गोरखपुर, 27 जून (Udaipur Kiran) । स्थापना के चार साल के भीतर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) के नाम उपलब्धियों की लंबी सूची है। पूरे प्रदेश में इसकी पहचान समयानुकूल, रोजगारपरक शिक्षा तथा आधुनिक एवं प्राचीन चिकित्सा के संगम के रूप में सुदृढ़ हुई है। 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों लोकार्पित इस विश्वविद्यालय में 1 जुलाई को वर्तमान राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु का आगमन होने जा रहा है। राष्ट्रपति यहां अकादमिक भवन, करीब पंद्रह सौ लोगों के बैठने की क्षमता के ऑडिटोरियम, ग्यारह कॉटेज वाले विश्व स्तरीय पंचकर्म केंद्र का लोकार्पण और एक हजार की क्षमता के गर्ल्स हॉस्टल का शिलान्यास करेंगी।
एमजीयूजी मॉडर्न मेडिकल एजुकेशन, आयुर्वेद चिकित्सा शिक्षा, नर्सिंग शिक्षा, फार्मेसी शिक्षा के साथ स्नातक और परा स्नातक के अत्याधुनिक रोजगारपरक पाठ्यक्रमों के संचालन वाले एक बड़े राष्ट्रीय केंद्र के रूप में तेजी से उभर रहा है। यहां के आयुर्वेद कॉलेज में बीएएमएस की पढ़ाई विश्वविद्यालय स्थापना के पहले सत्र से ही हो गई थी जबकि मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस कोर्स का संचालन पिछले सत्र से हुआ है। यही नहीं, नर्सिंग एवं पैरा मेडिकल संकाय में दर्जनभर रोजगारदायी पाठ्यक्रम पूर्ण क्षमता से संचालित हैं। विश्वविद्यालय में एलॉयड हेल्थ साइंसेज फार्मेसी, एग्रीकल्चर, व्यवसाय प्रबंधन से संबंधित डिप्लोमा से लेकर मास्टर डिग्री तक के दो दर्जन पाठ्यक्रम संचालित हैं।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह बताते हैं कि यहां के सभी पाठ्यक्रम रोजगारपरक हैं और उनकी बहुत मांग है। यहां भारतीय ज्ञान मूल्यों का संरक्षण व संवर्धन, वर्तमान और भावी समय को ध्यान में रखकर अनुसंधानिक तरीके से किया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में यहां पाठ्यक्रम ऐसे हैं जो समाज के लिए लाभकारी, विद्यार्थी के लिए सहज रोजगारदायी हैं।
शिक्षा, चिकिसा, कृषि अनुसंधान, रोजगार व ग्राम्य विकास के क्षेत्र में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय नेपाल, दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय, एम्स गोरखपुर, केजीएमयू लखनऊ, आरएमआरसी गोरखपुर, महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद, वैद्यनाथ आयुर्वेद, इंडो-यूरोपियन चैंबर ऑफ स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ, राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो, भारतीय बीज विज्ञान संस्थान, जुबिलेंट एग्रीकल्चर रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी, लॉजिस्टिक सेक्टर स्किल काउंसिल आदि के साथ एमओयू किया है। इन एमओयू के माध्यम से अलग-अलग क्षेत्रों में विश्व स्तरीय शोध अनुसंधान के साथ ही स्टार्टअप को बढ़ावा मिलेगा।
कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव कहते हैं कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की नींव में युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज व राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज के विचार हैं, जिनका मानना था कि दासता से मुक्ति, स्वावलंबन व सामाजिक विकास के लिए शिक्षा ही सबसे सशक्त माध्यम है। वर्तमान गोरक्षपीठाधीश्वर एवं इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ भी इसी वैचारिक परंपरा के संवाहक हैं। उनके मार्गदर्शन में इस विश्वविद्यालय का लक्ष्य भारतीय ज्ञान मनीषा के आलोक में मूल्य संवर्धित, रोजगारपरक उस शिक्षा को बढ़ावा देना है जो समग्र रूप में सामाजिक व राष्ट्रीय हितों का पोषण कर सके। एमजीयूजी के कुलाधिपति (गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री) योगी आदित्यनाथ की मंशा 2032 तक गोरखपुर को ‘नॉलेज सिटी’ के रूप में ख्यातिलब्ध कराने की है और इसमें एमजीयूजी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को अग्रसर है।
(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय
You may also like
डीआईजी के निर्देश पर इंस्पेक्टर रामप्रसाद शर्मा निलम्बित
जगन्नाथ यात्रा में पनकी महंत और दारोगा में हुई बहस, निलंबन की मांग पर अड़े महंत ने दी आत्मदाह की धमकी
टांडा फॉल पर सैर करने आया युवक पानी में डूबा, रेस्क्यू जारी
मुख्य सचिव अपीलीय अधिकारियों को न्यायिक अकादमी में ट्रेनिंग दिलाना करें सुनिश्चित-हाईकोर्ट
अर्द्ध न्यायिक अधिकारी कंप्यूटराइज्ड प्रोफार्मा निर्मित आदेश जारी नहीं कर सकते