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आने वाली पीढ़ियों का स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी:नायब सिंह सैनी

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-वन महोत्सव में सीएम सैनी ने की पौधरोपण और विश्राम गृह की शुरुआत

-सरकार कालका से लेकर कलेसर तक के पूरे क्षेत्र को पर्यटन हब के रूप में विकसित कर रही

चंडीगढ़, 28 जुलाई (Udaipur Kiran) । हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि जीवन का आधार प्रकृति है और प्रकृति का संरक्षण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। आज हम आधुनिकता की दौड़ में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, वन महोत्सव हमें इसी बात की याद दिलाता है कि विकास की अंधी दौड़ में हम प्रकृति का शोषण न करें, बल्कि उसके साथ मिलकर रहना सीखें। जब हम एक पेड़ लगाते हैं तो हम जीवन का एक स्रोत रोपित करते हैं, एक नई उम्मीद पैदा करते हैं।

मुख्यमंत्री सोमवार को यमुनानगर के कलेसर में वन विभाग द्वारा आयोजित राज्यस्तरीय वन महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर रहे थे। उन्होंने राज्य स्तरीय वन महोत्सव में पौधरोपण भी किया, साथ ही वन विभाग के नव निर्मित विश्राम गृह का उद्घाटन भी किया। कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कालेश्वर महादेव मठ मंदिर में जाकर भगवान शिव की पूजा अर्चना की और प्रदेश की सुख स्मृद्धि के लिए कामना की।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि वन महोत्सव प्रकृति के प्रति हमारी कृतज्ञता, हमारे दायित्व और आने वाली पीढ़ियों का स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करने के हमारे संकल्प का प्रतीक है। कलेसर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह न केवल पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यटकों, प्रकृति प्रेमियों और ट्रैकिंग करने वालों के लिए भी बेहद आकर्षक स्थल है। सरकार कालका से लेकर कलेसर तक के पूरे क्षेत्र को पर्यटन हब के रूप में विकसित कर रही हैं।

प्रदेश में दाे करोड़ 10 लाख पौधे लगाए जाएंगे

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि वन क्षेत्रों को बढ़ाने के लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 5 जून, 2024 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर दिल्ली के बुद्ध जयंती पार्क में पौधरोपण करते हुए एक पेड़ मां के नाम से एक अनूठा अभियान शुरू किया था। इसी कड़ी में एक पेड़ मां के नाम के पहले चरण में हरियाणा में एक करोड़ 60 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा था, हमने लक्ष्य से बढ़कर 1 करोड़ 87 लाख पौधे लगाये। इस साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एक पेड़ मां के नाम के दूसरे चरण की शुरूआत की है। दूसरे चरण में 90 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा, इस साल अन्य योजनाओं में प्रदेश में कुल 1 करोड़ 20 लाख पौधे और लगाने का लक्ष्य रखा गया है। एस प्रकार प्रदेश में 2 करोड़ 10 लाख पौधे लगाए जाएंगे।

2014 से अब तक प्रदेश में लगभग 18 करोड़ पौधे लगाये जा चुके

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने 75 साल से अधिक आयु के वृक्षों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए प्राणवायु देवता पेंशन स्कीम शुरू की है। इस योजना के तहत 75 साल से अधिक आयु के वृक्षों के रख-रखाव के लिए 3000 रुपये प्रति वर्ष प्रति पेड़ पेंशन का प्रावधान किया है। इस योजना के तहत 3800 वृक्षों के संरक्षकों के खातों में 1 करोड़ रुपये की धनराशि डाली जा चुकी है। अक्तूबर 2014 से अब तक प्रदेश में लगभग 18 करोड़ पौधे लगाये जा चुके हैं।

कार्यक्रम में पर्यावरण एवं वन मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए एक पेड़ मां के नाम अभियान के दूरगामी परिमाण सामने आएंगे। हमें इस अभियान में शामिल होते हुए पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए अधिक से अधिक पौधे रोपित करने चाहिए। पौधे लगाने के साथ हमें उनकी देखभाल भी करनी चाहिए। विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने भी आमजन से पेड़-पौधे की संभाल करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमें उनकी कम से कम एक वर्ष तक देखभाल करनी चाहिए। पेड़-पौधे हमारे जीवन दाता है और यदि हमें अपने पर्यावरण को दूषित होने से बचाना है तो हमें अधिक से अधिक संख्या में पौधे लगाने होंगे।

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(Udaipur Kiran) शर्मा

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