नई दिल्ली: धरती की गोद में कई रहस्य छिपे हैं। कुछ सुलझे और कुछ अनसुलझे। कई बार देखा गया है कि प्राकृतिक आपदा आने से ठीक पहले कुछ जानवर अजीब व्यवहार करते हैं। वैज्ञानिक अभी भी इस बात पर रिसर्च कर रहे हैं कि जानवर पर्यावरण से जुड़ी किन उत्तेजनाओं पर प्रतिक्रिया देते हैं। लेकिन, एक बात स्पष्ट है कि कई जीवों में ऐसी 'चमत्कारी' इंद्रियां होती हैं, जो उन्हें इंसान से पहले हवा के दबाव, जमीन के कंपन या रासायनिक बदलाव का पता लगाने में मदद करती हैं। आइए, आपको ऐसे ही पांच जीवों के बारे में बताते हैं।
1- मेंढककिसी भी जगह पर भूकंप आने से ठीक पहले मेंढक अजीब तरह का व्यवहार कर संकेत देते हैं। घटना साल 2009 की है। इटली के एल'एक्विला में भूकंप आया और इसके झटके लगने से कुछ दिन पहले ही मेंढकों के एक समूह ने रहस्यमय तरीके से अपना प्रजनन स्थल छोड़ दिया। वैज्ञानिकों का मानना है कि मेंढक पृथ्वी की पपड़ी के नीचे चट्टान के तनाव और इस बदलाव के कारण भूजल में होने वाले रासायनिक बदलाव के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं।
2- हाथीहाथियों को प्राकृतिक आपदाओं, खास तौर पर भूकंप और सुनामी से पहले अजीब व्यवहार करते हुए देखा गया है। इनके अंदर मनुष्य के सुनने की शक्ति से, नीचे की आवाज का पता लगाने की क्षमता होती है। ये कम आवृत्ति वाली आवाज को भी सुन सकते हैं। इसके जरिए इन्हें दूर से भूकंप के कंपन का अनुमान हो जाता है। 2004 में आई हिंद महासागर सुनामी के दौरान, थाईलैंड में लहरों के टकराने से पहले ही हाथी ऊंची जमीन पर चले गए। वैज्ञानिकों का मानना है कि उनके बड़े पैर, उन्हें बड़ी दूरी पर जमीन के छोटे से छोटे कंपन को महसूस करने में मदद करते हैं।
3- कुत्तेकुत्तों के भीतर गंध और कंपन को महसूस करने की अद्भुत क्षमता होती है। इसके जरिए ये आपदाओं के लिए एक तरह से प्राकृतिक सेंसर बन जाते हैं। कुछ कुत्तों को भूकंप आने से पहले ही रोते, घूमते या भागते हुए देखा गया है।
4- बिल्लीबिल्लियां भी तूफान, भूकंप या ज्वालामुखी विस्फोट से पहले अजीब व्यवहार करती हैं। स्वाभाविक तौर पर बिल्लियां सतर्क होती हैं, जिससे अगर पर्यावरण में कोई भी बदलाव हो, तो उनका ध्यान तुरंत जाता है। कई बिल्ली मालिकों ने तूफान, भूकंप या ज्वालामुखी विस्फोट से पहले उनके अजीब व्यवहार के बारे में बताया भी है। इनमें छिपना या आवाजें निकालना शामिल है।
5- पक्षीवायुमंडल में होने वाले बदलावों के प्रति पक्षी काफी ज्यादा संवेदनशील होते हैं और अक्सर आपदा से पहले भागने वाले पहले जानवरों में से होते हैं। कई मामलों में पक्षियों को तूफान, भूकंप या ज्वालामुखी विस्फोट से घंटों पहले अनिश्चित तरीके से उड़ते या पूरी तरह से एक क्षेत्र से गायब होते देखा गया है। 2014 में किए गए एक अध्ययन में, तूफान आने से पहले उठे बवंडर के दौरान, सैकड़ों मील दूर भागते हुए पक्षियों को ट्रैक किया गया था।
1- मेंढककिसी भी जगह पर भूकंप आने से ठीक पहले मेंढक अजीब तरह का व्यवहार कर संकेत देते हैं। घटना साल 2009 की है। इटली के एल'एक्विला में भूकंप आया और इसके झटके लगने से कुछ दिन पहले ही मेंढकों के एक समूह ने रहस्यमय तरीके से अपना प्रजनन स्थल छोड़ दिया। वैज्ञानिकों का मानना है कि मेंढक पृथ्वी की पपड़ी के नीचे चट्टान के तनाव और इस बदलाव के कारण भूजल में होने वाले रासायनिक बदलाव के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं।
2- हाथीहाथियों को प्राकृतिक आपदाओं, खास तौर पर भूकंप और सुनामी से पहले अजीब व्यवहार करते हुए देखा गया है। इनके अंदर मनुष्य के सुनने की शक्ति से, नीचे की आवाज का पता लगाने की क्षमता होती है। ये कम आवृत्ति वाली आवाज को भी सुन सकते हैं। इसके जरिए इन्हें दूर से भूकंप के कंपन का अनुमान हो जाता है। 2004 में आई हिंद महासागर सुनामी के दौरान, थाईलैंड में लहरों के टकराने से पहले ही हाथी ऊंची जमीन पर चले गए। वैज्ञानिकों का मानना है कि उनके बड़े पैर, उन्हें बड़ी दूरी पर जमीन के छोटे से छोटे कंपन को महसूस करने में मदद करते हैं।
3- कुत्तेकुत्तों के भीतर गंध और कंपन को महसूस करने की अद्भुत क्षमता होती है। इसके जरिए ये आपदाओं के लिए एक तरह से प्राकृतिक सेंसर बन जाते हैं। कुछ कुत्तों को भूकंप आने से पहले ही रोते, घूमते या भागते हुए देखा गया है।
4- बिल्लीबिल्लियां भी तूफान, भूकंप या ज्वालामुखी विस्फोट से पहले अजीब व्यवहार करती हैं। स्वाभाविक तौर पर बिल्लियां सतर्क होती हैं, जिससे अगर पर्यावरण में कोई भी बदलाव हो, तो उनका ध्यान तुरंत जाता है। कई बिल्ली मालिकों ने तूफान, भूकंप या ज्वालामुखी विस्फोट से पहले उनके अजीब व्यवहार के बारे में बताया भी है। इनमें छिपना या आवाजें निकालना शामिल है।
5- पक्षीवायुमंडल में होने वाले बदलावों के प्रति पक्षी काफी ज्यादा संवेदनशील होते हैं और अक्सर आपदा से पहले भागने वाले पहले जानवरों में से होते हैं। कई मामलों में पक्षियों को तूफान, भूकंप या ज्वालामुखी विस्फोट से घंटों पहले अनिश्चित तरीके से उड़ते या पूरी तरह से एक क्षेत्र से गायब होते देखा गया है। 2014 में किए गए एक अध्ययन में, तूफान आने से पहले उठे बवंडर के दौरान, सैकड़ों मील दूर भागते हुए पक्षियों को ट्रैक किया गया था।