जगदलपुर, 21 अगस्त (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य तेलंगाना में 40 लाख के इनामी सुधाकर उर्फ टीएलएन चालम की पत्नी नक्सली काकड़ाला सुनीता (62) एवं एक अन्य नक्सली चेनुरी हरीश (32) ने तेलंगाना के राचकोंडा पुलिस के समक्ष गुरुवार को आत्मसमर्पण किया है। सुनीता के पति 40 लाख के इनामी नक्सली सुधाकर को सुरक्षाबलों ने इसी वर्ष जून में अबूझमाड़ मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। तेलंगाना के पुलिस आयुक्त जी. सुधीर बाबू ने बताया कि दोनों नक्सलियों ने मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।
जानकारी के अनुसार शीर्ष नक्सली कैडर सुधाकर की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी सुनीता को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं। सुनीता दंडकारण्य स्पेशल जोन कमेटी (डीकेएसजेडसी) की वरिष्ठ सदस्य हैं। वह पिछले लगभग चार दशकों से नक्सल गतिविधियाें में सक्रिय रहीं। वर्ष 1980 में अपने छात्र जीवन से ही उन्होंने कट्टरपंथी राजनीति में कदम रखा। उन्होंने नल्लामाला के जंगलों से लेकर आंध्र-ओडिशा सीमा क्षेत्र और अंततः दंडकारण्य में नक्सली संगठन एवं नक्सलियाें के वैचारिक इकाइयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जबकि आत्मसमर्पित नक्सली हरीश तेलंगाना राज्य समिति के क्षेत्रीय समिति का सदस्य है। भूपालपल्ली जिले के रहने वाले हरीश ने 2020 में नक्सली संगठन में शामिल होने से पहले फ्रंट संगठनों के साथ काम किया था। उन्होंने कई मुठभेड़ों में भाग लिया, इनमें इस साल जून में हुई इरपागुट्टा की मुठभेड़ भी शामिल है।
पुलिस आयुक्त जी. सुधीर बाबू ने कहा कि दाेनाें नक्सलियों को राज्य सरकार की पुनर्वास योजना के तहत सभी सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना में वित्तीय मदद, आजीविका और सुरक्षा शामिल है। उन्होंने तेलंगाना के अन्य नक्सलियों से भी अपील की है कि वे हथियार छोड़ें, अपने गांव लौटें और राज्य के विकास में योगदान दें। उन्हाेने कहा कि इस आत्मसमर्पण को तेलंगाना में नक्सली गतिविधियों को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पुलिस को उम्मीद है कि आने वाले महीनों में और भी नक्सली कैडर मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित होंगे।
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(Udaipur Kiran) / राकेश पांडे
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