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भारत ने दुनिया को शिक्षा और संस्कार देने के साथ कृतज्ञता का भाव भी सिखाया : उच्च शिक्षा मंत्री

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इंदौर, 19 जुलाई (Udaipur Kiran) । प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बनी नई शिक्षा नीति देश में चरित्रवान और देश भक्त लोगों का निर्माण कर रही हैं। नयी शिक्षा नीति भारत के वीर सपूतों और पराक्रमी महापुरुषों का सही मूल्यांकन कर रही हैं। अब भारत में ऐसी शिक्षा दी जा रही हैं, जिससे हमारे मन में अपने राष्ट्र के प्रति गौरव और समर्पण का भाव पैदा हो और हमारे पूर्वजों और ज्ञान पर हमें गर्व हो।वह शनिवार को इंदौर प्रवास के दौरान यहां इलवा स्कूल के 38वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि भारत वर्ष 2047 में अपनी ऊर्जा की आपूर्ति स्वयं कर लेगा, साथ ही विश्व का भरण-पोषण करने में भी उसका सामर्थ्य होगा। कहा कि 300 वर्ष पूर्व भारत में 7 लाख गुरुकुल थे और उस समय हमारे यहां की साक्षरता 92 प्रतिशत थी। उस समय नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालय में केवल धर्म की ही नहीं, कला, विज्ञान, इंजीनियरिंग के साथ-साथ मेडिकल की भी शिक्षा दी जाती थी। लेकिन बाद में कुछ आक्रंताओं ने इन विश्वविद्यालयों को जला दिया।

जब भारत में अंग्रेज आये तो उन्होंने सबसे पहले हमारे गुरुकुलों को ही नष्ट किया। अंग्रेजों ने पहले हमारी भाषाओं पर प्रहार किया, उन्हें समाप्त करने का प्रयास किया। ताकि अंग्रेजी का प्रभाव समाज पर पडे और आमजन भी अपनी मातृभाषाओं से दूर होकर अंग्रेजी भाषा में पढाई लिखाई करें। वर्षों तक यही स्थिति बनी रही। इस वजह से हम अपनी भाषा और संस्कृति से दूर हुए। देश में 11 वर्ष पूर्व नयी सरकार आयी। उसके बाद बड़े बदलाव हुए। आज स्थिति यह है कि भारत का कोई व्यक्ति राष्ट्र संघ या अन्य विश्व मंचों पर हिन्दी भाषा में अपनी बात कहता है तो सुनने वाले करतल ध्वनि से उसका स्वागत करते हैं। अब अपनी भाषा का मान और सम्मान दुनिया में बढ रहा हैं। इसका श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को जाता हैं। जिनके नेतृत्व में देश तेजी से प्रगति पथ की ओर अग्रसर हैं। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में दी जाना चाहिए और बस्तों का बोझ कम किया जाना चाहिये, इसके लिए राज्य सरकार लगातार प्रयत्नशील हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के कुलगुरु प्रो. राकेश सिंघई ने की। विशेष अतिथि सुमित मिश्रा थे। अध्यक्षीय उदबोधन में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के कुलगुरु प्रो. राकेश सिंह सिंघई ने कहा कि इंदौर लोहा व्यापारी एसोसिएशन ने शिक्षा के विस्तार में महती भूमिका निभायी है। कार्यक्रम को श्री सुमित मिश्रा ने भी सम्बोधित किया।

इस मौके पर इंदौर लोहा व्यापारी एसोसिएशन के जितेंद्र कटारिया, धर्मेंद्र खंडेलवाल सहित ट्रस्ट के अन्य पदाधिकारी, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के रजिस्टार डॉ. प्रज्जवल खरे, डॉ. आरसी दीक्षित, प्राचार्य संजय मिश्रा एवं छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे। इसके पूर्व मंत्री परमार ने संपूर्ण स्कूल परिसर का अवलोकन भी किया।

(Udaipur Kiran) तोमर

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