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IND vs PAK: भारत-पाकिस्तान मैच का 'Invisible Boycott' कर रहा BCCI, Viral Videos में जानें इसका मतलब

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क्रिकेट की दुनिया एक बार फिर एशिया कप 2025 में भारत-पाकिस्तान के महामुकाबले का इंतजार कर रही है. लेकिन इस मैच पर एक विवाद का साया मंडरा रहा है. रविवार को दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में होने वाला यह मैच तो खेला जाएगा, लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने चुपचाप इससे दूरी बना ली है, जिसे एक तरह का 'अदृश्य बहिष्कार' (Invisible boycott) कहा जा रहा है.


क्या है यह 'अदृश्य बहिष्कार'?

एक रिपोर्ट के मुताबिक, BCCI का कोई भी बड़ा अधिकारी, जैसे अध्यक्ष या सचिव, अब तक दुबई नहीं पहुंचा है. हैरानी की बात यह है कि इस साल टूर्नामेंट का आधिकारिक मेजबान भारत ही है. भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव के कारण एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) ने मैचों को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में शिफ्ट कर दिया था. BCCI अधिकारियों की यह गैर-मौजूदगी सीधे तौर पर जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए दिखाई दे रही है.


पिछले कुछ हफ्तों में, भारत के कई फैन ग्रुप्स ने बॉयकॉट अभियान तेज कर दिया था और बोर्ड से इस मैच को किसी भी तरह का सांकेतिक समर्थन न देने की अपील की थी. हालांकि, पुराने प्रशासक राजीव शुक्ला ACC प्रतिनिधि के तौर पर वहां जा सकते हैं, लेकिन यह साफ है कि BCCI सचिव देवजीत सैकिया या ICC चेयरमैन जय शाह इस मैच में शामिल होने का इरादा नहीं रखते.


पहले से कितना अलग है यह माहौल?

यह रवैया इस साल की शुरुआत में हुए चैंपियंस ट्रॉफी मैच से बिल्कुल अलग है. तब इसी मैदान पर हुए भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान स्टेडियम में न केवल फैंस, बल्कि BCCI के बड़े अधिकारियों और राज्य संघों के प्रमुखों की भी भारी भीड़ थी. इस बार उनकी गैर-मौजूदगी मौजूदा राजनीतिक माहौल के दबाव को साफ दिखाती है. भारत-पाकिस्तान की rivalry हमेशा से क्रिकेट से बढ़कर रही है और यह अक्सर दोनों देशों के राजनयिक संबंधों को दर्शाती है. लेकिन रविवार का यह मुकाबला, जिसे पारंपरिक रूप से 'क्रिकेट का सबसे बड़ा शो' कहा जाता है, अपने सामान्य उत्साह और रौनक के बिना हो रहा है. टिकटों की बिक्री भी बहुत धीमी रही है और सोशल मीडिया पर बातचीत में उत्साह की जगह नाराजगी ने ले ली है. कई लोग तो मैच के प्रसारण का भी पूरी तरह से बहिष्कार करने की मांग कर रहे हैं.


मैदान पर किसका पलड़ा भारी?

हालांकि, मैदान पर भारत का पलड़ा भारी नजर आ रहा है. एक मजबूत और शानदार टीम के साथ 'मेन इन ब्लू' का दबदबा साफ है, जबकि पाकिस्तान के सामने अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी की लय को रोकने की कठिन चुनौती होगी. फिर भी, इस मैच की सबसे बड़ी कहानी शायद मैदान से बाहर लिखी जा रही है. BCCI के इस मूक विरोध के बीच, रविवार के इस मुकाबले को हाल के इतिहास में सबसे ज्यादा राजनीतिक तनाव वाले और सबसे कम जश्न वाले भारत-पाकिस्तान मैचों में से एक के रूप में याद किया जा सकता है.

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