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विद्युत बोर्ड में वित्तीय सुधारों की दिशा में किए जा रहे कार्य : राजेश धर्माणी

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शिमला, 23 अक्टूबर . तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने आज हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड (एचपीएसईबीएल) से संबंधित मुद्दों पर गठित उप-समिति की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बोर्ड लोगों को समयबद्ध और बेहतर उपभोक्ता सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है.

धर्माणी ने बताया कि बोर्ड उपभोक्ताओं को और बेहतर कैशलेस एवं फेसलेस सुविधाएं प्रदान करेगा और शिकायत निवारण प्रणाली को सुदृढ़ किया जाएगा. उन्होंने बोर्ड को आत्मनिर्भर और व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य संगठन बनाने के लिए एक रोड मैप तैयार करने के निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि सभी पदों को कार्योन्मुखी आधार पर सुनिश्चित करके कर्मचारियों की दक्षता को आधुनिक प्रशिक्षण तकनीकों के माध्यम से बढ़ाया जाएगा. इसके साथ ही फील्ड में तकनीकी सामग्री की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी.

मंत्री ने हिमाचल प्रदेश विद्युत विनियामक आयोग द्वारा वित्तीय स्थिति में सुधार के निर्देशों का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया कि आयोग ने बोर्ड को कर्मचारी लागत को कम करने के निर्देश दिए हैं ताकि उपभोक्ताओं को सस्ती विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके. वर्तमान में बिजली की खरीद लागत 3.50 रुपये प्रति यूनिट है, जबकि विद्युत आपूर्ति की वास्तविक लागत 6.79 रुपये प्रति यूनिट है.

धर्माणी ने कहा कि विभिन्न श्रेणियों के पदों का युक्तिकरण किया जा रहा है, लेकिन किसी भी इंजीनियर को पदों से नहीं हटाया गया है. उन्होंने उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए वित्तीय प्रबंधन के महत्व पर जोर दिया.

इसके बाद एचपीएसईबीएल के कर्मचारियों और इंजीनियर्स के ज्वाइंट फ्रंट के साथ आयोजित बैठक में मंत्री ने कहा कि कर्मचारियों से संबंधित मामलों पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा. उन्होंने आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार बोर्ड की वित्तीय स्थिति और कार्य प्रणाली को सशक्त करने की दिशा में प्रयासरत है.

धर्माणी ने कहा कि बोर्ड के इंजीनियर्स और कर्मचारी लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवा रहे हैं और वित्तीय स्थिति को सुधारने की दिशा में निरंतर काम कर रहे हैं.

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शुक्ला

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