केंद्र और दक्षिण भारतीय राज्यों के बीच भाषा के मुद्दे पर एक नई चर्चा सोशल मीडिया पर छिड़ गई है। एक उपयोगकर्ता ने दावा किया है कि बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर डिस्प्ले बोर्ड से हिंदी को हटा दिया गया है। एक वीडियो में, टर्मिनल 1 की डिजिटल स्क्रीन पर केवल अंग्रेजी और कन्नड़ में उड़ान की जानकारी प्रदर्शित की गई, जिसमें फ्लाइट नंबर, गंतव्य और गेट की जानकारी शामिल थी।
केवल अंग्रेजी और कन्नड़ में जानकारी
उपयोगकर्ता ने अपने पोस्ट में उल्लेख किया कि टी1 टर्मिनल पर सभी डिजिटल बोर्ड सिर्फ अंग्रेजी और कन्नड़ में जानकारी प्रदान कर रहे हैं। इसके बाद, उसने कई अन्य वीडियो साझा किए, जिनमें यही दो भाषाएं दिखाई दीं। जैसे ही यह पोस्ट वायरल हुआ, बहस शुरू हो गई कि क्या सार्वजनिक स्थलों पर बहुभाषी जानकारी आवश्यक है।
फ्लाइट डिस्प्ले सिस्टम में कोई परिवर्तन नहीं
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बैंगलोर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (BIAL) ने स्पष्ट किया कि उनके फ्लाइट डिस्प्ले सिस्टम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि यह वर्षों से चलती आ रही नीति है, जिसमें यात्रियों की सुविधा के लिए अंग्रेजी और कन्नड़ में जानकारी दी जाती है। इसके अलावा, टर्मिनल में लगे संकेतक बोर्ड तीन भाषाओं—कन्नड़, अंग्रेजी और हिंदी में हैं।
भाषा पर राष्ट्रीय बहस का पुनरुत्थान
इस विवाद ने एक बार फिर भाषा को लेकर राष्ट्रीय बहस को जन्म दिया है। कुछ उपयोगकर्ताओं ने इसे क्षेत्रीय पहचान का प्रतीक बताया और इसे 'हिंदी थोपने के खिलाफ' एक सकारात्मक कदम माना। वहीं, कई लोगों ने तर्क किया कि हवाई अड्डे जैसे अंतरराष्ट्रीय स्थलों पर हिंदी जैसी व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा को शामिल किया जाना चाहिए। एक उपयोगकर्ता ने कहा कि मेट्रो में हिंदी का न होना समझ में आता है, लेकिन हवाई अड्डों पर इसे हटाना व्यावहारिक नहीं है।
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