शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही वैभव लक्ष्मी व्रत भी रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं। माता लक्ष्मी की पूजा करने से आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसके लिए ज्योतिष शास्त्र भी धन की कमी को दूर करने के लिए धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा करने की सलाह देता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से साधक के जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और परेशानियां दूर हो जाती हैं। इसके लिए शुक्रवार के दिन स्नेह की देवी माता लक्ष्मी की पूजा भक्ति भाव से की जाती है। अगर आप भी माता लक्ष्मी की कृपा के भागी बनना चाहते हैं तो शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय राशि के अनुसार मंत्र का जाप भी करें। यह वीडियो भी देखें
राशि के अनुसार करें मंत्र का जाप
मेष राशि के जातकों को शुक्रवार को पूजा के दौरान 'ॐ नित्यागतायै नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए।
वृष राशि के जातकों को दुख और परेशानी से मुक्ति के लिए 'ॐ महादेव्यै नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए।
मिथुन राशि के जातकों को देवी लक्ष्मी की पूजा करते समय 'ॐ परमयै नमः' मंत्र का एक माला जाप करना चाहिए।
कर्क राशि के जातकों को देवी दुर्गा की पूजा करते समय 'ॐ भद्रकालिये नमः' मंत्र का एक माला जाप करना चाहिए।
सिंह राशि के जातकों को मनचाहा वरदान पाने के लिए पूजा के दौरान 'ॐ कालिये नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए।
कन्या राशि के जातकों को देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए 'ॐ कामदायै नमः' मंत्र का एक माला जाप करना चाहिए।
तुला राशि के जातकों को आर्थिक समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए 'ॐ सिद्धलक्ष्म्यै नमः' मंत्र का एक माला जाप करना चाहिए।
वृश्चिक राशि के जातकों को धन प्राप्ति के लिए पूजा के दौरान 'ॐ दुर्गायै नमः' मंत्र का एक माला जाप करना चाहिए।
धनु राशि के जातकों को धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान 'ॐ कामकंटायै नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए।
मकर राशि के जातकों को देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए 'ॐ शिवाय नमः' मंत्र का एक माला जाप करना चाहिए।
कुंभ राशि के जातकों को व्यापार में तरक्की के लिए पूजा के दौरान 'ॐ परमयायै नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए।
मीन राशि के जातकों को देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए '
आरती श्री लक्ष्मी जी
ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत,हरि विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...
उमा, रमा, ब्रह्माणी,तुम ही जग-माता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत,नारद ऋषि गाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...
दुर्गा रुप निरंजनी,सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत,ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...
तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...
जिस घर में तुम रहतीं,सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता,मन नहीं घबराता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...
तुम बिन यज्ञ न होते,वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव,सब तुमसे आता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर,क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,कोई नहीं पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...
महालक्ष्मीजी की आरती,जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता,पाप उतर जाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...