आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई चाहता है वह चुस्त-दुरुस्त रहें लेकिन अफसोस कि उसे समय नहीं मिल पाता है। आज के समय मे व्यक्ति पैसा कमाने में इतना मशगुल हो चुका है कि वह अपने खाने-पीने के से लेकर स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाता है। इस लापरवाही के कारण कब शरीर में कौन सी बीमारी घर कर जाती है। इसका पता भी नहीं चल पाता है और कब यह गंभीर रूप ले लेती हैं इस बात की भी जानकारी नहीं हो पाती है आज हम आपको एक ऐसी समस्या के बारे में बताने वाले हैं जिस से आधे से ज्यादा लोग परेशान रहते हैं।
बताते चले आज के समय में दही का सेवन हर घर में खाने के साथ शामिल किया जाता है. दही पकोड़े हो या फिर दही से बना रैयता, दोनों ही खाने में कमाल के लगते हैं. बहुत सारे बच्चे दही में चीनी मिला कर खाना पसंद करते हैं. इसके इलावा हिन्दू शास्त्रों के अनुसार भी दही को सबसे शुद्ध तत्व माना जाता है. पुराने लोगों के अनुसार किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले और घर से निकलने से पहले हमे दही चीनी जरुर खानी चाहिए. ऐसा करने से हमे आगे चल कर उस काम के प्रति शुभ समाचार प्राप्त होते हैं. इसके इलावा बहुत सारे डॉक्टर भी अपने मरीजों को दही खाने की सलाह देते हैं. अगर आपको खिचड़ी नही पसंद तो आप उसमे थोडा दही मिला लें. इससे खिचड़ी का स्वाद आपको अच्छा लगने लगेगा.
बहुत सारे लोग दही में नमक डाल कर खाना पसंद करते हैं. लेकिन आज हम आपको दही और नमक से जुडी कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिनसे शायद आप पहले कभी वाकिफ नहीं होंगे. आयुर्वेदिक विशेषज्ञ के अनुसार दही एक प्रकार की आयुर्वेदिक औषधि है जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद सिद्ध होती है. लेकिन दही में हमें भूल से भी नमक मिलाकर नहीं खाना चाहिए. आयुर्वेदिक विशेषज्ञ के अनुसार दही को हमेशा मीठी चीजों के साथ खाना चाहिए जैसे कि चीनी, गुड़, बूरा, मिश्री आदि. दरअसल दही में ऐसे कई बैक्टीरिया है जो हमें नंगी आँखों से नजर नहीं आते.
परंतु यदि हम इन बैक्टीरिया को किसी मैग्निफाइंग ग्लास के साथ या लेंस के साथ देखें तो हमें उस पर हजारों बैक्टीरिया तैरते नजर आएंगे. गौरतलब है कि यह सभी बैक्टीरिया जीवित अवस्था में आपको दिखाई देंगे. यह सभी बैक्टीरिया हमारे शरीर में प्रवेश करके एंजाइम प्रोसेस को काबू में रखते हैं. जिससे भोजन जल्दी पच जाता है और पेट से जुड़ी कई प्रकार की समस्याएं दूर रहती हैं.
वहीं अगर हम दही में नमक मिलाकर खाएं तो वह सारे जीवित बैक्टीरिया मर जाएंगे जो कि नहीं के बैक्टीरियल गुणों को खत्म कर देंगे. ऐसा दही हमारे किसी काम का नहीं रहेगा. आयुर्वेद की भाषा में दही को जीवाणुओं का घर माना जाता है. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि लगभग एक कप दही में भी करोड़ों जीवाणु मौजूद रहते हैं जिनका आपके पेट के अंदर जाना काफी फायदेमंद सिद्ध होता है. मगर एक चुटकी भर नमक भी इन सारे गुणों को नष्ट करने की ताकत रखता है.
इसीलिए अगर आप को दही खाना ही है तो आप उसे किसी मीठी वस्तु के साथ खाएं. दही में गुड़ एवं मिश्री डालकर खाना बेहद फायदेमंद सिद्ध होता है. क्योंकि गुड जीवाणुओं की संख्या दोगुनी कर देता है और वह एक करोड़ से बढ़कर दो करोड़ हो जाते हैं. दूसरी और बुरा डालकर दही खाना भी हमारे लिए असरदायक सिद्ध होता है. वहीं अगर बात मिश्री की करें तो मिश्री भगवान श्री कृष्ण को काफी पसंद थी वह अक्सर दही को मिश्री के साथ ही खाते थे. मिश्री के साथ खाया गया दही सोने पर सोहागे का काम करता है और शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाता है.
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