पूर्वी चंपारण,05 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिला के दरपा थाना क्षेत्र के पिपरा गांव स्थित हाईस्कूल के समीप अपराधियो ने पूर्व नक्सली भून्ना मियां की गला रेत कर हत्या कर दी।घटना शनिवार सुबह उस वक्त की बताई जा रही है,जब पिपरा गांव के अदालत मियां का 45 वर्षीय पुत्र भून्ना मियां तालाब में पाले गए मछलियो को दाना डालने जा रहा था।
पुलिस के अनुसार भून्ना मियां का अपराधिक इतिहास था,इस पर दरपा थाना में कई मामले दर्ज है।इस पर पूर्व में भी कई बार जानलेवा हमला हो चुका है।जिसमे उसे एक बार गोली भी लगी थी।हालांकि लंबे समय तक इलाज कराने के बाद उसकी जान बच गयी थी।हालांकि इस बार अपराधियों ने पहले गोली मारी और फिर गला रेत कर निर्मम हत्या कर दी।
मृतक भून्ना के बड़े भाई नूर बताया कि रोज की भांति भून्ना मियां सुबह तालाब में मछलियों को दाना डालने जा रहा था। तभी हाई स्कूल के पास एक घर में पहले से घात लगाए अपराधियों ने उसे घेर लिया। पहले गोली मारी और फिर गला रेतकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को सड़क किनारे फेंक कर फरार हो गये।घटना की सूचना पर पहुंचे परिजनो ने पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
जिले के दरपा थाना क्षेत्र पूर्व से ही नक्सलियो का गढ रहा है।यहां एक किसान की जमीन पर नक्सलियों की नजर काफी दिनो से रही है।बताया गया है, कि पूर्व नक्सली भून्ना मियां कुछ दिनो से उक्त जमीन की देखरेख कर रहा था,जिस कारण पहले भी उस पर हमला हो चुका था।ऐसी आशंका है,कि इस भूमि को लेकर ही उसकी हत्या की गई है।
रक्सौल डीएसपी धीरेन्द्र कुमार ने बताया कि पूर्व नक्सली भून्ना मियां का अपराधिक इतिहास रहा है।शनिवार को उसकी हत्या कर दी गई है।शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।एसपी स्वर्ण प्रभात के निर्देश पर घटना स्थल पर एफएसएल की टीम मौके पर पहुंच कर साक्ष्य संग्रह कर रहा है,उन्होंने बताया कि पुलिस ने हत्या में शामिल अपराधियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी में जुटी है।
—————
(Udaipur Kiran) / आनंद कुमार
You may also like
'गुलाबी साड़ी' फेम संजू बोले, 'मराठी म्यूजिक में हैं कई संभावनाएं'
राज ठाकरे ने क्यों शिवसेना का किया था त्याग, क्या वो कारण खत्म हो गया : छगन भुजबल
हिमाचल प्रदेश आपदा : अपने लोकसभा क्षेत्र से कंगना रनौत क्यों हैं नदारद? जेपी नड्डा ने दी सफाई
क्या आप जानते हैं कार्ल डेन्के की खौफनाक कहानी? एक साधारण इंसान का असली चेहरा!
मुहर्रम: इमाम हुसैन की शहादत का संदेश और उसकी गहराई