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डायबिटीज के मरीजों पर तनाव का असर: कैसे बिगड़ता है ब्लड शुगर लेवल और कैसे करें कंट्रोल

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डायबिटीज के मरीजों पर तनाव का असर: कैसे बिगड़ता है ब्लड शुगर लेवल और कैसे करें कंट्रोल

तनाव केवल मानसिक स्थिति को ही नहीं, बल्कि शरीर की कार्यप्रणाली को भी प्रभावित करता है, खासकर डायबिटीज के मरीजों के लिए यह और भी चिंताजनक हो सकता है। जब आप तनाव में होते हैं, तो शरीर एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन छोड़ता है, जो ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकते हैं। इस स्थिति को “फाइट या फ्लाइट रिस्पॉन्स” कहा जाता है, जो शरीर को खतरे से निपटने के लिए तैयार करता है, लेकिन डायबिटिक मरीजों में यह प्रतिक्रिया कई जटिलताएं पैदा कर सकती है।

तनाव डायबिटीज को कैसे प्रभावित करता है?
  • टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों में मानसिक तनाव के समय ब्लड शुगर लेवल में तेजी से वृद्धि होती है।

  • टाइप 1 डायबिटीज वाले मरीजों में यह प्रतिक्रिया विविध होती है—कुछ में शुगर बढ़ता है, तो कुछ में गिर भी सकता है।

  • शारीरिक तनाव (बीमारी या चोट के कारण) भी ग्लूकोज लेवल को बढ़ा सकता है, चाहे व्यक्ति टाइप 1 हो या टाइप 2 डायबिटिक।

कैसे पहचानें कि तनाव आपके शुगर लेवल को प्रभावित कर रहा है?

अपने ब्लड शुगर लेवल और तनाव की स्थितियों का कुछ हफ्तों तक ट्रैक रखें। उदाहरण के तौर पर:

  • क्या आपको सोमवार की सुबह काम के तनाव की वजह से ज्यादा बेचैनी होती है?

  • क्या उन दिनों ब्लड शुगर लेवल ज्यादा होता है?

यदि हां, तो यह स्पष्ट संकेत है कि आपका तनाव डायबिटीज को प्रभावित कर रहा है। ऐसे में समय पर कदम उठाकर स्थिति को बेहतर किया जा सकता है।

तनाव के सामान्य लक्षण

कई बार हम तनाव को हल्के में ले लेते हैं, लेकिन इसके लक्षण धीरे-धीरे शरीर पर प्रभाव डाल सकते हैं:

  • लगातार सिरदर्द

  • मांसपेशियों में जकड़न या दर्द

  • बहुत ज्यादा या बहुत कम नींद आना

  • लगातार बीमार जैसा महसूस होना

  • थकान और ऊर्जा की कमी

  • निराशा या उदासी

  • चिड़चिड़ापन और बेचैनी

इन लक्षणों को समय रहते पहचानना जरूरी है ताकि आप तनाव को संभाल सकें और अपनी डायबिटीज को नियंत्रित रख सकें।

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