नई दिल्ली। इस्लामिक देशों के संगठन आर्गेनाइजेशन ऑफ इंटरनेशनल कॉरपोरेशन (ओआईसी) संसदीय यूनियन की जकार्ता में हुई बैठक में पाकिस्तान को झटका लगा और वो भारत विरोधी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सका। दरअसल पाकिस्तान मुस्लिम देशों के बीच कश्मीर को लेकर भारत के खिलाफ प्रस्ताव लाना चाह रहा था, मगर दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया समेत मिस्र और बहरीन ने मिलकर पाकिस्तान के भारत विरोधी प्रस्ताव को रोक दिया है। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस्लामिक देशों के बीच भी पाकिस्तान की छवि अच्छी नहीं है वहीं मुस्लिम देश भारत के पक्ष में हैं।
ओआईसी की बैठक के बाद जारी दस्तावेज में फिलिस्तीन और गाजा के हालात पर बात करते हुए इजरायल के लिए तो सख्त बातें लिखी गईं हैं, लेकिन भारत के लिए सधे हुए शब्दों का प्रयोग किया गया है। आपको बता दें कि इंडोनेशिया का रुख भारत के पक्ष में रहा है और वो कश्मीर पर भारत की स्थिति का समर्थन करता आ रहा है। इस साल भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। इतना ही नहीं उन्होंने भारत आने के लिए अपनी पाकिस्तान की यात्रा को टाल दिया था। पहलगाम आतंकी हमले के बाद इंडोनेशिया ने अपने बयान में इसकी निंदा की थी।
वहीं पिछले दशक से मिस्र और बहरीन देशों के साथ भी भारत के रिश्तों में मजबूती आई है। दोनों देशों के साथ भारत के व्यापारिक रिश्ते भी और बेहतर हुए हैं। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जब न्यूयॉर्क में ओआईसी की बैठक हुई थी, तब भारत ने कहा था कि इस्लामाबाद ने ओआईसी समूह को ना सिर्फ गुमराह किया और पहलगाम आतंकी हमले के बारे में गलत जानकारी दी। उस बैठक में ओमान ने पाकिस्तान को कश्मीर मामले पर सख्त शब्दों के इस्तेमाल से रोका था।
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