मॉस्को: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगले महीने दिसंबर में भारत की राजकीय यात्रा करेंगे। रोसकांग्रेस ने बताया है कि पुतिन 5 दिसंबर को नई दिल्ली आएंगे और इसी सप्ताह आयोजित होने वाले रूस-भारत फोरम के पूर्ण सत्र में भाग लेंगे। इस सम्मेलन का आयोजन रोसकांग्रेस कर रही है। इससे पहले क्रेमलिन ने भी कहा था कि पुतिन दिसंबर में भारत की यात्रा करेंगे। अब उनकी यात्रा की तारीख सामने आ गई है। पुतिन के दिल्ली दौरे के दौरान खासतौर से रक्षा सहयोग पर बात होने की उम्मीद है। इसमें S-400 एयर डिफेंस सिस्टम और Su-57 लड़ाकू विमानों की खरीद पर चर्चा हो सकती है।
भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए पुतिन का दौरा दिसंबर 2021 के बाद उनकी पहली भारत यात्रा है। यूक्रेन के साथ रूस के युद्ध के बाद उपमहाद्वीप की भी उनकी पहली यात्रा होगी। ऐसे में इस यात्रा को भारत-रूस संबंधों के लिहाज से अहम माना जा रहा है। पुतिन ऐसे समय दिल्ली आ रहे हैं, जब भारत और अमेरिका के रिश्ते में तनातनी है। अमेरिका की ओर से भारत पर रूसी तेल खरीद रोकने का दबाव है। ऐसे में वॉशिंगटन की नजर भी उनके दौरे पर रहेगी।
पुतिन-मोदी की फोन पर हुई थी बात व्लादिमीर पुतिन ने बीते महीने, अक्टूबर में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की थी। दोनों नेताओं ने इस दौरान रूस और भारत के बीच 'विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी' को और गहरा करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई थी। रूस-भारत के पुराने संबंधों के अलावा पुतिन और मोदी एक-दूसरे से निजी तौर पर भी अच्छे रिश्ते होने की बात कहते रहे हैं। मोदी और पुतिन की आखिरी मुलाकात बीजिंग में हुई थी।
पुतिन जब दिल्ली में भारतीय अधिकारियों के साथ बैठेंगे तो भारत और रूस के बीच पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट सुखोई-57 पर डील फाइनल हो सकती है। भारतीय एयरफोर्स को इस समय आधुनिक लड़ाकू विमानों की जरूरत है। भारत के लिए सुखोई-57 लड़ाकू विमान को मुफीद माना जा रहा है। एचएएल के पास इस विमान के निर्माण के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा है। साथ ही रूस सुखोई-57 की तकनीक और सोर्स कोड भारत के साथ साझा करने को तैयार है। इससे भारत इस विमान को तरजीह दे सकता है।
लड़ाकू विमानों के अलावा भारतीय वायुसेना रूस से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने की भी तैयारी में है। रूस के इस सिस्टम ने पाकिस्तान के खिलाफ संघर्ष में अपना महत्व दिखाया था। भारत पांच स्क्वॉड्रन में से तीन पहले ही ले चुका है। व्लादिमीर पुतिन के दौरे के दौरान और बैटरी की खरीद पर बात फाइनल हो सकती है।
भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए पुतिन का दौरा दिसंबर 2021 के बाद उनकी पहली भारत यात्रा है। यूक्रेन के साथ रूस के युद्ध के बाद उपमहाद्वीप की भी उनकी पहली यात्रा होगी। ऐसे में इस यात्रा को भारत-रूस संबंधों के लिहाज से अहम माना जा रहा है। पुतिन ऐसे समय दिल्ली आ रहे हैं, जब भारत और अमेरिका के रिश्ते में तनातनी है। अमेरिका की ओर से भारत पर रूसी तेल खरीद रोकने का दबाव है। ऐसे में वॉशिंगटन की नजर भी उनके दौरे पर रहेगी।
पुतिन-मोदी की फोन पर हुई थी बात व्लादिमीर पुतिन ने बीते महीने, अक्टूबर में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की थी। दोनों नेताओं ने इस दौरान रूस और भारत के बीच 'विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी' को और गहरा करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई थी। रूस-भारत के पुराने संबंधों के अलावा पुतिन और मोदी एक-दूसरे से निजी तौर पर भी अच्छे रिश्ते होने की बात कहते रहे हैं। मोदी और पुतिन की आखिरी मुलाकात बीजिंग में हुई थी।
पुतिन जब दिल्ली में भारतीय अधिकारियों के साथ बैठेंगे तो भारत और रूस के बीच पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट सुखोई-57 पर डील फाइनल हो सकती है। भारतीय एयरफोर्स को इस समय आधुनिक लड़ाकू विमानों की जरूरत है। भारत के लिए सुखोई-57 लड़ाकू विमान को मुफीद माना जा रहा है। एचएएल के पास इस विमान के निर्माण के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा है। साथ ही रूस सुखोई-57 की तकनीक और सोर्स कोड भारत के साथ साझा करने को तैयार है। इससे भारत इस विमान को तरजीह दे सकता है।
लड़ाकू विमानों के अलावा भारतीय वायुसेना रूस से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने की भी तैयारी में है। रूस के इस सिस्टम ने पाकिस्तान के खिलाफ संघर्ष में अपना महत्व दिखाया था। भारत पांच स्क्वॉड्रन में से तीन पहले ही ले चुका है। व्लादिमीर पुतिन के दौरे के दौरान और बैटरी की खरीद पर बात फाइनल हो सकती है।
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