बरेली, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । पुलिस और जनता के बीच की दूरी कम कर अपराध पर नकेल कसने की दिशा में बरेली पुलिस की ‘खाकी साथी इन्फोलाइन’ ने कमाल कर दिखाया है। महज पांच महीने में इस खास यूनिट ने 67,555 कॉल्स कर 1194 अहम सुराग जुटाएं, जिनमें से बड़ी तादाद अपराध से जुड़ी सूचनाओं की रहीं। 26 जनवरी 2025 को रिजर्व पुलिस लाइन के आधुनिक कक्ष से शुरू हुई यह पहल अब अपराधियों की नींद उड़ाने लगी है।
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि उनकी निगरानी में संचालित इस इन्फोलाइन में कुल 14 कर्मियों की तीन शिफ्टों में तैनाती की गई है। यह सिस्टम 24×7 एक्टिव रहता है, जो बरेली के नौ पुलिस सर्किलों के तहत आने वाले थानों से जुड़ी सूचनाओं को एकत्र कर संबंधित अफसरों तक पहुंचाता है। इस दौरान हर थाने के लिए अलग-अलग क्यूबिकल बनाए गए हैं।
इन्फोलाइन की टीम ने न केवल कॉल के जरिए लोगों से संपर्क किया, बल्कि स्थानीय व्यापारियों, ग्राम प्रधानों, चिकित्सकों, पत्रकारों, धार्मिक नेताओं, पुलिस पेंशनरों और सभासदों से तीन बार संवाद कर जरूरी इनपुट भी जुटाए। हर सूचना की मॉनिटरिंग एसएसपी स्तर तक की गई और संबंधित थाना पुलिस को तुरंत अलर्ट किया गया।
उन्हाेंने बताया कि पांच महिनाें तक खाकी साथी को 1194 अहम जानकारियां प्राप्त हुईं। इनमें सबसे ज्यादा 283 सूचनाएं अवैध शराब से जुड़ी थीं। वहीं, जुआ (156), मादक पदार्थ (125), सट्टा (125), गौ अधिनियम (12), चाइनीज मांझा (10) और अन्य अपराधों से जुड़ी 209 जानकारियां पुलिस को मिलीं। यानी औसतन हर दिन सात से आठ ठोस सूचनाएं।
उन्हाेंने बताया कि होली, ईद, रमजान, नवरात्र और मोहर्रम जैसे संवेदनशील मौकों पर भी इस इन्फोलाइन की भूमिका अहम रही। समय रहते मिली सूचनाओं के चलते पुलिस ने पहले से तैयारियां कर शांति व्यवस्था बनाए रखी। त्योहार बिना किसी अप्रिय घटना के संपन्न हुए। उन्हाेंने बताया कि रिजर्व पुलिस लाइन में बने 16×12 फीट के वातानुकूलित कक्ष में 10 क्यूबिकल, कंप्यूटर, लैंडलाइन फोन, प्रिंटर और आरामदायक चेयरों से लैस यह यूनिट करीब 3.5 लाख रुपये की लागत से तैयार की गई है। हाईटेक सिस्टम से लैस खाकी साथी को वे खुद हर दिन समीक्षा करते हैं।
एसएसपी ने बताया कि ‘खाकी साथी’ ने जनता और पुलिस के रिश्तों में भरोसे की एक नई लकीर खींची है। अब वे लोग भी पुलिस से जुड़ पा रहे हैं, जो पहले तक अपनी बात कहने से हिचकते थे। इन्फोलाइन की सूचनाओं के चलते कई अपराधों पर समय रहते रोक लगी है। पुलिस के इस नवाचार को न केवल लोगों का भरपूर समर्थन मिला है, बल्कि यह व्यवस्था अपराध के खिलाफ एक मजबूत हथियार भी बन चुकी है।
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(Udaipur Kiran) / देश दीपक गंगवार
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