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राजस्थान में भारी बारिश बनी आफत, सात की मौत, कई बांध टूटे-गांवों का टूटा संपर्क

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जयपुर, 19 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजस्थान में पिछले 24 घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। खासकर, पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर, अजमेर, सवाई माधोपुर, टोंक, बारां, जैसलमेर, पाली और बूंदी जिलों में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं।

जोधपुर के बालेसर क्षेत्र में सर्वाधिक 175 मिलीमीटर बारिश मापी गई, जहां बारिश के कारण एक ट्रैक्टर नदी में फंस गया। ट्रैक्टर में सवार चार लोगों को क्रेन की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला गया। इसी इलाके की जैन कॉलोनी में एक युवक पानी के तेज बहाव में बहने लगा लेकिन उसने पास खड़ी कार को पकड़कर अपनी जान बचाई, जबकि बाइक बह गई।

जोधपुर के शेरगढ़ क्षेत्र में भारी बारिश के कारण 40 साल पुराना बांध टूट गया, जिससे उसका पानी 10 किलोमीटर दूर तक खेतों और ढाणियों में फैल गया। प्रशासन ने समय रहते प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। इसी तरह बालेसर नगरपालिका क्षेत्र में स्थित 20 साल पुराना अमृतनगर बांध भी टूट गया।

प्रदेशभर में बारिश से जुड़े हादसों में अब तक सात लोगों की जान जा चुकी है। अजमेर के उंटड़ा में तालाब में नहाने गई चार लड़कियों में से तीन की मौत हो गई, जबकि एक को बचा लिया गया। किशनगढ़ के ही तिलोनिया क्षेत्र में एक 14 साल का लड़का नाड़ी में डूब गया। सवाई माधोपुर के पुराने शहर कागजी मोहल्ले में एक चार साल का बच्चा नाले में गिर गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं टोंक जिले में शुक्रवार रात को बहे एक बाइक सवार का शव 15 घंटे बाद बरामद हुआ, जबकि बूंदी के नैनवां क्षेत्र में बहा एक व्यक्ति अब भी लापता है। जोधपुर के सूरसागर इलाके में भी एक युवक तालाब में डूब गया, जिसकी तलाश जारी है।

बारां जिले के कोटड़ी सुंडा गांव में पार्वती नदी में दो ट्रैक्टर और एक ट्रॉली बह गई। शनिवार को पत्थर भरने गई ट्रॉली फंसने के बाद उसे निकालने की कोशिश के दौरान पानी का बहाव अचानक तेज हो गया और ट्रॉली खींच रही जेसीबी की रस्सी टूट गई। इससे दूसरा ट्रैक्टर भी बह गया। गनीमत रही कि दोनों ट्रैक्टर चालकों ने समय रहते कूदकर अपनी जान बचा ली।

राज्य के कई शहरों और गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। सवाई माधोपुर के मलारना डूंगर उपखंड से मायापुर डूंगरी, टापरी गुजरान और भाई-भाई की ढाणी का संपर्क कट गया है। करेल गांव में घरों में दो-दो फीट तक पानी भर गया है। अजमेर में लगातार हो रही बारिश के चलते लाखन कोटड़ी में एक जर्जर मकान गिर गया, हालांकि समय रहते परिवार ने मकान खाली कर दिया था, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई। श्रीगंगानगर में भी एक तीन मंजिला जर्जर बिल्डिंग धराशायी हो गई।

कोटा जिले के कैथून कस्बे में शनिवार दोपहर मवासा रोड पर एक कार पानी में फंस गई। स्थानीय लोगों ने कार को धक्का देकर पानी से बाहर निकाला।

मानसून के इस सीजन में राजस्थान में अब तक औसत से 108 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है। जोधपुर के ओसियां में 78 मिलीमीटर, शेरगढ़ में 60, सेखाला में 110, बाओरी में 93, सेतरावा में 76, लोहावट में 43, बापिणी में 44 और भोपालगढ़ में 64 मिलीमीटर बारिश हुई। जैसलमेर के पोकरण में 53 मिलीमीटर और नाचना में 60, जबकि पाली जिले में 69 मिलीमीटर बारिश हुई।

हालांकि अब मौसम विभाग ने राहत की खबर दी है। जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि रविवार से प्रदेश में भारी बारिश का दौर कुछ थमेगा। अगले तीन-चार दिन राज्य के अधिकांश हिस्सों में मौसम साफ रहने की संभावना है। कुछ इलाकों में हल्की बारिश या बूंदाबांदी हो सकती है, लेकिन 27-28 जुलाई से एक बार फिर मानसून सक्रिय होने की संभावना है।

माैसम विशेषज्ञों के अनुसार बंगाल की खाड़ी से लगातार बन रहा वेदर सिस्टम अब कमजोर पड़ने लगा हैं। हवा की दिशा पश्चिम-दक्षिणी होने और मानसून ट्रफ के उत्तर में शिफ्ट होने के कारण बारिश का प्रभाव थोड़े समय के लिए कम हो गया है। हालांकि, जुलाई के आखिरी सप्ताह में एक नया सिस्टम बनने की संभावना है, जिससे फिर से भारी बारिश हो सकती है।

फिलहाल, राज्य में राहत व बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं और प्रशासन अलर्ट मोड पर है।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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