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वीडियो में जानें DIVYANSH SINGH PANWAR की दिलचस्प कहानी, कैसे उन्होंने PUBG छोड़ SHOOTING में बढ़ाया देश का मान

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दिव्यांश सिंह पंवार (अंग्रेज़ी: Divyansh Singh Panwar, जन्म- 19 अक्टूबर, 2002, जयपुर, राजस्थान) भारतीय निशानेबाज़ हैं। उन्होंने 2019 में बीजिंग में हुए आईएसएसएफ़ वर्ल्ड कप में सिल्वर मेडल जीतकर टोक्यो ओलंपिक, 2020 में जगह बनाई थी। दिव्यांश सिंह पंवार ने अब तक आईएसएसएफ़ वर्ल्डकप में चार बार गोल्ड मेडल जीता है। इससे पहले वह जूनियर वर्ल्डकप में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। टोक्यो में आयोजित 'ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020' में दीपक कुमार और दिव्यांश पंवार से निराश मिली। ये दोनों खिलाड़ी 10 मीटर एयर राइफल्स मेंस क्वालीफिकेशन राउंड में फ्लॉप रहे और दोनों ही खिलाड़ी पदक की रेस से बाहर हो गए। दीपक कुमार 624.7 अंकों के साथ 26वें और दिव्यांश 622.8 अंकों के साथ 32वें स्थान पर रहे और टोक्यो ओलंपिक में निशानेबाजी में पदक दिलाने से काफी दूर रह गए।

दिव्यांश सिंह पंवार मूल रूप से राजस्थान के जयपुर के रहने वाले हैं। उनके परिवार के लोग बताते हैं कि दिव्यांश को बजपन से ही शूटिंग का बहुत शौक था और इसी के चलते 12 साल की उम्र से उन्हें ऑनलाइन गेम पबजी की लत लग गई थी। बेटे की गेम की लत छुड़ाने के लिए पिता ने एक अनूठा कदम उठाया। उन्होंने दिव्यांश को बड़ी बहन मानवी के साथ जयपुर के जंगपुरा सेंटर में शूटिंग के लिए भेज दिया। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में कोच दीपक कुमार के पास ट्रेनिंग ली।[1]

दिव्यांश सिंह पंवार ने 2018 आईएसएसएफ़ जूनियर विश्व कप में दो स्वर्ण पदक जीते और दोनों स्पर्धाओं में एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने हृदय हजारिका और तुषार शाहू के साथ जूनियर पुरुष टीम 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में 1875.3 के स्कोर के साथ जीत हासिल की, जो एक जूनियर विश्व रिकॉर्ड था। जबकि, मिश्रित टीम स्पर्धा में उन्होंने एलावेनिल वलारिवन के साथ मिलकर एक और स्वर्ण पदक जीता और 498.6 का स्कोर बनाया।[2]

इस प्रतियोगिता में पंवार ने जूनियर वर्ग में श्रेया अग्रवाल के साथ मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। दोनों ने 834.4 के स्कोर के साथ 42 टीमों के बीच पांचवें और अंतिम क्वालीफिकेशन स्थान पर कब्जा कर लिया और सोया बेनेट्टी और मार्को सुपिनी और ईरान की सादेघियन आर्मिना और मोहम्मद आमिर की इतालवी जोड़ी के पीछे तीसरे स्थान पर रहे।

दिव्यांश सिंह पंवार के लिए 2019 बेहद सफल साल साबित हुआ। उन्होंने नई दिल्ली में अपने घरेलू मैदान पर सीनियर विश्व कप में पदार्पण किया, लेकिन क्वालीफिकेशन राउंड में 627.2 के स्कोर के साथ 12वें स्थान पर रहे। इस वजह से वह फाइनल के लिए क्वालीफाई भी नहीं कर पाए। दो महीने के भीतर बीजिंग में उन्होंने अपने आलोचकों को गलत साबित कर दिया और 249.0 के स्कोर के साथ रजत पदक जीता और ओलंपिक में स्थान पक्का किया। उसी विश्व कप में उन्होंने मिश्रित टीम स्पर्धा में साथी अंजुम मौदगिल के साथ स्वर्ण पदक जीता।

म्यूनिख में अगले विश्व कप में इस जोड़ी ने अपने कारनामे को जारी रखा और खिताब का सफलतापूर्वक बचाव किया। हालांकि, रियो विश्व कप में उन्हें हमवतन दीपक कुमार और अपूर्वी चंदेला को अपना ताज सौंपना पड़ा और उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। पुतिन चीन में आयोजित 2019 के फाइनल वर्ल्ड कप में पंवार ने धमाकेदार वापसी की। उन्होंने फाइनल में दुनिया के मौजूदा नंबर एक इस्तवान पेनी को 0.1 अंक से हराकर स्वर्ण पदक जीता। मिश्रित टीम स्पर्धा में पंवार ने क्रोएशिया की स्नेजाना पेजिक के साथ भागीदारी की और स्वर्ण पदक जीता, जबकि उनकी पूर्व साथी मौदगिल को चीन के झांग चांगहोंग के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा।[2]

2021 में वह नई दिल्ली विश्व कप में खेल चुके हैं, जहां उन्होंने अपने पसंदीदा इवेंट में कांस्य और एलावेनिल के साथ मिश्रित टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। हालांकि, उन्होंने विश्व कप और विश्व शूटिंग चैंपियनशिप में इतने सारे पुरस्कार जीते हैं। लेकिन, उन्हें लगता है कि म्यूनिख में एच एंड एम कप उनका सबसे कठिन लड़ाई थी। उन्होंने समझाया, "यह एक खुली प्रतियोगिता है। आपको वहां उच्च अंक मिलते हैं। इसमें कोई भी भाग ले सकता है।"

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