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योगिनी एकादशी का व्रत होता है बहुत फलदायी, 88 हजार ब्राह्मणों को भोज कराने के बराबर मिलता है पुण्य

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हिन्दू पंचांग के अनुसार, कल 21 जून 2025 को योगिनी एकादशी का पावन व्रत रखा जाएगा। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है और मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा से व्रत और पूजन करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं, रोग दूर होते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

इस बार विशेष क्यों है योगिनी एकादशी?

इस साल योगिनी एकादशी पर एक दुर्लभ संयोग बन रहा है। 14 घंटे से भी अधिक लंबा दिन और खास ज्योतिषीय योग इसे और भी अधिक फलदायी बना रहे हैं।

  • यह संयोग 19 वर्षों बाद बना है।

  • इससे पहले ऐसा शुभ दिन 2006 में आया था।

व्रत का फल – 88 हजार ब्राह्मण भोजन के बराबर पुण्य

पुराणों के अनुसार, योगिनी एकादशी का व्रत करने से 88,000 ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य प्राप्त होता है।
जो भी भक्त इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना करता है, उसके जीवन में सुख, समृद्धि और संतोष का वास होता है।

योगिनी एकादशी का महत्व
  • समस्त पापों से मुक्ति

  • रोग, क्लेश और मानसिक अशांति का अंत

  • इच्छाओं की पूर्ति और मृत्यु के बाद मुक्ति

  • घर में शांति और लक्ष्मी का वास

पूजा और व्रत का मुहूर्त (21 जून 2025) पूजा विधि समय
ब्रह्म मुहूर्त पूजा सुबह 4:04 AM से 4:44 AM
अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:55 AM से 12:51 PM
अमृत काल दोपहर 1:12 PM से 2:41 PM

पौराणिक कथा: भगवान जगन्नाथ ने ली भक्त की बीमारी

योगिनी एकादशी की महिमा से जुड़ी कई कथाएं हैं। ऐसी ही एक कथा में बताया गया है कि भगवान जगन्नाथ ने अपने एक भक्त की 15 दिन की बीमारी को खुद पर ले लिया था ताकि उसका कष्ट दूर हो सके। इससे भगवान की करुणा और इस दिन के चमत्कारी प्रभाव का पता चलता है।

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