– मुख्यमंत्री ने की जल गंगा संवर्धन अभियान की गतिविधियों की समीक्षा, कहा- पुरस्कृत होंगे श्रेष्ठ कार्य करने वाले जिले
भोपाल, 19 अप्रैल . मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में चल रहे तीन माह की अवधि के जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत जल स्रोतों की स्वच्छता, संरक्षण और उनकी देखरेख के कार्यों में नागरिकों की भागीदारी और जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेकर अच्छे परिणाम सामने लाएं. शासन स्तर पर अभियान की निरंतर समीक्षा की जा रही है और डैशबोर्ड पर ग्राम एवं नगर स्तर के कार्यों को दर्ज करने का कार्य भी किया जा रहा है. श्रेष्ठ कार्य करने वाले जिलों को पुरस्कृत किया जाएगा.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को अपने निवास कार्यालय समत्व भवन में अभियान की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे. बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 1.06 लाख जल दूत तैयार किए गए हैं, जो जल स्रोतों के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 30 मार्च से प्रारंभ जल गंगा संवर्धन अभियान 30 जून तक चलना है.
मुख्यमंत्री जिलों में देखेंगे कार्य
मुख्यमंत्री ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास, जल संसाधन, नर्मदा घाटी विकास, वन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, राजस्व, नगरीय विकास एवं आवास विभागों सहित मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद के स्तर पर अभियान के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की जानकारी प्राप्त कर निर्देश दिए. जिला कलेक्टर्स भी बैठक से वर्चुअल रूप से जुड़े. मुख्यमंत्री ने कहा कि वे जल गंगा संवर्धन अभियान के कार्य देखने विभिन्न जिलों में जाएंगे.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थापत्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण जल संरचनाओं की सूची तैयार की जाए. पुरातत्व और पर्यटन महत्व की ऐसी धरोहर को सहेजने की दृष्टि से संरक्षण गतिविधियों से जोड़ा जाए. मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि भोपाल के साथ ही जबलपुर, सागर, उज्जैन नगरों में अनेक प्राचीन बावड़ियां विद्यमान हैं, वहां स्वच्छता के कार्य संचालित किए जाएं. मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने विभागवार अभियान के कार्यों की जानकारी प्राप्त की.
संस्कृति और शिक्षा विभाग पर्व त्योहारों पर करें आयोजन
मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को जलस्रोतों और जल संरक्षण के महत्व की जानकारी प्रार्थना सभाओं के अवसर पर दी जाए. शिक्षा विभाग संस्कृति विभाग के साथ मिलकर विभिन्न पर्व और त्योहारों पर पानी के महत्व पर निबंध और भाषण स्पर्धाएं आयोजित करे. गंगा दशहरा और आखातीज जैसे अवसरों पर ऐसे कार्यक्रम किए जाएं.
561 खेत तालाब बनाकर बालाघाट प्रदेश में प्रथम
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बालाघाट जिले में सर्वाधिक 561 खेत तालाब बनाए जाने पर अधिकारियों को बधाई दी. बैठक में बताया गया कि जीआईएस आधारित प्रणाली में प्रदेश में निर्मित 76 हजार खेत तालाब की संख्या एक उपलब्धि है. प्रदेश में अनूपपुर जिला 275 खेत तालाब बनाकर दूसरे क्रम और अलीराजपुर जिला 216 खेत तालाब बनाकर तीसरे क्रम पर है. अमृत सरोवर निर्माण के लिए सिवनी जिले में सबसे अच्छा कार्य हुआ है. मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने इन जिलों के कलेक्टर्स और अधिकारियों की टीम को बधाई दी.
मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टर्स से अभियान के कार्यों की जानकारी प्राप्त की. भोपाल जिले में कलियासोत से कार्य प्रारंभ किया गया है. साथ ही बैरसिया में प्राचीन जल स्रोतों को स्वच्छ बनाया जा रहा है. रायसेन कलेक्टर ने बताया कि भोपाल शहर के नजदीक स्थित बेतवा नदी के उद्गम स्थल ग्राम झिरी में बोरी बंधान निर्माण के कार्य हो रहे हैं. टीकमगढ़ कलेक्टर ने बताया कि 70 प्राचीन तालाबों और 10 बावड़ियों के निकट क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाकर उन्हें स्वच्छ और सुंदर बनाने का कार्य हो रहा है. शहडोल में तातापानी से गर्म जल की उपलब्धता के नाते यह विशेष स्थान माना जाता है. ऐसे स्रोतों को सहेजने का कार्य हो रहा है. सागर में पुरानी संरचनाओं को राजस्व रिकार्ड में लिया गया है. नदियों को पुनर्जीवित करने के कार्य भी किए जा रहे हैं. ग्वालियर में व्यापारी संघ ने सार्वजनिक प्याऊ के लिए मटकों और चील्ड कूलर की व्यवस्था की है. उपार्जन केंद्रों पर पानी के साथ शरबत और छांछ की व्यवस्था की जा रही है. राजगढ़ में मोहनपुरा क्षेत्र में इजराइल पद्धति से पानी के उपयोग और उज्जैन में गयाकोठा, बावनकुंड के साथ ही पंचक्रोशी यात्रा के मार्ग में अभियान के तहत हो रहे कार्यों की जानकारी दी गई. बैठक में विभिन्न जिलों में पौधरोपण गतिविधियों की जानकारी भी दी गई. मुख्यमंत्री ने अभियान में नवाचार करने वाले और सक्रियता से कार्य करने वाले जिलों की प्रशंसा की.
पेयजल प्रबंध
मुख्यमंत्री ने राज्य के नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल प्रबंध कार्यों की जानकारी विस्तार से प्राप्त की. उन्होंने हर जिले में प्रत्येक बसाहट में पर्याप्त पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश जिला कलेक्टर्स को दिए. बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन एवं विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
मुख्यमंत्री ने जल गंगा संवर्धन अभियान के संबंध में दिए निर्देश
– प्राचीन जल संरचनाओं को पुनर्जीवित करें, उपयोगी बनाएं. इन्हें अतिक्रमण से भी बचाएं.- स्थापत्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण पुरानी बावड़ियों का दस्तावेजीकरण भी किया जाए.- अमृत सरोवर निर्माण के लक्ष्य पूरे करें.- खेत तालाब योजना में अधिकाधिक कार्य हों.- अभियान में जलदूत तैयार करें,जन प्रतिनिधियों को जोड़ें.- राज्य के भीतर नदियों को जोड़ने की संभावनाएं देखें .- वन क्षेत्रों में पशुओं के लिए भी जल प्रबंध हों.- शहरी और ग्रामीण इलाकों में सार्वजनिक प्याऊ शुरू करें.- कम पानी की फसलों को प्रोत्साहित करें.
तोमर
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