प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत अब लाभार्थियों को सालाना मिलने वाले सब्सिडाइज्ड एलपीजी सिलिंडर की संख्या घटा कर 12 से कम कर 9 सिलिंडर तक सीमित कर दी गई है। इसका मतलब यह है कि अब एक परिवार को पूरे साल में अधिकतम 9 रिफिल सिलिंडर पर ₹300 की सब्सिडी मिलेगी। 5 किलो वाले सिलिंडर उपयोग करने वालों को अनुपातिक रूप से सब्सिडी दी जाएगी।यह फैसला सरकार ने घरेलू एलपीजी कीमतों पर बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव और तेल कंपनियों (Indian Oil, Bharat Petroleum और Hindustan Petroleum) को हुए भारी घाटे के कारण उठाया है। इन कंपनियों को 2025-26 के वित्तीय वर्ष में लगभग ₹30,000 करोड़ की भरपाई 12 किस्तों में दी जाएगी ताकि वे एलपीजी की कीमतों को किफायती और स्थिर बनाए रख सकें।यद्यपि सिलिंडर की संख्या कम की गई है, लेकिन सिलिंडर पर मिलने वाली सब्सिडी अब ₹300 प्रति सिलिंडर कर दी गई है, जो अक्टूबर 2023 से लागू है। इस नई व्यवस्था से लाभार्थियों का सिलिंडर प्राप्ति में कुछ बदलाव हो सकता है परन्तु यह सरकार का प्रयास है कि उपभोक्ताओं को वैश्विक बाजार की अस्थिरता से संरक्षण मिले और एलपीजी की आपूर्ति में कोई व्यवधान न हो।उज्ज्वला योजना 2016 में शुरू हुई थी, जिसका उद्देश्य गरीब परिवारों, खासकर महिलाओं को बिना जमा राशि के एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना है। योजना का 2.0 संस्करण पहले रिफिल और स्टोव भी मुफ्त उपलब्ध कराता है। पिछले वर्षों में इस योजना से जुड़े परिवारों की प्रति व्यक्ति सिलिंडर की खपत में भी वृद्धि हुई है।संक्षेप में, उज्ज्वला योजना के तहत मिलने वाले सब्सिडाइज्ड सिलिंडरों की संख्या अब 12 से घटाकर 9 कर दी गई है, ताकि सरकारी तेल कंपनियों के घाटे की भरपाई हो सके और एलपीजी की कीमतों को स्थिर रखा जा सके। इसके साथ ही सिलिंडर पर ₹300 की सब्सिडी जारी रहेगी, जिससे गरीब परिवारों को राहत मिलती रहेगी।
You may also like
अब नहीं जमेगा जोड़ों में यूरिक एसिड! रोजˈ सुबह खाएं ये चीज़ और देखें चमत्कारी असर डॉक्टर भी हुए हैरान
शादी के 2 साल बाद भी गोद सूनी… पति ने रात में साथ सोने को कहा, तो पत्नी ने ऐसा धमाका किया कि अगली सुबह उसका सबकुछ…!
हरे निशान में खुले सेंसेक्स और निफ्टी, मेटल शेयरों में दिखी चमक
सड़क पर तड़प रही थी लड़की ड्राइवर नेˈ टैक्सी बेचकर कराया इलाज बदले में लड़की ने उसके साथ जो किया वो आपको भी कर देगा हैरान
राजस्थान का ये गांव है 'डॉक्टरों की फैक्ट्री', हर तीसरे घर से निकलता है MBBS डॉक्टर!