तेल अवीव: गाजा और इजरायल की सीमा पर अमेरिका अपना सैन्य अड्डा बनाने की योजना बना रहा है। इस बेस को बनाने के पीछे बड़ी संख्या में अमेरिकी सैनिकों को रखने और क्षेत्र में स्थिरीकरण प्रयासों को बढ़ाने का प्लान है। बेस बनाने की योजना से जुड़ी यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है, जब इस क्षेत्र में भारी अस्थिरता है। गाजा में इजरायल के दो वर्षों के भीषण हमलों के बाद बीते महीने युद्ध रोका गया है। युद्ध के रुकने के बाद क्षेत्र में तनाव है और सीजफायर के बावजूद कई बार हमले चुके हैं।
इजरायली वेबसाइट यरुशलम पोस्ट ने मंगलवार को शोमरिम की एक खोजी रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि अमेरिका गाजा से लगी इजरायली सीमा पर एक बड़ा सैन्य अड्डा बनाने की योजना पर विचार कर रहा है। वहीं इजरायली आर्मी (आईडीएफ) सूत्रों ने कहा कि उन्हे इस नई अवधारणा के बारे में बहुत कम जानकारी है कि इजरायली सीमा पर एक बड़े अड्डे में हजारों अमेरिकी सैनिक रहेंगे।
अमेरिकी नियंत्रण बढ़ेगाइजरायल-गाजा बॉर्डर पर सैन्य अड्डा क्षेत्र में जमीनी घटनाओं को सीधे नियंत्रित करने की अमेरिकी क्षमता को बढ़ाएगा। इस अड्डे का सीधे उद्देश्य जमीनी घटनाओं पर नियंत्रित करना है। इन घटनाओं के पीछे चाहे हमास हों, मिस्र हो, फिलिस्तीनी प्राधिकरण हो या फिर गाजा के प्रबंधन में सहायता करने वाले अन्य पक्ष हों। अमेरिका को बेस होने से इनसे निपटने में इजरायली सहयोग पर कम निर्भर होना होगा।
आईडीएफ की ओर से इस प्लान की जानकारी ना होने की बात कहने का मतलब है कि इस पर फिलहाल बात नहीं हो रही है। यह एक दूरगामी विचार हो सकता है, जिस पर बातचीत और अमल में आने में समय लगेगा। ऐसा भी कहा जा रहा है कि नेतन्याहू ने आईडीएफ को सूचित किए बिना ही इस तरह के बदलाव पर सहमति दे दी हो।
किर्यत गत में बढ़ी हलचलअक्टूबर में अमेरिका के नए नागरिक-सैन्य समन्वय केंद्र (सीएमसीसी) ने किर्यत गत में काम करना शुरू कर दिया है। इस कार्यालय में हालांकि कुछ सौ से ज्यादा अमेरिकी सैनिकों और सहयोगी अधिकारियों के रहने की उम्मीद नहीं है। यह उनको इस क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से कार्य करने की क्षमता में समन्वय करना है।
अमेरिकी सेंटकॉम अधिकारियों ने किर्यत गत के पास स्थित सीएमसीसी को गाजा से जुड़े अंतरराष्ट्रीय, मानवीय और सैन्य चैनलों के समन्वय का केंद्र बताया है। उन्होंने कहा कि इसने अक्टूबर के अंत में काम करना शुरू कर दिया था और इसका उद्देश्य साझेदारों के बीच निर्णय लेने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना है।
इजरायली वेबसाइट यरुशलम पोस्ट ने मंगलवार को शोमरिम की एक खोजी रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि अमेरिका गाजा से लगी इजरायली सीमा पर एक बड़ा सैन्य अड्डा बनाने की योजना पर विचार कर रहा है। वहीं इजरायली आर्मी (आईडीएफ) सूत्रों ने कहा कि उन्हे इस नई अवधारणा के बारे में बहुत कम जानकारी है कि इजरायली सीमा पर एक बड़े अड्डे में हजारों अमेरिकी सैनिक रहेंगे।
अमेरिकी नियंत्रण बढ़ेगाइजरायल-गाजा बॉर्डर पर सैन्य अड्डा क्षेत्र में जमीनी घटनाओं को सीधे नियंत्रित करने की अमेरिकी क्षमता को बढ़ाएगा। इस अड्डे का सीधे उद्देश्य जमीनी घटनाओं पर नियंत्रित करना है। इन घटनाओं के पीछे चाहे हमास हों, मिस्र हो, फिलिस्तीनी प्राधिकरण हो या फिर गाजा के प्रबंधन में सहायता करने वाले अन्य पक्ष हों। अमेरिका को बेस होने से इनसे निपटने में इजरायली सहयोग पर कम निर्भर होना होगा।
आईडीएफ की ओर से इस प्लान की जानकारी ना होने की बात कहने का मतलब है कि इस पर फिलहाल बात नहीं हो रही है। यह एक दूरगामी विचार हो सकता है, जिस पर बातचीत और अमल में आने में समय लगेगा। ऐसा भी कहा जा रहा है कि नेतन्याहू ने आईडीएफ को सूचित किए बिना ही इस तरह के बदलाव पर सहमति दे दी हो।
किर्यत गत में बढ़ी हलचलअक्टूबर में अमेरिका के नए नागरिक-सैन्य समन्वय केंद्र (सीएमसीसी) ने किर्यत गत में काम करना शुरू कर दिया है। इस कार्यालय में हालांकि कुछ सौ से ज्यादा अमेरिकी सैनिकों और सहयोगी अधिकारियों के रहने की उम्मीद नहीं है। यह उनको इस क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से कार्य करने की क्षमता में समन्वय करना है।
अमेरिकी सेंटकॉम अधिकारियों ने किर्यत गत के पास स्थित सीएमसीसी को गाजा से जुड़े अंतरराष्ट्रीय, मानवीय और सैन्य चैनलों के समन्वय का केंद्र बताया है। उन्होंने कहा कि इसने अक्टूबर के अंत में काम करना शुरू कर दिया था और इसका उद्देश्य साझेदारों के बीच निर्णय लेने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना है।
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