लाइव हिंदी खबर (हेल्थ कार्नर) :- हाल ही में चीन में किए गए एक अध्ययन में यह पाया गया है कि मिर्च और मसालों का सेवन करने से जीवनकाल बढ़ सकता है। इस अध्ययन में 30 से 79 वर्ष के बीच के पांच लाख चीनी नागरिकों को शामिल किया गया। शोधकर्ताओं ने देखा कि मिर्च-मसालेदार भोजन शरीर में वसा को कम करने में मदद करता है, जिससे मोटापे, डायबिटीज और दिल के दौरे का खतरा घटता है। आइए जानते हैं इस विषय पर एलोपैथिक और आयुर्वेदिक विशेषज्ञों की राय।
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण
पित्त का संतुलन
आयुर्वेद के अनुसार, मिर्च का उपयोग शरीर में गर्मी बढ़ाने और पित्त को संतुलित करने के लिए किया जाता है। हालांकि, इसकी मात्रा व्यक्ति की आदत और शारीरिक प्रकृति पर निर्भर करती है। नियमित रूप से मिर्च खाने वाले लोगों को इससे कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन जो लोग इसे कम खाते हैं, उन्हें पेट में अल्सर, दस्त, बवासीर, लिवर में समस्या और आंतों में सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे लोगों को मिर्च के साथ दही, छाछ, नींबू और घी का सेवन करना चाहिए, जिससे मिर्च के दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं।
एलोपैथिक विशेषज्ञ की सलाह
सीमित मात्रा का महत्व
एलोपैथिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक गलत धारणा है कि मिर्च खाने से पेट में समस्याएं होती हैं। वास्तव में, यह समस्या उन लोगों को होती है जो कभी-कभार मिर्च का सेवन करते हैं। नियमित रूप से थोड़ी मात्रा में मिर्च का सेवन करने से आंतों की क्षमता बढ़ती है और अल्सर का खतरा कम होता है। जिन लोगों को पहले से पेट की समस्याएं हैं, उन्हें मिर्च का सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। बवासीर के मरीजों को मिर्च से बचना चाहिए, क्योंकि इससे उनकी स्थिति बिगड़ सकती है।
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