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Salute to the army: ऑपरेशन सिंदूर आतंकवादियों की हार

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नई दिल्ली: जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने हिंदू पर्यटकों की हत्या की थी, तो पूरे देश में व्यापक आक्रोश फैल गया था और पाकिस्तान को खत्म कर बदला लेने की मांग की गई थी। देशवासियों की मांग को पूरा करते हुए भारतीय सेना ने बिना पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश किए ही ऑपरेशन सिंदूर के तहत मंगलवार रात एक बजे पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादियों की आतंक की फैक्टरी लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के नौ ठिकानों पर मात्र 25 मिनट में 24 मिसाइल हमले किए, जिसमें 90 से अधिक आतंकवादी मारे गए। इसके साथ ही भारतीय सेना ने न केवल पहलगाम आतंकी हमले का बदला ले लिया है, बल्कि 2001 में संसद हमले से लेकर पुलवामा तक सभी आतंकी हमलों का बदला ले लिया है।

उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा हमले के बाद बालाकोट हवाई हमले को दोहराते हुए, भारतीय सैन्य बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत मंगलवार रात 1:00 से 1:25 बजे के बीच सिर्फ 25 मिनट तक चले सैन्य अभियान में पाकिस्तान के पंजाब के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय सहित नौ स्थानों को नष्ट कर दिया। इसके साथ ही सैन्य बलों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मुजफ्फराबाद में आतंकवादी शिविरों को भी नष्ट कर दिया। इस तथ्य के जवाब में कि पहलगाम में आतंकवादियों ने केवल पुरुषों को निशाना बनाया और हिंदू महिलाओं को विधवा बना दिया, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सैन्य अभियान को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर पाकिस्तान में चार और पीओके में पांच आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। इस मिसाइल हमले में जैश-ए-मोहम्मद के कुख्यात आतंकवादी मसूद अजहर के 10 परिवार के सदस्यों और चार सहयोगियों सहित कुल 14 लोग भी मारे गए थे। जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय बहावलपुर, पंजाब, पाकिस्तान में था, जहां मसूद अजहर का परिवार रहता था। हमले में मारे गए आतंकवादियों में मसूद अजहर के दो भाई, बहन, बहनोई, चार करीबी सहयोगी, मौलाना काशिफ, उसका परिवार और मौलाना अब्दुल रऊफ की बड़ी बेटी शामिल थे। इस हमले के बाद मसूद अजहर को यह कहते हुए सुना गया था, ‘अगर मैं भी इस हमले में मर जाता तो बेहतर होता।’

बुधवार की सुबह जब भारतीय नागरिक जागे तो उन्हें खुशखबरी मिली कि भारत ने पहलगाम हमले का बदला ले लिया है। पाकिस्तान में एक और हवाई हमले के बाद, भारत सरकार ने देर रात प्रेस विज्ञप्ति में प्रारंभिक विवरण जारी किया। फिर बुधवार सुबह भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री, भारतीय सेना की गुजराती कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने देशवासियों को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी।

विक्रम मिसरी ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद हमले की साजिश रचने वाले आतंकियों को ढूंढ़कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इतना ही नहीं, उसने तीन दिन में दो मिसाइल परीक्षण कर मानो भारत को उकसाने का प्रयास किया। इसके अलावा, पाकिस्तानी नेता और मंत्री भी भारत को परमाणु हमले की धमकी दे रहे थे। इस प्रकार, पाकिस्तान ने अपनी धरती से पाकिस्तान को खत्म करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय इसलिए लिया है क्योंकि पाकिस्तान अपनी धरती पर आतंकवादी बुनियादी ढांचे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। भारत का यह कदम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बयान के अनुरूप है।

ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली दो महिला अधिकारियों सेना की सिग्नल कोर की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की महिला पायलट विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर का ब्यौरा देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार इस ऑपरेशन पर नजर रखे हुए थे। भारतीय सेना ने बिना किसी उकसावे के, बड़ी सटीकता से आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किये। आतंकवादियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत ने किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने पर हमला नहीं किया।

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