नई दिल्ली, 16 मई . सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बेंगलुरु स्थित हरे कृष्ण मंदिर इस्कॉन सोसाइटी बेंगलूरू का ही है न कि इस्कॉन सोसाइटी मुंबई का. जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए ये आदेश सुनाया. हाई कोर्ट ने बेंगलुरू में प्रतिष्ठित हरे कृष्ण मंदिर और शैक्षणिक परिसर पर नियंत्रण के लिए इस्कॉन मुंबई के पक्ष में फैसला सुनाया था.
दरअसल बेंगलुरु के ट्रायल कोर्ट ने 2009 में बेंगलुरु के हरे कृष्ण मंदिर और शैक्षणिक परिसर को बेंगलुरु इस्कॉन का बताया था. इस आदेश को इस्कॉन मुंबई ने कर्नाटक हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. हाई कोर्ट ने मई 2011 के अपने आदेश में बेंगलुरु के हरे कृष्ण मंदिर और शैक्षणिक परिसर को इस्कॉन मुंबई का बताया था. हाई कोर्ट के इस आदेश को इस्कॉन बेंगलुरु ने जून 2011 में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
इस्कॉन बेंगलुरु का रजिस्ट्रेशन कर्नाटक में हुआ है और उसने दावा किया था कि वो दशकों से बेंगलुरु के मंदिर के प्रबंधन का काम देख रही है. जबकि इस्कॉन मुंबई का दावा था कि इस्कॉन बेंगलुरु केवल उसकी शाखा है और संबंधित संपत्ति सही मायने में उसके अधिकार क्षेत्र में आती है.
/संजय
—————
/ अमरेश द्विवेदी
You may also like
भारत-पाकिस्तान संघर्ष: किसे कितना नुक़सान, क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट
चप्पे-चप्पे की खुफिया जानकारी मिलेगी एक जगह, सरकार ने बनाया ऐसा प्लेटफार्म, आज हुई इसकी शुरुआत
बिहार में जमीन सर्वे पर आया सबसे बड़ा अपडेट, भूमि सुधार मंत्री ने उठाया सबसे बड़ा कदम, जिले के राजस्व अधिकारी सावधान!
इन 4 राशियों के जीवन से माँ काली का प्रकोप हुआ शांत, अब परेशानियों का होगा अंत
'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद राजनयिक पहल की जरूरत, पर दोहरा मापदंड क्यों: कांग्रेस