नई दिल्ली: सरकार ने बाबा रामदेव से जुड़ी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से कुछ संदिग्ध लेनदेन पर स्पष्टीकरण मांगा है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री ने कंपनी को एक नोटिस भेजा है। आर्थिक खुफिया विभाग को कंपनी के कुछ लेन-देन असामान्य और संदिग्ध लगे हैं। अब तक लेन-देन की रकम का खुलासा नहीं किया गया है क्योंकि जांच शुरुआती दौर में है। कंपनी को नोटिस का जवाब देने के लिए लगभग दो महीने का समय दिया गया है।
मंत्रालय कंपनी के कामकाज और पैसे के इस्तेमाल की भी जांच करेगा। मंत्रालय ने इस बारे में तुरंत कोई जानकारी नहीं दी है। पतंजलि आयुर्वेद के प्रवक्ता ने भी कोई जवाब नहीं दिया है। यह पहली बार नहीं है जब पतंजलि आयुर्वेद पर सवाल उठे हैं। पिछले साल कंपनी पर टैक्स नहीं भरने और गलत तरीके से रिफंड मांगने के आरोप लगे थे। कोर्ट ने कंपनी को कुछ बीमारियों के इलाज के तौर पर अपने उत्पादों का विज्ञापन करने से भी रोक दिया था।
लिस्टेड कंपनी
पतंजलि आयुर्वेद एक प्राइवेट कंपनी है। लेकिन इसकी एक यूनिट पतंजलि फूड्स लिमिटेड शेयर बाजार में लिस्टेड है। इस महीने इसके शेयरों में लगभग 10% की गिरावट आई है। शुक्रवार को कारोबार के दौरान यह बीएसई पर करीब 3 फीसदी गिरावट के साथ 1691.10 रुपये पर आ गया था। पिछले साल कंपनी की एक यूनिट को सरकार से कारण बताओ मिला था। कोर्ट ने कंपनी को यह भी कहा था कि वह अपने उत्पादों को कुछ बीमारियों के इलाज के तौर पर न बेचे।
मंत्रालय कंपनी के कामकाज और पैसे के इस्तेमाल की भी जांच करेगा। मंत्रालय ने इस बारे में तुरंत कोई जानकारी नहीं दी है। पतंजलि आयुर्वेद के प्रवक्ता ने भी कोई जवाब नहीं दिया है। यह पहली बार नहीं है जब पतंजलि आयुर्वेद पर सवाल उठे हैं। पिछले साल कंपनी पर टैक्स नहीं भरने और गलत तरीके से रिफंड मांगने के आरोप लगे थे। कोर्ट ने कंपनी को कुछ बीमारियों के इलाज के तौर पर अपने उत्पादों का विज्ञापन करने से भी रोक दिया था।
लिस्टेड कंपनी
पतंजलि आयुर्वेद एक प्राइवेट कंपनी है। लेकिन इसकी एक यूनिट पतंजलि फूड्स लिमिटेड शेयर बाजार में लिस्टेड है। इस महीने इसके शेयरों में लगभग 10% की गिरावट आई है। शुक्रवार को कारोबार के दौरान यह बीएसई पर करीब 3 फीसदी गिरावट के साथ 1691.10 रुपये पर आ गया था। पिछले साल कंपनी की एक यूनिट को सरकार से कारण बताओ मिला था। कोर्ट ने कंपनी को यह भी कहा था कि वह अपने उत्पादों को कुछ बीमारियों के इलाज के तौर पर न बेचे।
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