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पौधरोपण महाभियान 2025, जियो टैगिंग से होगी रोपित पौधों की रियल टाइम मॉनिटरिंग

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-वन विभाग पहली बार कर रहा है रोपित पौधों और रोपण स्थलों की जियो टैगिंग

लखनऊ, 08 जुलाई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेशव्यापी पौधरोपण महा अभियान-2025, 09 जुलाई दिन बुधवार को आयोजित किया जा रहा है। पौधरोपण महा अभियान में ‘एक पेड़ मां के नाम’ के तहत रिकार्ड 37 करोड़ पौधे रोपित किये जाएंगे।

मुख्यमंत्री योगी के विजन के मुताबिक इस पौधरोपण महाअभियान का उद्देश्य केवल रिकार्ड संख्या में पौध रोपण करना ही नहीं, बल्कि इन पौधों के संरक्षण और विकास से प्रदेश के ग्रीन कवर और पर्यावरण संतुलन को बनाये रखने में क्रांतिकारी बदलाव लाना है। इस उद्देश्य से इस वर्ष रिकार्ड पौध रोपण के साथ ही उनके संरक्षण और देखभाल के लिये रोपित पौधों और रोपण स्थल की जियो टैगिंग की जा रही है। इससे पौध रोपण के बाद भी इन पौधों की वन विभाग व अन्य संस्थाओं की मदद से रियल टाइम मॉनिटरिंग की जा सकेगी। साथ ही टी-गार्ड व अन्य आधुनिक उपकरणों की मदद से रोपित पौधों की जीवितता को बढ़ाया जाएगा।

वन विभाग जियो टैगिंग कर रोपित पौधों की करेगा रियल टाइम मॉनिटरिंग

इस वर्ष पौधरोपण महा अभियान 2025 का सबसे विशिष्ट पक्ष रिकार्ड पौधरोपण के साथ रोपित पौधों और रोपण स्थलों की जियो टैगिंग की जा रही है। वन विभाग के संबंधित अधिकारी ने बताया कि जियो टैगिंग के माध्यम से प्रत्येक पौधे और रोपण स्थल का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। जिससे पौध रोपण के बाद भी रोपित पौधों की स्थिति पर नजर रखी जा सकेगी और समय-समय उनकी देखभाल और संरक्षण के लिए जरूरी कदम उठाए जा सकेंगे। जियो टैगिंग की यह तकनीक न केवल पौधों की देखभाल को आसान बनाएगी, बल्कि अभियान की पारदर्शिता और जवाबदेही को भी बढ़ाएगी। साथ ही रोपित पौधों की देखभाल के लिए टी-गार्ड व अन्य आधुनिक उपकरणों का प्रयोग भी किया जाएगा।

व्यापारिक, समाजिक एवं शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से होगा रोपित पौधों का संरक्षण

पौधरोपण अभियान 2025 को सामुदायिक सहभागिता का प्रतीक बनाते हुए वन विभाग ने व्यापारिक, सामाजिक और शैक्षणिक संस्थाओं के समन्वय स्थापित किया है। वन विभाग के संबंधित अधिकारी का कहना है कि ये संस्थाएं रोपित पौधों के संरक्षण के लिए टी-गार्ड व अन्य सुरक्षा उपकरणों की व्यवस्था में भी सहयोग कर रही हैं।

इसके अलावा, कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) फंड के माध्यम से बैंकों और निजी क्षेत्र की कंपनियों से रोपण क्षेत्रों को गोद लेने और पौधों की सिंचाई व सुरक्षा के लिए संसाधन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश में वृक्षारोपण अभियानों ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। इस बार का अभियान तकनीकी नवाचार और सामुदायिक सहयोग के बल पर और भी प्रभावी होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया है कि यह अभियान केवल पौधे लगाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारा एक दीर्घकालिक पर्यावरणीय दायित्व है।

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(Udaipur Kiran) / मोहित वर्मा

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