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भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव: सीजफायर का उल्लंघन और पीएम मोदी की बैठक

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भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव की स्थिति

भारत-पाकिस्तान युद्ध समाचार: भारत-पाक सीजफायर में तनाव: पाकिस्तान की गोलीबारी, सलाल बांध से पानी छोड़ा गया, पीएम मोदी की महत्वपूर्ण बैठक: जम्मू-कश्मीर से लेकर पंजाब और राजस्थान तक, भारत-पाक सीमा पर तनाव का माहौल बना हुआ है। शनिवार को सीजफायर पर सहमति के बावजूद, पाकिस्तान ने कई स्थानों पर गोलीबारी और ड्रोन हमले किए, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।


सीजफायर का उल्लंघन और पाकिस्तान की गतिविधियाँ

शनिवार की शाम को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर सहमति बनी थी, लेकिन कुछ घंटों के भीतर ही पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के अखनूर, राजौरी, आरएस पुरा, और पलनवाला सेक्टरों में गोलीबारी शुरू कर दी। श्रीनगर, बारामूला, और उधमपुर में ड्रोन गतिविधियों की सूचना मिली, जिसके जवाब में भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने कई ड्रोन को नष्ट कर दिया।


श्रीनगर में रात 9 बजे के बाद ब्लैकआउट लागू किया गया, और मस्जिदों के लाउडस्पीकरों से लोगों को लाइट बंद करने के लिए कहा गया। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, “यह कैसा सीजफायर? श्रीनगर में धमाकों की आवाजें गूंज रही हैं!” रविवार सुबह तक स्थिति सामान्य हो गई, लेकिन सेना और बीएसएफ हाई अलर्ट पर हैं।


ऑपरेशन सिंदूर: भारत की कड़ी कार्रवाई

यह तनाव 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। भारत ने इसके जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसमें भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान और पीओके में कई आतंकी ठिकानों को नष्ट किया।


भारतीय वायु सेना ने एक एक्स पोस्ट में कहा, “ऑपरेशन सिंदूर में सावधानीपूर्वक और गुप्त तरीके से राष्ट्रीय हितों की रक्षा की गई।” इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान ने सीजफायर का प्रस्ताव रखा, लेकिन उनकी गतिविधियाँ जारी रहीं। रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया, “हमारी सेनाएं किसी भी आतंकी घटना को युद्ध मानेंगी और उसका जवाब देंगी।”


सलाल बांध का पानी: पाकिस्तान में बाढ़ का खतरा

जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में चेनाब नदी पर बने सलाल बांध के कई गेट रविवार को खोल दिए गए। इससे नदी में पानी का स्तर बढ़ गया, और पाकिस्तान में बाढ़ की आशंका जताई जा रही है।


भारत ने 22 अप्रैल के हमले के बाद सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया था, जिसके तहत चेनाब नदी का पानी पाकिस्तान को आवंटित है। स्थानीय निवासी दिनेश ने कहा, “पाकिस्तान को जवाब देना जरूरी था। सरकार का यह कदम सही है।” हालांकि, भारत ने अभी इस समझौते पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है।


शहीद जवानों का बलिदान

पाकिस्तान की गोलीबारी और ड्रोन हमलों में भारतीय सेना के दो जवान, एक वायु सेना का सूबेदार मेजर, और बीएसएफ के सब-इंस्पेक्टर शहीद हो गए। बीएसएफ के सात अन्य जवान घायल हैं।


जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में शहीद राइफलमैन सुनील कुमार का पार्थिव शरीर उनके त्रेवा गांव लाया गया, जहां ग्रामीणों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। बीएसएफ के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज के लिए जम्मू में आज दोपहर 12 बजे सम्मान समारोह होगा। इन शहीदों के बलिदान ने देशवासियों का दिल झकझोर दिया है।


पीएम मोदी की हाई-लेवल बैठक

पाकिस्तान के सीजफायर उल्लंघन के बाद रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। इसमें एनएसए अजित डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, और सेना के तीनों प्रमुख शामिल थे।


सूत्रों के अनुसार, बैठक में सीमा पर स्थिति, सेना की तैयारियों, और भविष्य की रणनीति पर चर्चा हुई। रक्षा मंत्रालय आज सुबह 11 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा, जिसमें ताजा स्थिति पर जानकारी दी जाएगी। सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसी भी उकसावे का जवाब कड़ाई से दिया जाएगा।


सामान्य हो रही स्थिति

रविवार सुबह जम्मू-कश्मीर के राजौरी, पंजाब के अमृतसर, और राजस्थान के बाड़मेर में स्थिति सामान्य दिख रही है। अमृतसर के डीसी ने बताया कि बाजार खुले हैं और लोग अपने रोजमर्रा के काम कर रहे हैं।


श्रीनगर में रात 9:30 बजे के बाद कोई ड्रोन गतिविधि नहीं देखी गई, और ब्लैकआउट हटा लिया गया। फिर भी, बीएसएफ और सेना हाई अलर्ट पर हैं, क्योंकि जम्मू में हाल ही में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश नाकाम की गई थी।


ट्रंप का दावा, भारत की चेतावनी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीजफायर की घोषणा का श्रेय लेते हुए कहा, “मुझे भारत और पाकिस्तान के नेतृत्व पर गर्व है। अमेरिका ने इस ऐतिहासिक फैसले में मदद की।”


उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर समाधान की बात भी की, जिसे भारत ने खारिज कर दिया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “पाकिस्तान की हरकतें हमें भरोसा नहीं करने देतीं। हमारी सेनाएं किसी भी उल्लंघन का जवाब देने को तैयार हैं।” यह बयान भारत की कठोर नीति को दर्शाता है।


जनता की भावनाएं

जम्मू के एक निवासी रमेश ठाकुर ने कहा, “हम शांति चाहते हैं, लेकिन पाकिस्तान की हरकतें हमें डराती हैं। हमारे जवान शहीद हो रहे हैं, यह बर्दाश्त नहीं होगा।”


सोशल मीडिया पर लोग शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं और सरकार से कड़ा जवाब देने की मांग कर रहे हैं। भारत की यह रणनीति न केवल सीमा पर शांति की उम्मीद जगाती है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी जीरो टॉलरेंस नीति को भी रेखांकित करती है।


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