा बदल चुका था।
क्राइम के संसार में हुई एंट्रीजेल में उसकी दोस्ती अपराधियों से ही हो चुकी थी। बाहर आकर वो छोटे-मोटे क्राइम करने लगा। 2022 तक उस पर 32 से ज्यादा केस दर्ज थे। इनमें हत्या-फिरौती मांगने जैसे संगीन मामले भी शामिल हैं। जेल से बाहर आने के बाद 2022 में वो नकली पासपोर्ट पर देश से दुबई भाग गया और लॉरेंस बिश्नोई के लिए काम करने लगा। सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में उसका हाथ बताया जाता है। इसके अलावा करणी सेना के नेता सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या, सलमान खान के घर पर फायरिंग में भी उसका नाम आया। उसके सिर पर एक लाख का इनाम भी है और इंटरपोल को भी उसकी तलाश है।
राजस्थान के बीकानेर के रहने वाले रोहित गोदारा के परिवार वालों ने भी कभी नहीं सोचा था कि वो एक दिन इतना बड़ा गैंगस्टर बन जाएगा। उसे तो क्रिकेट खेलना पसंद था, लेकिन धीरे-धीरे हाथ में क्रिकेट बैट की जगह पिस्टल आ गई। आइए जानते हैं कि राजस्थान के एक छोटे से गांव से रावत दास उर्फ रोहित गोदारा ने कैसे दुबई तक का सफर तय किया।
रोहित गोदारा का बाल विवाह1989 में जन्मा रोहित की उम्र बमुश्किल 11 साल ही थी, जब उसके बड़े भाई हनुमान के साथ उसकी भी शादी कर दी गई। पढ़ाई में वो औसत ही था, लेकिन क्रिकेट बहुत अच्छा खेलता था। छोटी उम्र में शादी हुई तो कम उम्र में पैसा कमाने की जरूरत भी महसूस हो गई। 2005 में पत्नी के साथ बीकानेर चला गया और वहां मोबाइल ठीक करने की दुकान खोल ली। धंधा अच्छा चल निकला। उसने अपना नाम भी रावत दास से रोहित गोदारा कर लिया। गोदारा उसका सरनेम है। जल्द ही उसने राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग के नाम से मोबाइल रिपेयरिंग सिखाने का संस्थान खोल डाला।
पहली बार हुआ पुलिस केससब कुछ अच्छा चल रहा था, लेकिन 2010 में रोहित गोदारा की लाइफ ने एक नया टर्न ले लिया। उसके खिलाफ हत्या की कोशिश करने का मामला दर्ज हुआ और वो पहली बार जेल गया। हालांकि करीब 10 महीने के बाद उसे जमानत मिल गई।
पत्नी की शिकायत ने बदल दी जिंदगीसाल 2012 में रोहित गोदारा की जिंदगी में ऐसा कुछ हुआ, जिसने उसके लिए जुर्म के दरवाजे खोल दिए। उसकी पत्नी ने उस पर दहेज और जबरन गर्भपात करने के आरोप लगा दिए। रोहित को एक बार फिर जेल जाना पड़ा। करीब 2-3 महीने वो जेल में ही रहा।
जेल में हुई अपराध के धुरंधरों से मुलाकातजेल में रहते हुए रोहित की मुलाकात अपराध की दुनिया में नाम कर चुके धुरंधरों से होने लगी। रोहित के परिवार की मानें तो इन अपराधियों ने रोहित को यकीन दिला कि दहेज के केस में सालों तक जमानत नहीं मिलने वाली है। हालांकि जल्द ही जमानत मिल गई। लेकिन जेल से बाहर आने के बाद रोहित गोदारा बदल चुका था।
क्राइम के संसार में हुई एंट्रीजेल में उसकी दोस्ती अपराधियों से ही हो चुकी थी। बाहर आकर वो छोटे-मोटे क्राइम करने लगा। 2022 तक उस पर 32 से ज्यादा केस दर्ज थे। इनमें हत्या-फिरौती मांगने जैसे संगीन मामले भी शामिल हैं। जेल से बाहर आने के बाद 2022 में वो नकली पासपोर्ट पर देश से दुबई भाग गया और लॉरेंस बिश्नोई के लिए काम करने लगा। सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में उसका हाथ बताया जाता है। इसके अलावा करणी सेना के नेता सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या, सलमान खान के घर पर फायरिंग में भी उसका नाम आया। उसके सिर पर एक लाख का इनाम भी है और इंटरपोल को भी उसकी तलाश है।
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