आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर भाजपा महिला मोर्चा ने आयोजित की मॉक पार्लियामेंट, महिलाओं को संसद जैसा अनुभव
वाराणसी, 29 जून (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पार्टी की सांसद बांसुरी स्वराज ने रविवार को कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला अध्याय था, जिसमें कांग्रेस सरकार ने संविधान, कानून और नागरिक अधिकारों का खुला उल्लंघन किया। वह भाजपा महिला मोर्चा द्वारा आयोजित मॉक पार्लियामेंट कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं, जो आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर वाराणसी के कमिश्नरी सभागार में आयोजित किया गया था।
बांसुरी स्वराज ने कहा कि 25 जून 1975 की रात को इंदिरा गांधी ने केवल सत्ता में बने रहने की लालसा में रेडियो के माध्यम से देश पर आपातकाल थोप दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह फैसला लोकतांत्रिक मूल्यों, नागरिक स्वतंत्रता और संवैधानिक मर्यादाओं को कुचलने वाला था। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान हजारों निर्दोष लोगों को जेल में डाला गया, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता छीन ली गई और विरोध के हर स्वर को दबा दिया गया। आपातकाल का निर्णय लोकतंत्र को कुचलने वाला, संविधान को अनदेखा करने वाला और नागरिक अधिकारों का गला घोंटने वाला था। पूरे 21 माह तक लोगों को यातनाएँ सहनी पड़ी। सरकार ने निर्ममता और कठोरता की सारी हदें पार कर दी। आजाद भारत में कांग्रेंस द्वारा संविधान का गला घोटा गया, आज राहुल गांधी उसी संविधान की दुहाई देते है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी सरकार ने 38वें संविधान संशोधन के तहत आपातकाल की घोषणा को न्याय पालिका की जा़ंच से बाहर कर दिया था। इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता को महफूज रखने के लिए संविधान में 39वां व 42वां क्रूर व अलोकतांत्रिक संशोधन किया। जिसके तहत प्रधानमंत्री व अन्य शीर्ष पदों को न्यायिक समीक्षा से परे कर दिया गया। ताकि इंदिरा गांधी को अदालत में घसीटा न जा सके। बांसुरी ने कहा कि इंदिरा इज इंडिया एंड इंडिया इज इंदिरा जैसे नारे कांग्रेस की उस मानसिकता को दर्शाते थे जिसके तहत इंदिरा गांधी ने देश को व्यक्ति- पूजा और परिवार वाद की प्रयोगशाला बना दिया था। सांसद बासुरी स्वराज ने कहा कि जहा एक तरफ कांग्रेस ने सत्ता बचाने के लिए संविधान में संशोधन किए, वही दूसरी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त कर डां श्यामा प्रसाद मुखर्जी के संकल्प को साकार किया। एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत सर्विस टैक्स से निजात दिलाकर जीएसटी लागू किया। पिछडा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाया। आर्थिक रुप से कमजोर स्वर्णो को 10 प्रतिशत का रिजर्वेशन दिया। एससी, एसटी रिजर्वेशन को 2030 तक बढा दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लाए गये नारी वंदन अधिनियम के माध्यम से 33 फीसदी आरक्षण का परिणाम अगले लोकसभा में हमें देखने को मिलेगा क्योंकि यह आखिरी लोकसभा है जिसमें महिलाओं की संख्या कम है लेकिन आने वाले लोकसभा में महिलाओं की संख्या एवं आवाज़ प्रभावी तरीके से हमें देखने और सुनने को मिलेगी। बांसुरी ने कहा कि कांग्रेस सत्ता के लिए राजनीति करती है जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजनीति के लिए नही, राष्ट्रनीति के लिए कार्य करते है। प्रधानमंत्री मोदी की राष्ट्रनीति अंत्योदय को साकार करने के लिए, सबका साथ, सबका विकास के लिए होती है।
मॉक पार्लियामेंट का आयोजन चार सत्रों में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद गीता शाक्य ने की। इस अवसर पर आयोजित प्रहसन संसद( मॉक पार्लियामेंट) को देखकर सभागार में उपस्थित महिलाओं को संसद का संजीव प्रसारण देखने की अनुभूति हुई। आपातकाल को लेकर पक्ष और विपक्ष की जोरदार बहस लोकतंत्र को जीवंत कर रही थी।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
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