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वाराणसी : दो दिवसीय 'युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन' की शुरूआत, चार सत्रों में चर्चा

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—सम्मेलन में 500 से अधिक युवा प्रतिनिधियों के साथ हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल, छह केंद्रीय मंत्री और तीन मंत्री यूपी सरकार भाग ले रहे

वाराणसी, 19 जुलाई (Udaipur Kiran) । ‘विकसित भारत के लिए नशा मुक्त युवा’ विषय के साथ दो दिवसीय युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन का आगाज शनिवार को सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में हुआ। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल राज्य मंत्री रक्षा निखिल खड़से प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर आदि विशिष्ट जन की उपस्थिति रही। सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उत्तर प्रदेश के खेल मंत्री गिरीश यादव, प्रदेश के समाज कल्याण एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण और उत्तर प्रदेश के उत्पाद शुल्क एवं निषेध राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल भी इस सम्मेलन में भाग लेंगे।

इसके अलावा 100 आध्यात्मिक और सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों के 500 से अधिक युवा प्रतिनिधि सम्मेलन में भागीदारी कर रहे हैं। युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन, नशीली दवाओं के दुरुपयोग के विरुद्ध एक मूल्य-आधारित, युवा-नेतृत्व वाले जनांदोलन की शुरुआत करने के मंत्रालय के व्यापक मिशन का एक हिस्सा है। एक गहन अनुभव के रूप में तैयार किया गया यह शिखर सम्मेलन आत्मनिरीक्षण संवाद को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जुड़ाव के साथ जोड़ेगा। चार पूर्ण सत्रों में महत्वपूर्ण विषयों- व्यसन के मनोवैज्ञानिक और सामाजिक प्रभाव को समझना, नशीली दवाओं की आपूर्ति और तस्करी के नेटवर्क को ध्वस्त करना, प्रभावी जमीनी स्तर पर अभियान और संचार रणनीतियां और नशा मुक्त भारत के निर्माण के लिए एक प्रारूप तैयार करने पर चर्चा की जाएगी। इन चर्चाओं के साथ-साथ व्हाइटबोर्ड फ़ोरम, विशेषज्ञ मुख्य भाषण और कार्य कार्यशालाओं के आयोजन के माध्यम से युवाओं के विचारों और नवाचारों के लिए मंच प्रदान किया जा रहा है। सम्मेलन के दूसरे दिन रविवार को काशी घोषणापत्र के उद्घोष के साथ नशा मुक्त विकसित भारत के लिए राष्ट्रीय युवा-नेतृत्व वाली रूपरेखा तैयार की जाएगी।

शिखर सम्मेलन का समापन 20 जुलाई को ‘काशी घोषणापत्र’ के विमोचन के साथ होगा। यह दस्तावेज़ युवाओं और आध्यात्मिक प्रमुखों के सामूहिक दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करेगा और नशामुक्त भारत के निर्माण के लिए एक व्यापक कार्ययोजना प्रस्तुत करेगा।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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