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ज्येष्ठ माह में तुलसी के उपाय: स्वास्थ्य, समृद्धि और शांति के लिए

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तुलसी के उपायों का महत्व

Tulsi ke Upay: हिंदू धर्म में तुलसी को भगवान विष्णु की प्रिय मानी जाती है। यह मान्यता है कि भगवान विष्णु और हनुमान जी भी तुलसी के बिना प्रसाद नहीं लेते। तुलसी को विष्णु प्रिया भी कहा जाता है। जिस घर में तुलसी का पौधा होता है, वहां नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होता। 13 मई से ज्येष्ठ माह की शुरुआत हो चुकी है, जिसे पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है।


धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, ज्योतिषीय दृष्टि से भी तुलसी का विशेष महत्व है। ज्येष्ठ माह में तुलसी से जुड़े कुछ उपाय करने से व्यक्ति अपनी समस्याओं से छुटकारा पा सकता है। आइए जानते हैं कि इस माह में तुलसी के कौन से उपाय किए जा सकते हैं।


शनि दोष से मुक्ति दूर होगा शनि दोष

ज्येष्ठ माह में शनि की साढ़े साती या ढैय्या से प्रभावित लोग तुलसी के इस उपाय का पालन कर सकते हैं। शनिवार को तुलसी के पौधे के पास सरसों के तेल का दीपक जलाएं। दीपक जलाने से पहले तुलसी पर गंगाजल अर्पित करें और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का 11 बार जाप करें।


इसके बाद, तुलसी की जड़ में काले तिल और गुड़ अर्पित करें। यह उपाय शनि के दुष्प्रभाव को कम करता है और आर्थिक स्थिरता लाता है। इस दौरान काले कपड़े पहनने से बचें और तुलसी के पौधे की नियमित देखभाल करें।


धन और समृद्धि की प्राप्ति आएगी सुख और समृद्धि

ज्येष्ठ माह में तुलसी की पूजा से धन और समृद्धि के योग बनते हैं। इसके लिए रविवार या एकादशी तिथि पर तुलसी के पौधे के सामने पीले कपड़े पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की तस्वीर रखें। तुलसी पर गंगाजल और दूध अर्पित करें, फिर माता लक्ष्मी को कमल के फूल और भगवान विष्णु को तुलसी पत्र अर्पित करें। ध्यान रखें कि ये तुलसी पत्र उसी पौधे से तोड़कर अर्पित न करें।


'ॐ नमो नारायणाय' मंत्र का 108 बार जाप करें और तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं। पूजा के बाद तुलसी पत्र को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें। यह उपाय शुक्र और बृहस्पति के शुभ प्रभाव को बढ़ाता है, जिससे व्यापार और नौकरी में तरक्की होती है।


स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान बीमारियों का होता है नाश

ज्येष्ठ माह की गर्मी में स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं, और तुलसी के उपाय इसके लिए लाभकारी हैं। तुलसी का पौधा नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। इसके लिए रोज सुबह तुलसी को जल अर्पित करें और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का 21 बार जाप करें।


तुलसी के 5-7 पत्तों को पानी में उबालकर पीने से पाचन और श्वसन संबंधी समस्याएं कम होती हैं। तुलसी के पौधे को घर के पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में रखें, क्योंकि यह वास्तु के अनुसार शुभ है और स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।


राहु और मंगल का अशुभ प्रभाव होगा दूर राहु और मंगल का अशुभ प्रभाव होगा दूर

मंगल और राहु के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए ज्येष्ठ माह में तुलसी के विशेष उपाय किए जा सकते हैं। मंगलवार को तुलसी के पौधे के पास लाल चंदन की माला से 'ॐ अंगारकाय नमः' मंत्र का 11 बार जाप करें। तुलसी की जड़ में लाल मसूर की दाल अर्पित करें।


राहु दोष के लिए बुधवार को तुलसी को हरे कपड़े में बांधकर गंगाजल से स्नान कराएं और 'ॐ राहवे नमः' मंत्र का 21 बार जाप करें। ये उपाय क्रोध, विवाद, और मानसिक तनाव को कम करते हैं।


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