इंटरनेट डेस्क। आपने भी सुना होगा और आपको भी पता होगा की हिंदू महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी व्रत किया जाता है। इस बार सावन के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का संयोग 14 जुलाई, सोमवार को यानी आज बन रहा है, इसलिए इसी दिन ये व्रत किया जाता है। खास बात ये है कि इस दिन सावन का पहला सोमवार भी रहेगा। जानें इस दिन कैसे करें श्रीगणेश की पूजा, कब होगा चंद्रोदय।
14 जुलाई, सोमवार को कब होगा चंद्रोदय?
संकष्टी चतुर्थी व्रत में चंद्रमा को देखकर व्रत पूरा किया जाता है, लेकिन इसके पहले भगवान श्रीगणेश की पूजा की जाती है। 14 जुलाई, सोमवार को चंद्रोदय रात को लगभग 09.55 पर होगा। इसलिए आप अपनी सुविधा के अनुसार, रात 8 से 9 के बीच में भगवान श्रीगणेश की पूजा कर सकते हैं।
संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि कर शुद्ध हो जाएं। इसके बाद व्रत-पूजा का संकल्प लें।
ऊपर बताए समय में पहले श्रीगणेश की पूजा करें। लकड़ी के बाजोट पर श्रीगणेश का चित्र या मूर्ति स्थापित करें।
भगवान श्रीगणेश को कुमकुम से तिलक लगाएं, फूलों की माला पहनाएं और शुद्ध घी का दीपक जलाएं।
इसके बाद अबीर, गुलाल, चावल, रोली, फूल, पान, वस्त्र, जनेऊ आदि चीजें एक-एक करके चढ़ाएं।
गणेश को दूर्वा चढ़ाएं। पूजा के दौरान ऊं गं गणपतये नम मंत्र का जाप करें। लड्डू का भोग लगाएं।
इसके बाद श्रीगणेश की आरती करें। इस प्रकार संकष्टी चतुर्थी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
रात को चंद्रमा उदय होने पर जल से अर्ध्य दें और फूल चढ़ाएं। इसके बाद भोजन करें।
pc- mypandit.com
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