News India Live, Digital Desk: New Railway Route : पूर्वोत्तर रेलवे ने उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी है। 262 किलोमीटर लंबी एक बिल्कुल नई रेल लाइन तैयार होने जा रही है, जिस पर जल्द ही रेलगाड़ियां दौड़ना शुरू कर देंगी। यह नई लाइन सीधे गोरखपुर के पास के स्टेशन कप्तानगंज से चलकर बिहार के पश्चिमी चंपारण में वाल्मीकि नगर तक जाएगी।
कहां से कहां तक जुड़ेगी ये लाइन?
यह नया रेल मार्ग बिहार में वाल्मीकि नगर और नरकटियागंज को जोड़ते हुए यूपी के पडरौना होते हुए कप्तानगंज तक फैलेगा। खास बात यह है कि इस नई लाइन में कप्तानगंज और पडरौना दोनों में नए स्टेशन भी बनाए गए हैं, जो आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे।
तैयारी अंतिम चरण में: बस कुछ काम बाकी
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, इस 262 किलोमीटर की लंबी नई लाइन पर ट्रैक बिछाने का काम पूरी तरह से पूरा हो चुका है। अब सिर्फ इंटरलॉकिंग सिस्टम, सिग्नलिंग और इलेक्ट्रिफिकेशन (बिजलीकरण) से जुड़े कुछ अंतिम काम ही बचे हैं। जैसे ही यह तकनीकी कार्य पूरा हो जाएगा, सुरक्षा जांच और सफल ट्रायल रन के बाद ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। उम्मीद है कि यह प्रक्रिया जल्द ही पूरी हो जाएगी।
क्यों है यह परियोजना इतनी अहम?
यह नई रेल लाइन कई मायनों में गेमचेंजर साबित होगी:
कम होगा सफर: वाल्मीकि नगर और उसके आसपास के गांवों के लिए, जिनके लिए रेलवे नेटवर्क सीधा नहीं था, यह एक सीधी और तेज कनेक्टिविटी देगा। पहले जहां लोगों को लंबा सफर तय करना पड़ता था, अब यह लाइन उनके लिए यात्रा को बहुत आसान और तेज बना देगी।
तीर्थ और पर्यटन: वाल्मीकि नगर, जो एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है, वहाँ तक अब श्रद्धालुओं और पर्यटकों का पहुँचना और भी सुविधाजनक हो जाएगा। यह पर्यटन को बढ़ावा देगा।
नेपाल से कनेक्टिविटी: यह नई रेल लाइन बिहार और उत्तर प्रदेश को नेपाल बॉर्डर के और करीब लाएगी, जिससे सीमावर्ती इलाकों में आवाजाही आसान होगी।
लंबे इंतजार का अंत: कई गांवों और शहरों के निवासियों को इस नई लाइन का 15 साल से अधिक समय से इंतज़ार था। अब उनका यह इंतज़ार खत्म होने जा रहा है।
वैकल्पिक मार्ग: यह बिहार-यूपी के बीच ट्रेनों के लिए एक नया और बेहतर वैकल्पिक मार्ग भी उपलब्ध कराएगा, जिससे यातायात दबाव कम होगा और परिचालन सुगम होगा।
कुल मिलाकर, यह परियोजना उत्तर प्रदेश और बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी और विकास को एक नई रफ्तार देगी, जिससे स्थानीय लोगों का जीवन स्तर बेहतर होगा।
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