नई दिल्ली : एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए ने भारत की तमाम एयरलाइंस को यूएस फेडरल एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) द्वारा 17 दिसंबर, 2018 को जारी किए गए स्पेशल एयरवर्थनेस इनफार्मेशन बुलेटिन (SAIB) का हवाला देते हुए बोइंग के तमाम मॉडल वाले एयरक्राफ्ट के फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच करने के आदेश दिए हैं। डीजीसीए ने यह आदेश शुक्रवार आधी रात के बाद आई AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट के दो दिन बाद दिए हैं। जिसमें 12 जून को अहमदाबाद से लंदन के गैटविक जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट नंबर एआई-171 के क्रैश होने की जांच की जा रही है। दुर्घटना में 260 लोग मारे गए थे। इनमें प्लेन में सवार 242 में से 241 लोग शामिल हैं।
भारतीय एजेंसी की जांच में FAA के बुलेटिन का जिक्र
क्रैश मामले की जांच कर रही एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट में FAA के इस बुलेटिन का जिक्र है। जिसमें FAA ने बोइंग 787 प्लेन में फ्यूल कंट्रोल स्विच लॉकिंग में खराबी आने की चेतावनी दी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि लंदन के लिए उड़ान भरने से पहले एयर इंडिया ने जरूरी जांच नहीं की थी। क्योंकि, FAA का बुलेटिन अनिवार्य नहीं बल्कि सलाहकारी था। लेकिन अब एएआईबी की रिपोर्ट में क्रैश हुए बोइंग के इस प्लेन 787-8 में फ्यूल कंट्रोल स्विच के अचानक रन से कटऑफ यानी ऑन से ऑफ में आ जाना बताया। इससे प्लेन के दोनों इंजनों में फ्यूल सप्लाई रूक गई थी और प्लेन क्रैश हो गया। हालांकि, यह शुरुआती जांच है। अंतिम जांच में नतीजे बदल भी सकते हैं।
बोइंग सबसे अधिक भारत के लिए बनाता है विमान
फिलहाल, भारत में बोइंग के सबसे अधिक 131 एयरक्राफ्ट एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस एयरलाइंस के बेड़े में हैं। इनमें एयर इंडिया के पास 33 एयरक्राफ्ट बी787-8/9 और 24 एयरक्राफ्ट बी777-200 एलआर और बी777-300ईआर हैं। जबकि एयर इंडिया एक्सप्रेस के बेड़े में बोइंग के 74 प्लेन हैं। इनमें 26 बी737-800 और 48 बी737-मैक्स8 हैं। इनके अलावा स्पाइसजेट के पास भी 15 से अधिक बोइंग के 737 हैं। इंडिगो के पास बोइंग का एक 787 है। लेकिन यह वेट लीज पर है जो विदेश में रजिस्टर्ड हैं। अकासा के पास भी बोइंग के प्लेन हैं।
FAA के बुलेटिन में फ्यूल कंट्रोल स्विच लॉकिंग के बारे में जिक्र
FAA के बुलेटिन में बोइंग के इन तमाम तरह के मॉडल की बात की गई है। जिनके फ्यूल कंट्रोल स्विच लॉकिंग सिस्टम में खराबी आ सकने का जिक्र किया गया है। मामले में सूत्रों ने बताया कि एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस ने एएआईबी की रिपोर्ट आने के बाद से ही अपने बेड़े में शामिल बोइंग के हवाई जहाजों के इन फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच करना शुरू कर दिया है। एयर इंडिया एक्सप्रेस के करीब 50 फीसदी प्लेन की जांच पूरी कर ली गई है। एयर इंडिया की चल रही है। पिछले दिनों एयर इंडिया के बोइंग 787 की वन टाइम जांच करने के डीजीसीए के दिए गए आदेश में अभी तक एयर इंडिया 33 में से 29 प्लेन की जांच पूरी कर सका है।
एफआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद जागा एयर इंडिया
दूसरी तरफ, एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट आने के दो दिन बाद एयर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने सोमवार सुबह अपने कर्मचारियों को इंटरनल सिस्टम के माध्यम से खास संदेश दिया। जिसमें उन्होंने 12 जून को क्रैश हुए बोइंग के उस प्लेन 787-8 के बारे में कहा कि उस एयरक्राफ्ट में कोई मैकेनिकल या मेंटेनेंस संबंधित समस्या नहीं थी। ना ही इंजन संबंधित कोई इश्यू था। फ्लाइट के फ्यूल की क्वालिटी में कोई समस्या नहीं थी और फ्लाइट का टेक-ऑफ-रोल भी कुछ असामान्य नहीं था। टेक ऑफ रोल से मतलब फ्लाइट के रनवे पर दौड़ने से है, जब वह उड़ान भरने के लिए पर्याप्त पावर लेता है।
एयर इंडिया के सीईओ ने अपने संदेश में और क्या कहा
कैंपबेल ने अपने संदेश में यह भी कहा है कि प्लेन की अनिवार्य मेंटेनेंस संबंधित सभी कार्य पूरे किए गए थे। पायलटों ने उड़ान से पहले ब्रेथ एनेलाइजर टेस्ट दिया था और उनकी मेडिकल कंडीशन में भी कुछ भी असामान्य नहीं पाया गया था। एक्सपर्ट का कहना है कि कैंपबेल के संदेश का मतलब यही हुआ कि बोइंग का दुर्घटनाग्रस्त हुआ प्लेन पूरी तरह से सही था और उसके पायलटों में भी कुछ असामान्य दिखाई नहीं दिया था।
