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हनुमान जी की आराधना: संकटों से मुक्ति का मार्ग

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हनुमान जी की महिमा

श्री हनुमान जी, जिन्हें कलियुग का प्रत्यक्ष देवता माना जाता है, न केवल श्री सीताराम जी के आशीर्वाद से मनुष्यों की सभी इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हैं, बल्कि वे अपने वचनों के प्रति भी प्रतिबद्ध हैं। यह महत्वपूर्ण है कि भक्त किस प्रकार और किस नीति से हनुमान जी को प्रसन्न कर सकते हैं।


आराधना और अध्ययन का महत्व

हनुमान जी की पूजा, उनके चरित्र और लीलाओं से भरे सुंदर काव्य का अध्ययन, और ध्यान करना सभी के लिए अत्यंत लाभकारी है। भगवान मारुति अपने भक्तों पर कृपा करते हैं, क्योंकि वे नहीं चाहते कि कोई प्राणी सांसारिक कार्यों के लिए उनके भगवान को कष्ट दे।


रामोपासक का कल्याण

हनुमान जी कलियुग में रामोपासक और उनके भक्तों का कल्याण करते हैं। राम मंत्र का उपयोग केवल मोक्ष के लिए नहीं, बल्कि हनुमान जी का स्मरण भी आवश्यक है, जैसा कि राम रहस्योपनिषद में बताया गया है। भगवान राम की कृपा से हनुमान जी इच्छित फल प्रदान करते हैं।


भक्तों की मनोकामना

हनुमान जी हमेशा राम नाम लिखने वाले भक्तों की इच्छाओं को पूरा करने के लिए तत्पर रहते हैं। 'श्री रामरच्चापद्धति' में कहा गया है कि हनुमान जी रामकृपा की सफलता के प्रतीक हैं, इसलिए भक्तों को उन्हें संतुष्ट करना चाहिए।


यदि कोई भक्त हनुमान जी को भक्ति भाव से स्मरण करता है और उनके गुणों का गान करता है, तो हनुमान जी की शक्ति उस भक्त में प्रवाहित होने लगती है।


संकटों में हनुमान जी का नाम स्मरण करना ब्रह्मबाण के समान प्रभावी होता है। हर परिस्थिति में श्रद्धा और विश्वास बनाए रखना आवश्यक है।


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