नई दिल्ली, 03 जुलाई (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ऐतिहासिक घाना यात्रा के दौरान भारत और घाना के द्विपक्षीय संबंधों को ‘व्यापक साझेदारी’ का नया स्वरूप मिला। यात्रा के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने के लिए चार महत्वपूर्ण समझौते किए गए और प्रधानमंत्री को घाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया।
प्रधानमंत्री मोदी और घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रमानी महामा के बीच अकरा स्थित जुबिली हाउस में उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसके बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त प्रेस वक्तव्य दिया। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की तीन दशकों में घाना की पहली राजकीय यात्रा है।
बैठक में द्विपक्षीय सहयोग को नए क्षेत्रों तक विस्तारित करने पर सहमति बनी। व्यापार, निवेश, कृषि, स्वास्थ्य, डिजिटल प्रौद्योगिकी, रक्षा और ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग को प्राथमिकता दी गई। भारत ने डिजिटल भुगतान प्रणाली (यूपीआई), औषधि सुविधा (जन औषधि), कौशल विकास, और वैक्सीन उत्पादन में अनुभव साझा करने का प्रस्ताव दिया। साथ ही, भारत समर्थित आधारभूत संरचना परियोजनाओं और क्षमतावर्धन कार्यक्रमों को और सशक्त बनाने पर बल दिया गया।
वार्ता के दौरान चार समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया गया। इनमें सांस्कृतिक आदान-प्रदान, मानकीकरण में सहयोग, पारंपरिक चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान, तथा विदेश मंत्रालयों के बीच संयुक्त आयोग की संस्थागत बैठकें शामिल हैं। इन समझौतों का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सतत संवाद और सहयोग सुनिश्चित करना है।
प्रधानमंत्री मोदी को ‘ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ सम्मान से नवाजा गया, जिसे उन्होंने भारत के 1.4 अरब नागरिकों, युवाओं की आकांक्षाओं, भारत की सांस्कृतिक विविधता और दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यह सम्मान द्विपक्षीय मित्रता को और गहरा करने की जिम्मेदारी बढ़ाता है।
संयुक्त वक्तव्य में प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति महामा के नेतृत्व में चल रहे ‘आर्थिक पुनर्गठन’ की सराहना की और ‘फीड घाना’ कार्यक्रम में सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि भारत द्वारा आईटेक और आईसीसीआर छात्रवृत्तियों की संख्या दोगुनी की जाएगी तथा एक स्किल डिवेलपमेंट सेंटर की स्थापना की जाएगी। रक्षा क्षेत्र में मैरीटाइम सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, और सैनिक प्रशिक्षण में सहयोग को बढ़ावा देने का निर्णय हुआ।
भारत ने घाना को ग्लोबल बायोफ्यूल्स एलायंस से जुड़ने का निमंत्रण दिया और स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग की पेशकश की। दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सुधार, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, और वैश्विक शांति व सतत विकास के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। प्रधानमंत्री ने घाना को पश्चिम अफ्रीका में “आशा की किरण” कहा और कहा कि भारत-घाना मित्रता साझे मूल्य और संघर्ष पर आधारित है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बताया कि भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 की स्थायी सदस्यता मिलना गौरव की बात रही। उन्होंने वैश्विक दक्षिण के देशों की आवाज़ उठाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई और घाना की ‘वॉइस ऑफ ग्लोबल साउथ’ समिट में भागीदारी की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने घाना के भारतीय समुदाय के योगदान को भी विशेष रूप से रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षक, डॉक्टर और इंजीनियर लंबे समय से वहां सेवा दे रहे हैं और देश की प्रगति में योगदान कर रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रपति महामा को भारत आने का निमंत्रण भी दिया।
उल्लेखनीय है कि भारत और घाना के बीच संबंध औपनिवेशिक काल से लेकर आज तक ऐतिहासिक रहे हैं। भारत, घाना में रेलवे, आईसीटी, पारंपरिक चिकित्सा, और औद्योगिक परियोजनाओं में भागीदारी करता रहा है।
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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा
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