अब सवाल यही उठ रहा है कि अगर सब कुछ सही था तो फिर प्लेन क्रैश हुआ तो कैसे? उसके दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच अपने आप अचानक कैसे रन से कटऑफ मोड यानी ऑन से ऑफ हो गए थे? विल्सन ने यह भी कहा है कि प्रारंभिक रिपोर्ट में न तो कोई कारण बताया गया है और न ही कोई सिफारिश की गई है।
भारतीय एजेंसी की जांच में FAA के बुलेटिन का जिक्र
क्रैश मामले की जांच कर रही एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट में FAA के इस बुलेटिन का जिक्र है। जिसमें FAA ने बोइंग 787 प्लेन में फ्यूल कंट्रोल स्विच लॉकिंग में खराबी आने की चेतावनी दी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि लंदन के लिए उड़ान भरने से पहले एयर इंडिया ने जरूरी जांच नहीं की थी। क्योंकि, FAA का बुलेटिन अनिवार्य नहीं बल्कि सलाहकारी था। लेकिन अब एएआईबी की रिपोर्ट में क्रैश हुए बोइंग के इस प्लेन 787-8 में फ्यूल कंट्रोल स्विच के अचानक रन से कटऑफ यानी ऑन से ऑफ में आ जाना बताया। इससे प्लेन के दोनों इंजनों में फ्यूल सप्लाई रूक गई थी और प्लेन क्रैश हो गया। हालांकि, यह शुरुआती जांच है। अंतिम जांच में नतीजे बदल भी सकते हैं।
बोइंग सबसे अधिक भारत के लिए बनाता है विमान
फिलहाल, भारत में बोइंग के सबसे अधिक 131 एयरक्राफ्ट एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस एयरलाइंस के बेड़े में हैं। इनमें एयर इंडिया के पास 33 एयरक्राफ्ट बी787-8/9 और 24 एयरक्राफ्ट बी777-200 एलआर और बी777-300ईआर हैं। जबकि एयर इंडिया एक्सप्रेस के बेड़े में बोइंग के 74 प्लेन हैं। इनमें 26 बी737-800 और 48 बी737-मैक्स8 हैं। इनके अलावा स्पाइसजेट के पास भी 15 से अधिक बोइंग के 737 हैं। इंडिगो के पास बोइंग का एक 787 है। लेकिन यह वेट लीज पर है जो विदेश में रजिस्टर्ड हैं। अकासा के पास भी बोइंग के प्लेन हैं।
FAA के बुलेटिन में फ्यूल कंट्रोल स्विच लॉकिंग के बारे में जिक्र
FAA के बुलेटिन में बोइंग के इन तमाम तरह के मॉडल की बात की गई है। जिनके फ्यूल कंट्रोल स्विच लॉकिंग सिस्टम में खराबी आ सकने का जिक्र किया गया है। मामले में सूत्रों ने बताया कि एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस ने एएआईबी की रिपोर्ट आने के बाद से ही अपने बेड़े में शामिल बोइंग के हवाई जहाजों के इन फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच करना शुरू कर दिया है। एयर इंडिया एक्सप्रेस के करीब 50 फीसदी प्लेन की जांच पूरी कर ली गई है। एयर इंडिया की चल रही है। पिछले दिनों एयर इंडिया के बोइंग 787 की वन टाइम जांच करने के डीजीसीए के दिए गए आदेश में अभी तक एयर इंडिया 33 में से 29 प्लेन की जांच पूरी कर सका है।
एफआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद जागा एयर इंडिया
दूसरी तरफ, एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट आने के दो दिन बाद एयर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने सोमवार सुबह अपने कर्मचारियों को इंटरनल सिस्टम के माध्यम से खास संदेश दिया। जिसमें उन्होंने 12 जून को क्रैश हुए बोइंग के उस प्लेन 787-8 के बारे में कहा कि उस एयरक्राफ्ट में कोई मैकेनिकल या मेंटेनेंस संबंधित समस्या नहीं थी। ना ही इंजन संबंधित कोई इश्यू था। फ्लाइट के फ्यूल की क्वालिटी में कोई समस्या नहीं थी और फ्लाइट का टेक-ऑफ-रोल भी कुछ असामान्य नहीं था। टेक ऑफ रोल से मतलब फ्लाइट के रनवे पर दौड़ने से है, जब वह उड़ान भरने के लिए पर्याप्त पावर लेता है।
एयर इंडिया के सीईओ ने अपने संदेश में और क्या कहा
कैंपबेल ने अपने संदेश में यह भी कहा है कि प्लेन की अनिवार्य मेंटेनेंस संबंधित सभी कार्य पूरे किए गए थे। पायलटों ने उड़ान से पहले ब्रेथ एनेलाइजर टेस्ट दिया था और उनकी मेडिकल कंडीशन में भी कुछ भी असामान्य नहीं पाया गया था। एक्सपर्ट का कहना है कि कैंपबेल के संदेश का मतलब यही हुआ कि बोइंग का दुर्घटनाग्रस्त हुआ प्लेन पूरी तरह से सही था और उसके पायलटों में भी कुछ असामान्य दिखाई नहीं दिया था।
अब सवाल यही उठ रहा है कि अगर सब कुछ सही था तो फिर प्लेन क्रैश हुआ तो कैसे? उसके दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच अपने आप अचानक कैसे रन से कटऑफ मोड यानी ऑन से ऑफ हो गए थे? विल्सन ने यह भी कहा है कि प्रारंभिक रिपोर्ट में न तो कोई कारण बताया गया है और न ही कोई सिफारिश की गई है।