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आपातकाल भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सबसे बड़ा हमला था – मंत्री विजयवर्गीय

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मंदसौर, 25 जून (Udaipur Kiran) । भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश दीक्षित के नेतृत्व में जिला मुख्यालय मंदसौर पर आपातकाल की विभीषिका को याद करते हुए मीसाबंदी सम्मान समारोह बुधवार को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एंव मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, रतलाम पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष बजरंग पुरोहित के मुख्य आतिथ्य में जिला मुख्यालय स्थित पद्मावती रिसोर्ट पर विधायक गण हरदीप सिंह डंग, चन्दरसिह सिसोदिया, मीसाबंदी संघ के जिलाध्यक्ष हंसराज कबाडी की गरीमामय उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।

मंदसौर जिला मुख्यलय पर रेवास देवडा रोड़ स्थित भूमि पर केबीनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, रतलाम जिले के पुर्व जिलाध्यक्ष बजरंग पुरोहित, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश दीक्षित ने जिले के मीसाबंदी परिवारजनों, वरिष्ठ पदाधिकारीयों, जनप्रतिनिधिगणों के साथ एक पेड़ मॉ के नाम अभियान के तहत पौधारोपण किया साथ ही संविधान हत्या दिवस आपातकाल के काले अध्याय से जुड़ी विभिषिका को दशार्ने वाली प्रदर्शनी का अवलोकन केबीनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय एंव जनप्रतिनिधि पदाधिकारीयों द्वारा किया गया। तत् पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ.श्यामाप्रसाद मुखर्जी एंव पं.दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता कैबीनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा की आंतरिक अशांति का बहाना बनाकर तत्कालीन कांग्रेस की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 25 जून 1975 की आधी रात को देश पर थोपे गए आपातकाल को आज 50 वर्ष पूरे हो गये है। भारत की जनता ने तब तानाशाही के विरुद्ध स्वतंत्रता की एक और लड़ाई लड़ी थी। इस बार लड़ाई अपने ही दिग्भ्रमित सत्तालोलुप नेताओं से थी, जिसमें देश एक बार फिर विजेता बनकर उभरा था। पिछले कुछ वर्षों से कुछ विपक्षी नेता संविधान की प्रति हाथ में लिए भाषण देते दिखाई देते रहे हैं। बात-बात में संविधान की दुहाई देने का क्रम चल रहा है। जबकि वास्तविकता में उन्हीं के परिवारजनों एंव उन्ही की कांग्रेस पार्टी ने संविधान की हत्या कर आपातकाल लगाया था। भारत के स्वस्थ और मजबूत लोकतांत्रिक वातावरण में भी लोकतंत्र व संविधान बचाने के लिए सभाओं के प्रहसन चल रहे हैं। आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर यह अवसर है जब मुड़कर इतिहास को फिर से देखने की आवश्यकता है। आज के युवा भाजपा कार्यकतार्ओं को अपनी पार्टी के इस इतिहास से भी रूबरू होने की आवश्यकता है। उन्हे पता होना चाहिए की आज पार्टी का जो विशाल वट वृक्ष दिखाई दे रहा है उसके पीछे उन हजारों पार्टी के वरिष्ठ कार्यकतार्ओं का बलिदान और तपस्या है, जिन्होने कांग्रेस सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल के विरूद्ध आवाज उठाई और प्रदर्शन किये, अपने जीवन के उन्नीस महीने जेल में गुजारे है। आज हम सभी कार्यकतार्ओं को ऐसे बलिदानी मीसाबंदियों एंव उनके परिवारजनों से संपर्क कर उनसे मार्गदर्शन लेना चाहिए और आपातकाल विभीषिका की जानकारी प्राप्त करना चाहिए।

आपातकाल का निर्णय किसी युद्ध या आंतरिक विद्रोह के कारण नहीं बल्कि एक प्रधानमंत्री के लोकसभा चुनाव रद्द होने और अपनी सत्ता बचाने की हताशा में लिया गया राष्ट्र विरोधी निर्णय था। विजयवर्गीय ने आगे कहा कि इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा जैसे नारों से आपातकाल के समय में कांग्रेस ने देश को व्यक्ति पूजा और परिवारवाद की प्रयोगशाला बना दिया।

कार्यक्रम में अपने संस्मरण बताते हुए रतलाम जिले के पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष बजरंग पुरोहित ने कहा की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संविधान में रातो रात संशोधन कर लोकतंत्र की हत्या की और पुरे देश में आपातकाल लगा दिया। विरोध करने वाले को चुन-चुन कर जेलों में भर दिया गया। मीडिया की स्वतंत्रता पर पाबंदी लगा दी गई। आप सभी कार्यकतार्ओं को इन सभी बातों को अपने-अपने क्षेत्र में जाकर जनता के बीच बताना होगा।

भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश दीक्षित ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा की आज जिला भाजपा मंदसौर द्वारा जिले में रह रहे अधिकांश मीसाबंदी एंव उनके परिवारजनों को कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है और इन सभी का सम्मान हमारे मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय जी द्वारा होना है। मेरा आप सभी जिले के युवा पदाधिकारी एंव कार्यकतार्ओं से आग्रह है की आपातकाल की विभीषिका के दर्दनाक और असहनीय कृत्यों की जानकारी प्राप्त कर कांग्रेस द्वारा किये जा रहे षड्यंत्र को बेनकाब करने में जुट जायें। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम सह प्रभारी देवेंद्र मरच्या ने किया एंव आभार कार्यक्रम जिला प्रभारी जगदीश परमार ने माना। उक्त जानकारी भाजपा जिला मीडिया प्रभारी निलेश जैन ने दी।

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(Udaipur Kiran) / अशोक झलोया

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